{"_id":"120-61654","slug":"Bareilly-61654-120","type":"story","status":"publish","title_hn":"रियल स्टेट कारोबार पर ज्यादा असर नहीं","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
रियल स्टेट कारोबार पर ज्यादा असर नहीं
Bareilly
Updated Sat, 02 Mar 2013 05:31 AM IST
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बरेली। मध्यम वर्गीय बरेली शहर के लोगों को बजट ने राहत ही दी है। यहां इन दिनों 20-40 लाख कीमत वाले ही मकान बन रहे हैं। इस दायरे वाले मकानों पर नए टैक्सों का तो असर नहीं पड़ेगा, बल्कि होम लोन को बढ़ावा देने के लिए आयकर में छूट बढ़ाने से लोगों को फायदा ही होगा। ऐसे में अगले दो-तीन साल तक तो मकान खरीदने में फायदा ही फायदा है। यह बात खुद बिल्डर ही कह रहे हैं।
शहर में बिल्डरों की शुरू से ही रणनीति रही है कि वे न सस्ते मकान बनाते हैं और न बहुत महंगे। यह रणनीति इस बार वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बजट से भी मेल खा गई है। पचास लाख से अधिक की भू संपत्ति खरीदने पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने के प्राविधान का भी अभी असर नहीं पड़ेगा। कारण ज्यादातर बिल्डरों ने पहले से काफी जमीन लेकर डाल रखी है और उनमें से कई जगह मकान बनाकर भी तैयार कर लिये हैं। इस नए प्राविधान का असर तो तब पड़ेगा, जब बिल्डर नई जमीन खरीदेंगे। तब भी बिल्डरों पर एक ‘तोड़’ तो रहेगा ही। कहीं भी कोई बिल्डर जमीन खरीदता है तो वह टुकड़ों में ही होती है। एक हिस्सा 50 लाख से कम का खरीदने पर यह नया प्राविधान लागू ही नहीं होगा। वहीं शहर में बिल्डरों द्वारा तैयार किए गए मकान 20 से 40 लाख के बीच ही हैं। हाल-फिलहाल में तो मकानों की कोई खास कीमत भी नहीं बढ़ने जा रही, कम से कम रजिस्ट्री में जितना मूल्य दिखाया जाता है। पचास लाख से ऊपर का मकान खरीदने पर ही लोगों को टीडीएस देना होगा। दूसरा प्राविधान किया गया है कि 50 लाख से ऊपर का मकान खरीदने पर उस कीमत के 30 प्रतिशत पर 12.36 प्रतिशत सर्विस टैक्स लगेगा। वहीं 50 लाख से नीचे के मकान पर पहले की तरह 25 प्रतिशत वेल्यू पर ही सर्विस टैक्स लगेगा। सीमेंट, सरिया आदि निर्माण सामग्री पर भी रेट में परिवर्तन नहीं आया है।
बिल्डर बोले-
रियल एस्टेट की स्थिति इस वक्त ठीक चल रही है। शहर में अभी दो-चार साल तक यह स्थिति बनी भी रहेगी। सघन आबादी वाले मोहल्लों में रहने वाले लोग अब बाहर बनी कॉलोनी में ही शिफ्ट हो रहे हैं। हम लोगों को 50 लाख से ऊपर की संपत्ति पर जो एक प्रतिशत कर देना होगा, उसका असर आएगा तो ग्राहकों पर ही। लेकिन एक ग्राहकों की संख्या काफी कम है। दो साल तक तो ग्राहकों पर इसका असर नहीं आएगा, क्योंकि बिल्डरों पर पहले से बने हुए ही काफी मकान हैं और उन पर लैंड बैंक भी है। -प्रिंस छाबड़ा, हराइजॉन ड्वेलिंग कंपनी।
बरेली में ज्यादातर बिल्डर 20 से 40 लाख तक के ही फ्लैट और मकान बना रहे हैं। इसलिए रियल एस्टेट को तो हर तरह से राहत देने वाला ही बजट रहा है। दूसरा 25 लाख तक हाउस लोन लेने पर आयकर में ढाई लाख की छूट भी लोगों में जोश भरेगी।
-योगेश कन्नौजिया, योगेश निर्माण कंपनी।
शहर में जिस तरह के मकान बन रहे हैं, उसे देखते हुए नए प्राविधानों का असर नहीं पड़ेगा। भविष्य में जब इसका असर आएगा भी तो हाउस लोन पर आयकर में छूट बढ़ने का फायदा भी मिलेगा, जो स्थिति को बैलेंस करेगा। हालांकि 40 के बजाए 50 लाख रुपये तक के हाउस लोन पर सरकार को लाभ देना चाहिए था। -श्याम सिंह, बिल्डर।
टाउन प्लानर का नजरिया
