Bareilly: पॉक्सो एक्ट का आरोपी पांच साल बाद दोषमुक्त, किशोरी ने पहचानने किया इनकार, माता-पिता बयान से मुकरे
बरेली में पॉक्सो एक्ट के आरोपी को कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया है। सुनवाई के दौरान किशोरी ने आरोपी को पहचानने से इनकार कर दिया। किशोरी के माता-पिता भी अपने बयानों से मुकर गए।
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बरेली में स्पेशल जज रामानंद ने पॉक्सो एक्ट के आरोपी फतेहगंज पूर्वी थाना क्षेत्र निवासी कुंवरपाल को पांच साल बाद दोषमुक्त करार दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह और 10 साक्ष्य कोर्ट में पेश किए, लेकिन आरोप साबित नहीं कर सके। किशोरी ने भी पहचानने से इन्कार कर दिया और उसके माता-पिता भी बयान से मुकर गए।
फतेहगंज पूर्वी थाना क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने 20 अगस्त 2016 को गांव के ही कुंवरपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि दोपहर में उसकी 12 वर्षीय बेटी शौच के लिए गई थी। कुंवरपाल ने उसको गन्ने के खेत में खींच लिया और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश की। बेटी के चीखने पर खेतों पर काम कर रहे तेजपाल, नेत्रपाल और सुआलाल पहुंचे तो कुंवरपाल धमकी देते हुए भाग गया। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने 21 अगस्त को कुंवरपाल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। उसे जेल भेज दिया गया। विवेचना के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी।
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सुनवाई के दौरान किशोरी ने बयान दिया कि मुंह पर कपड़ा बंधा होने के कारण वह आरोपी को पहचान नहीं सकी। तेजपाल, नेत्रपाल और सुआलाल के कहने पर उसने कुंवरपाल का नाम लिया था। किशोरी की मां ने कहा कि कुंवरपाल ने उसकी बेटी के साथ कोई बुरा काम नहीं किया। नेत्रपाल और तेजपाल ने घटना के समय मौजूद न होने की बात कही। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले किशोरी के पिता ने कहा कि उसने सुनी-सुनाई बातों पर रिपोर्ट दर्ज करा दी थी।
कोर्ट की टिप्पणी : अपराध के आधारभूत तथ्यों की पुष्टि नहीं
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से दिए गए साक्ष्यों से अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध के आधारभूत तथ्यों की पुष्टि नहीं होती है। ऐसे में अभियोजन को धारा 29 पॉक्सो एक्ट के विधिक उपधारणा का कोई लाभ नहीं दिया जा सकता। अभियोजन पक्ष कुंवरपाल के खिलाफ आरोपों को संदेह से परे सिद्ध करने में नाकाम रहा। ऐसे में आरोपी को दोषमुक्त किया जाता है।