अंधविश्वास: शीतल के सिर से अब भी नहीं उतर रहा 'भूत', पांच दिन परिवार को घर में रखा बंद; कहती थी- आत्मा आ जाएगी
अंधविश्वास में फंसी शीतल की हालत में अभी भी कोई सुधार नहीं हुआ है। होश में आने के बाद शीतल कह रही है कि उसे मेहंदीपुर बालाजी ले चलो। कभी कहती है कि परिवार के सदस्यों को हमने नहीं, बल्कि पति की आत्मा ने मारा है।
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शाहजहांपुर के कस्बा तिलहर के मोहल्ला बहादुरगंज में पांच दिन तक बंद कमरे में पूजा-पाठ करने वाली शीतल की तबीयत में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ। वह बहकी-बहकी बातें कर रही हैं। गुरुवार को नर्स से बोली कि बालाजी की पूजा वाला पानी चढ़ाना। मेहंदीपुर से डॉक्टर बुलाओ, उससे ही इलाज कराएंगे।
बहादुरगंज के बनारसी के घर में चार दिन से चहलपहल नहीं होने पर मंगलवार को पुलिस ने उसके घर का दरवाजे तोड़ा था। कमरे के अंदर जहां शीतल पूजा-पाठ में लीन मिली थी, वहीं उसकी मां संतो, बहन अंजलि समेत आठ लोग गंभीर हालत में पड़े मिले थे। उन्हें सीएचसी के बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा गया था।
पिता करता रहा फोन, शीतल ने उठाने नहीं दिया
पिता बनारसी खीरी में चूरन बेचने के लिए गए हुए थे। वह कई दिन से अपने घर पर कॉल कर रहे थे लेकिन रिसीव नहीं हो रही थी। अंजलि के अनुसार शीतल किसी को कॉल नहीं उठाने दे रही थी। वह कहती थी कि कॉल रिसीव की तो उसके जरिये खराब आत्मा पिता बनारसी के कान में घुस जाएगी।
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अस्पताल में शीतल को छोड़कर बाकी सभी स्वस्थ हो गए हैं। सभी बातें भी कर रहे हैं। शीतल की हालत में अधिक सुधार नहीं हुआ। वह बहकी-बहकी बातें कर रही है। थोड़ा होश में आने पर मेहंदीपुर ले चलने को कहती है।
मोहल्ले में चर्चा, पहले नहीं देखा शीतल का ऐसा रूप
बहादुरगंज मोहल्ले के अमित लोधी राजपूत ने बताया कि पुलिस के साथ दरवाजा तोड़ने के बाद अंदर प्रवेश करने पर जो दृश्य देखा। ऐसा कभी नहीं देखा है। शीतल पूजा-पाठ करती थी, लेकिन ऐसा करने की उम्मीद नहीं थी। उसे किसी ने बहकाया है। मोहल्ले के राजू, अर्जुन सिंह आदि ने बताया कि बनारसी और उनके परिवार में कभी विवाद की बात सामने नहीं आई है।
मोहल्ले के पूर्व सभासद शैलेंद्र शर्मा मंटू ने बताया कि परिवार के लोग सीधे-साधे हैं। हो सकता है कि किसी तांत्रिक ने बहकाया हो। तिलहर पुलिस बुधवार को एक बार फिर से संतो के घर पर पहुंची। वहां चौकी लगाए जाने वाले कमरे का बारीकी से जायजा लिया। मकान की छत पर दीपक, बताशे और सिंदूर मिला है।