50 लाख से ऊपर की संपत्ति पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाना अप्रत्यक्ष रूप से स्टांप ड्यूटी ही बढ़ाना है। इसके बावजूद बरेली जैसे शहर पर इसका अभी बहुत असर नहीं पड़ेगा। कारण यह है कि बिल्डर हर दांवपेंच जानते हैं। वहीं आम लोगों में से जिन्हें मकान खरीदना है, वह तो लेगा ही। वैसे भी अभी एकदम से उस पर बजट के रियल एस्टेट संबंधी नए प्राविधानों का कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है। मेरी निगाह में इस वक्त बरेली में विकास कुछ स्लो हुआ है, मगर निचोड़ निकाला जाए तो अब तेजी ही आएगी। -केवी शुक्ला, टाउन प्लानर।
शहर में बिल्डरों की शुरू से ही रणनीति रही है कि वे न सस्ते मकान बनाते हैं और न बहुत महंगे। यह रणनीति इस बार वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बजट से भी मेल खा गई है। पचास लाख से अधिक की भू संपत्ति खरीदने पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने के प्राविधान का भी अभी असर नहीं पड़ेगा। कारण ज्यादातर बिल्डरों ने पहले से काफी जमीन लेकर डाल रखी है और उनमें से कई जगह मकान बनाकर भी तैयार कर लिये हैं। इस नए प्राविधान का असर तो तब पड़ेगा, जब बिल्डर नई जमीन खरीदेंगे। तब भी बिल्डरों पर एक ‘तोड़’ तो रहेगा ही। कहीं भी कोई बिल्डर जमीन खरीदता है तो वह टुकड़ों में ही होती है। एक हिस्सा 50 लाख से कम का खरीदने पर यह नया प्राविधान लागू ही नहीं होगा। वहीं शहर में बिल्डरों द्वारा तैयार किए गए मकान 20 से 40 लाख के बीच ही हैं। हाल-फिलहाल में तो मकानों की कोई खास कीमत भी नहीं बढ़ने जा रही, कम से कम रजिस्ट्री में जितना मूल्य दिखाया जाता है। पचास लाख से ऊपर का मकान खरीदने पर ही लोगों को टीडीएस देना होगा। दूसरा प्राविधान किया गया है कि 50 लाख से ऊपर का मकान खरीदने पर उस कीमत के 30 प्रतिशत पर 12.36 प्रतिशत सर्विस टैक्स लगेगा। वहीं 50 लाख से नीचे के मकान पर पहले की तरह 25 प्रतिशत वेल्यू पर ही सर्विस टैक्स लगेगा। सीमेंट, सरिया आदि निर्माण सामग्री पर भी रेट में परिवर्तन नहीं आया है।
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बिल्डर बोले-
रियल एस्टेट की स्थिति इस वक्त ठीक चल रही है। शहर में अभी दो-चार साल तक यह स्थिति बनी भी रहेगी। सघन आबादी वाले मोहल्लों में रहने वाले लोग अब बाहर बनी कॉलोनी में ही शिफ्ट हो रहे हैं। हम लोगों को 50 लाख से ऊपर की संपत्ति पर जो एक प्रतिशत कर देना होगा, उसका असर आएगा तो ग्राहकों पर ही। लेकिन एक ग्राहकों की संख्या काफी कम है। दो साल तक तो ग्राहकों पर इसका असर नहीं आएगा, क्योंकि बिल्डरों पर पहले से बने हुए ही काफी मकान हैं और उन पर लैंड बैंक भी है। -प्रिंस छाबड़ा, हराइजॉन ड्वेलिंग कंपनी।
बरेली में ज्यादातर बिल्डर 20 से 40 लाख तक के ही फ्लैट और मकान बना रहे हैं। इसलिए रियल एस्टेट को तो हर तरह से राहत देने वाला ही बजट रहा है। दूसरा 25 लाख तक हाउस लोन लेने पर आयकर में ढाई लाख की छूट भी लोगों में जोश भरेगी।
-योगेश कन्नौजिया, योगेश निर्माण कंपनी।
शहर में जिस तरह के मकान बन रहे हैं, उसे देखते हुए नए प्राविधानों का असर नहीं पड़ेगा। भविष्य में जब इसका असर आएगा भी तो हाउस लोन पर आयकर में छूट बढ़ने का फायदा भी मिलेगा, जो स्थिति को बैलेंस करेगा। हालांकि 40 के बजाए 50 लाख रुपये तक के हाउस लोन पर सरकार को लाभ देना चाहिए था। -श्याम सिंह, बिल्डर।
टाउन प्लानर का नजरिया
50 लाख से ऊपर की संपत्ति पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाना अप्रत्यक्ष रूप से स्टांप ड्यूटी ही बढ़ाना है। इसके बावजूद बरेली जैसे शहर पर इसका अभी बहुत असर नहीं पड़ेगा। कारण यह है कि बिल्डर हर दांवपेंच जानते हैं। वहीं आम लोगों में से जिन्हें मकान खरीदना है, वह तो लेगा ही। वैसे भी अभी एकदम से उस पर बजट के रियल एस्टेट संबंधी नए प्राविधानों का कोई असर नहीं पड़ने जा रहा है। मेरी निगाह में इस वक्त बरेली में विकास कुछ स्लो हुआ है, मगर निचोड़ निकाला जाए तो अब तेजी ही आएगी। -केवी शुक्ला, टाउन प्लानर।