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Exclusive:आंधी के कहर में अन्नदाता कंगाल और ठेकेदार हुए मालामाल, ट्यूबवेल ठप, सूखी फसलें
मुकेश पंवार, संवाद न्यूज एजेंसी, बागपत
Published by: डिंपल सिरोही
Updated Fri, 06 Jun 2025 04:45 PM IST
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सार
उत्तर प्रदेश के बड़ौत में आंधी में 22 मई को खंभे टूटने पर अभी तक नहीं लगाए गए। ऐसे में किसानों को दो से तीन हजार रुपये में खंभा खरीदना पड़ रहा है। वहीं जिले में अभी तक सैकड़ों नलकूप पड़े ठप, फसलों के सूखने से किसानों के लिए परेशानी हो रही है।

आंधी से टूटे बिजली के खंभे और पेड़
- फोटो : अमर उजाला

विस्तार
यहां आंधी के कहर में अन्नदाता कंगाल हो गए और ठेकेदार मालामाल हो रहे हैं क्योंकि आंधी से काफी खंभे टूटने से नलकूप अभी तक बंद पड़े हुए हैं और फसलें सूखने लगी हैं। ऊर्जा निगम के पास जितने खंभे थे, उनको लगा दिया और अब खंभे खत्म होने पर किसानों के लिए परेशानी खड़ी हो गई। किसानों को मजबूरी में दो-तीन हजार रुपये में ठेकेदारों से खंभे खरीदने पड़ रहे हैं।
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जिले में 22 मई की रात को आंधी के कारण 510 खंभों के साथ ही करीब 50 किमी लाइन टूट गई थी। इसके अलावा 32 केवी क्षमता के सभी 82 उप केंद्रों पर ब्रेकडाउन आ गया था। आंधी का इतना कहर था कि ऊर्जा निगम को आठ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, वहीं अन्नदाताओं को भी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
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अब स्थिति यह है कि विभाग के पास खंभे नहीं बचे हैं। इस समय 500 से अधिक खभों की आवश्यकता है। वहीं स्टोर में सामग्री खत्म होने की वजह से नलकूपों की लाइन चालू नहीं हो रही है और नलकूप बंद रहने से किसानों की फसल सूख रही है। किसान लगातार विभागीय अफसरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है। उधर, किसानों की मजबूरी का ठेकेदार फायदा उठा रहे हैं। किसान उनसे दो-तीन हजार रुपये में खंभा खरीदने को मजबूर है।
केस नंबर एक
आंधी में चार खंभे व लाइन टूट गई थी। तभी से नलकूप बंद है। 100 बीघा फसल बिन पानी सूख रही है। अवर अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता तक शिकायत की जा चुकी है। कोई समाधान नहीं निकला। मजबूरन एक ठेकेदार से महंगे दामों में खंभे खरीदने पड़े। -पिंटू खोखर, दोघट
केस नंबर एक
आंधी में चार खंभे व लाइन टूट गई थी। तभी से नलकूप बंद है। 100 बीघा फसल बिन पानी सूख रही है। अवर अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता तक शिकायत की जा चुकी है। कोई समाधान नहीं निकला। मजबूरन एक ठेकेदार से महंगे दामों में खंभे खरीदने पड़े। -पिंटू खोखर, दोघट
केस नंबर दो
बड़ौत-मुजफ्फरनगर मार्ग पर बिजरौल गांव के जंगल में 15 दिनों से खेतों की लाइन व खंभे टूटे पड़े हैं। इसकी वजह से 40 किसानों की फसल सूख रही है। सड़क किनारे टूटी लाइन व खंभों से हादसे का भी डर सता रहा है। अधिकारियों को शिकायत कर रहे हैं, मगर कोई हल नहीं निकला। अब ठेकेदार से महंगे दामों में खंभे व तार खरीदकर लाइन ठीक करा रहे हैं। -यशपाल चौधरी, बिजरौल
आंधी से काफी संख्या में खंभे टूट गए और स्टोर में सामग्री भी खत्म है। कुछ जगहों से ठेकेदार की ओर से महंगे दामों में खंभे देने की शिकायत प्राप्त हुई है। इसकी भी जांच की जाएगी। जैसे ही स्टोर में सामग्री उपलब्ध होगी, तुरंत उनको लगाकर लाइनों को ठीक कर दिया जाएगा। -नितिन जायसवाल, अधिशासी अभियंता द्वितीय बड़ौत
बड़ौत-मुजफ्फरनगर मार्ग पर बिजरौल गांव के जंगल में 15 दिनों से खेतों की लाइन व खंभे टूटे पड़े हैं। इसकी वजह से 40 किसानों की फसल सूख रही है। सड़क किनारे टूटी लाइन व खंभों से हादसे का भी डर सता रहा है। अधिकारियों को शिकायत कर रहे हैं, मगर कोई हल नहीं निकला। अब ठेकेदार से महंगे दामों में खंभे व तार खरीदकर लाइन ठीक करा रहे हैं। -यशपाल चौधरी, बिजरौल
आंधी से काफी संख्या में खंभे टूट गए और स्टोर में सामग्री भी खत्म है। कुछ जगहों से ठेकेदार की ओर से महंगे दामों में खंभे देने की शिकायत प्राप्त हुई है। इसकी भी जांच की जाएगी। जैसे ही स्टोर में सामग्री उपलब्ध होगी, तुरंत उनको लगाकर लाइनों को ठीक कर दिया जाएगा। -नितिन जायसवाल, अधिशासी अभियंता द्वितीय बड़ौत