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Bijnor News: 35 करोड़ बकाया, वसूली करने पहुंची टीम, गायब मिलीं फर्में

संवाद न्यूज एजेंसी, बिजनौर Updated Sun, 14 Sep 2025 12:07 AM IST
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35 crores due, team arrived for recovery, firms found missing
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बिजनौर। जीएसटी और वैट जमा कराने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। लेकिन जिले में जीएसटी विभाग को ज्यादा सफलता नहीं मिल रही है। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि तीन फर्मों पर 35 करोड़ से ज्यादा जीएसटी और वैट बकाया है। वसूली करने पहुंची टीम को मौके से फर्म ही गायब मिलीं।
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नजीबाबाद में स्थित एनआर ट्रेडिंग कंपनी पर सत्र 2013-14 से 2015-16 तक करीब 13 करोड़ 64 रुपये वैट बकाया है। कंपनी के जरिए चार करोड़ 75 लाख, 11 करोड़ 41 लाख सहित अन्य बिक्री दर्शाई गई है। विभाग की ओर से कंपनी स्वामी गुफरान अहमद को नौ आरसी जारी की गईं। लेकिन, टैक्स जमा नहीं किया। यह फर्म इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीद-बिक्री का काम करती थी।
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जीएसटी विभाग के सभी विभागों ने फर्म स्वामी की जानकारी मांगी। लेकिन, इनके नाम पर कोई भी चल अचल संपत्ति नहीं मिली। जिसके चलते टैक्स जमा नहीं कराया जा सका।
नजीबाबाद में संचालित पारस ट्रेडिंग कंपनी पर सत्र 2012-13 से सत्र 2015-16 का नौ करोड़ 31 लाख रुपये वैट बकाया है। इस कंपनी से पहले सत्र में चार करोड़ 27 लाख रुपये, दूसरे सत्र में छह करोड़ 52 लाख रुपये, तीसरे सत्र में 45 करोड़ 22 लाख रुपये, चौथे सत्र में 83 करोड़ 12 लाख रुपये की बिक्री दिखाई गई है। बकाया वैट जमा कराने के लिए जीएसटी विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर चल-अचल संपत्ति की ब्यौरा देने के लिए कहा। लेकिन, किसी भी कोई फर्म के स्वामी के नाम पर कुछ चल-अचल संपत्ति नहीं मिली। वहीं फर्म स्वामी रईस अहमद की भी मृत्यु हो चुकी है।
एसएन फूड प्रोसेसर कंपनी पर 12 करोड़ जीएसटी बकाया : जीएसटी विभाग के अनुसार साल 2017 में एनएस फूड प्रोसेसर कंपनी मीट के व्यापारी के लिए पंजीकृत कराई गई थी। फर्म का पंजीकरण रिटर्न दाखिल नहीं करने पर साल 2023 में निरस्त किया जा चुका है। इसके बाद एकपक्षीय आदेश पारित करते हुए फर्म पर सत्र 2017-18 के लिए 57462417 रुपये मांग एवं सत्र 2018-19 के लिए 68558288 रुपये की मांग घोषित की गई। फर्म का आईसीआईसीआई बैंक, धामपुर का खाता भी सीज किया गया।
जांच में फर्म स्वामी शाहनवाज मौके पर नहीं मिला। पता चला कि वह कोलकाता में नौकरी करता है। उसने बताया कि एकपक्षीय आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है।
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