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Banda News: उल्टी-दस्त के साथ गले में संक्रमण के मरीज भी बढ़े
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अस्पताल में भर्ती मरीज।
- फोटो : संवाद

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बांदा। भीषण गर्मी में डायरिया के साथ-साथ गले में संक्रमण के रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। ठंडा पानी पीने से प्रतिदिन नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञों की ओपीडी में 70 से 75 मरीज गले के संक्रमण के आ रहे हैं। उधर, डायरिया भी जोर पकड़े है। गुरुवार को जिला अस्पताल के ट्राॅमा सेंटर में डायरिया के 12 मरीजों को भर्ती कराया गया।
मंडलीय चिकित्सालय में चल रही नाक, कान गला (ईएनटी) की दो डॉक्टरों की ओपीडी में प्रतिदिन 70 से 75 मरीज गले के संक्रमण के आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि धूप से घर या आफिस पहुंचकर फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी पीने से यह समस्या हो रही है। ईएनटी सर्जन डॉ. एमके गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में आने वाले ज्यादातर मरीजों में खराश की समस्या है। ईएनटी सर्जन का कहना है कि फ्रिज में रखा पानी बिल्कुल भी नहीं पीयें। बाहर बिकने वाले बर्फ के गोले भी नुकसानदायक हैं। इससे परहेज करें। तरबूज, खीरा और ककरी जैसे पानीदार फल खायें।
उधर, जिला अस्पताल के ट्राॅमा सेंटर में गुरुवार को उल्टी दस्त से पीड़ित कालूकुआं मोहल्ला निवासी जीतेंद्र (20), मर्दननाका मोहल्ला निवासी नेहा (19), मढि़यानाका निवासी अभिनव (8), मवई निवासी अंशिका (17), स्वराज कालोनी निवासी अंशु (18), जमालपुर निवासी प्रियंका (11), चिल्ला निवासी रोहित (29), मढि़यानाका निवासी सविता (15), मोहन पुरवा निवासी जीतू (45), महोखर निवासी कुलदीप (50), महोखर गांव निवासी रामबाई (55), मवई गांव निवासी अनामिका (2) को भर्ती कराया गया है। अनामिका के परिजनों ने बताया कि बेड नहीं मिला। बेंच पर लेटकर बोतल लगवाने के लिए मजबूर हैं। सविता को भी बेड नहीं मिला।
वर्जन
ट्राॅमा सेंटर में 29 बेड हैं। इन दिनों डायरिया के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। उधर, हादसे वाले मरीज भी ट्राॅमा सेंटर में आते हैं। जिन मरीजों को बेड नहीं मिलता, उन्हें अंदर के वार्डों में शिफ्ट किया जाता है। सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। डॉ.एसडी त्रिपाठी, प्रभारी सीएमएस, जिला अस्पताल, बांदा।
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मंडलीय चिकित्सालय में चल रही नाक, कान गला (ईएनटी) की दो डॉक्टरों की ओपीडी में प्रतिदिन 70 से 75 मरीज गले के संक्रमण के आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि धूप से घर या आफिस पहुंचकर फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी पीने से यह समस्या हो रही है। ईएनटी सर्जन डॉ. एमके गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में आने वाले ज्यादातर मरीजों में खराश की समस्या है। ईएनटी सर्जन का कहना है कि फ्रिज में रखा पानी बिल्कुल भी नहीं पीयें। बाहर बिकने वाले बर्फ के गोले भी नुकसानदायक हैं। इससे परहेज करें। तरबूज, खीरा और ककरी जैसे पानीदार फल खायें।
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उधर, जिला अस्पताल के ट्राॅमा सेंटर में गुरुवार को उल्टी दस्त से पीड़ित कालूकुआं मोहल्ला निवासी जीतेंद्र (20), मर्दननाका मोहल्ला निवासी नेहा (19), मढि़यानाका निवासी अभिनव (8), मवई निवासी अंशिका (17), स्वराज कालोनी निवासी अंशु (18), जमालपुर निवासी प्रियंका (11), चिल्ला निवासी रोहित (29), मढि़यानाका निवासी सविता (15), मोहन पुरवा निवासी जीतू (45), महोखर निवासी कुलदीप (50), महोखर गांव निवासी रामबाई (55), मवई गांव निवासी अनामिका (2) को भर्ती कराया गया है। अनामिका के परिजनों ने बताया कि बेड नहीं मिला। बेंच पर लेटकर बोतल लगवाने के लिए मजबूर हैं। सविता को भी बेड नहीं मिला।
वर्जन
ट्राॅमा सेंटर में 29 बेड हैं। इन दिनों डायरिया के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। उधर, हादसे वाले मरीज भी ट्राॅमा सेंटर में आते हैं। जिन मरीजों को बेड नहीं मिलता, उन्हें अंदर के वार्डों में शिफ्ट किया जाता है। सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। डॉ.एसडी त्रिपाठी, प्रभारी सीएमएस, जिला अस्पताल, बांदा।