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Ayodhya News: तापमान गिरा, आस्था का पारा चढ़ा
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Sat, 20 Dec 2025 09:28 PM IST
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05- राम जन्मभूमि दर्शन पथ पर दर्शन के बाद विश्राम करते बुजुर्ग दंपती।- संवाद
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अयोध्या। रामनगरी इन दिनों घने कोहरे व शीतलहरी की चपेट में है, लेकिन आस्था का सूर्य चमक रहा है। शनिवार सुबह बर्फीली हवाओं और शीतलहर के बीच भी रामनगरी की धड़कन थमी नहीं। रामलला के दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालुओं की कतारें आस्था की ऐसी तस्वीर पेश कर रही थीं, जो ठंड की हर परत को चीरती आगे बढ़ रही थी। रोजाना एक लाख से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन को पहुंच रहे हैं।
शनिवार सुबह ठिठुरन वाली रही, लेकिन सुबह छह बजे से ही रामपथ पर जयघोष की गूंज ने पारा चढ़ा दिया। कोहरे की ओट में छिपे सूर्य देवता के दर्शन भले नहीं हुए, लेकिन आस्था का सूर्य रोशनी बिखेरता रहा। रामलला के दर्शन पथ से लेकर निकास मार्ग तक निरंतर जयश्रीराम का उद्घोष गूंज रहा था। ऊनी वस्त्रों में लिपटे श्रद्धालु, आंखों में भक्ति, हर कदम पर “जय श्रीराम” का स्वर ठंड को मात देता दिखाई दे रहा था। स्वयंसेवक व्यवस्था संभाल रहे थे, सुरक्षा बल मुस्तैद थे और मार्ग पर श्रद्धालु अनुशासन के साथ आगे बढ़ते जा रहे थे।
जगन्नाथपुरी से परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने आए अक्रूर तिवारी ने कहा कि ठंड बहुत है, लेकिन जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं सब कोई...। इसलिए रामनाम ही सबसे बड़ा बल है। रामलला के सामने खड़े होकर लगा, यही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने बताया कि इस समय श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। रोजाना एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। उनकी सुरक्षा व सुविधा के सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
बुर्जग दंपत्ती के चेहरे पर दिखी चमक
कड़ाके की ठंड और शीतलहरी के बीच भी आस्था की उम्र नहीं होती यह संदेश उस वक्त जीवंत हो उठा, जब बुजुर्ग दंपती रामलला के दर्शन कर गर्भगृह से बाहर निकले। दिल्ली से आए राम स्वरूप व सुमित्रा देवी के चेहरों पर थकान नहीं, बल्कि संतोष और आनंद की चमक थी। वे पहली बार अयोध्या में रामलला के दर्शन पाकर निहाल थे। ठंड व उम्र दोनों इस यात्रा में बांधा नहीं बन सके यह कहते हुए दोनों भावुक हो उठे।
दर्शन को पहुंचता रहा स्कूली बच्चों का जत्था
रामलला के दर्शन पथ सुबह करीब 12 बजे स्कूली बच्चों का जत्था जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए आगे बढ़ रहा था। यह बच्चे देवरिया के एक इंटर कॉलेज से आए थे। ड्रेस, स्वेटर व टोपी में लिपटे बच्चे, हाथ जोड़कर जय श्रीराम का उच्चारण करते हुए गतिमान नजर आए। ठंड के बावजूद उनके चेहरे पर उत्सुकता और उल्लास साफ झलक रहा था। कई बच्चों ने पहली बार रामलला के दर्शन किए, वे खुश नजर आ रहे थे।
सरयू तट पर नजर आया अलग दृश्य
कड़ाके की ठंड और शीतलहरी के बीच सरयू तट पर एक अलग ही दृश्य नजर आया। जहां एक ओर मंदिर परिसर और दर्शन पथ पर जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी, वहीं सरयू तट पर श्रद्धालु सन्नाटे और साधना में डूबे दिखाई दिए। शीतलहर के बावजूद श्रद्धालु देर तक तट पर बैठे रहे, कई श्रद्धालुओं ने पावन सलिला में डुबकी भी लगाई।
तिथि- श्रद्धालुओं की संख्या
16 दिसंबर-101457
17 दिसंबर-102760
18 दिसंबर-115780
19 दिसंबर-113950
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जगन्नाथपुरी से परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने आए अक्रूर तिवारी ने कहा कि ठंड बहुत है, लेकिन जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं सब कोई...। इसलिए रामनाम ही सबसे बड़ा बल है। रामलला के सामने खड़े होकर लगा, यही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने बताया कि इस समय श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। रोजाना एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। उनकी सुरक्षा व सुविधा के सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
बुर्जग दंपत्ती के चेहरे पर दिखी चमक
कड़ाके की ठंड और शीतलहरी के बीच भी आस्था की उम्र नहीं होती यह संदेश उस वक्त जीवंत हो उठा, जब बुजुर्ग दंपती रामलला के दर्शन कर गर्भगृह से बाहर निकले। दिल्ली से आए राम स्वरूप व सुमित्रा देवी के चेहरों पर थकान नहीं, बल्कि संतोष और आनंद की चमक थी। वे पहली बार अयोध्या में रामलला के दर्शन पाकर निहाल थे। ठंड व उम्र दोनों इस यात्रा में बांधा नहीं बन सके यह कहते हुए दोनों भावुक हो उठे।
दर्शन को पहुंचता रहा स्कूली बच्चों का जत्था
रामलला के दर्शन पथ सुबह करीब 12 बजे स्कूली बच्चों का जत्था जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए आगे बढ़ रहा था। यह बच्चे देवरिया के एक इंटर कॉलेज से आए थे। ड्रेस, स्वेटर व टोपी में लिपटे बच्चे, हाथ जोड़कर जय श्रीराम का उच्चारण करते हुए गतिमान नजर आए। ठंड के बावजूद उनके चेहरे पर उत्सुकता और उल्लास साफ झलक रहा था। कई बच्चों ने पहली बार रामलला के दर्शन किए, वे खुश नजर आ रहे थे।
सरयू तट पर नजर आया अलग दृश्य
कड़ाके की ठंड और शीतलहरी के बीच सरयू तट पर एक अलग ही दृश्य नजर आया। जहां एक ओर मंदिर परिसर और दर्शन पथ पर जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी, वहीं सरयू तट पर श्रद्धालु सन्नाटे और साधना में डूबे दिखाई दिए। शीतलहर के बावजूद श्रद्धालु देर तक तट पर बैठे रहे, कई श्रद्धालुओं ने पावन सलिला में डुबकी भी लगाई।
तिथि- श्रद्धालुओं की संख्या
16 दिसंबर-101457
17 दिसंबर-102760
18 दिसंबर-115780
19 दिसंबर-113950

05- राम जन्मभूमि दर्शन पथ पर दर्शन के बाद विश्राम करते बुजुर्ग दंपती।- संवाद
