यूपी में मौसम का हाल: सितंबर माह में खूब सता रही गर्मी, बारिश कम होने से फसलों का बुरा हाल, चिंता में किसान
Weather Update: सितंबर माह चल रहा है लेकिन फिर भी गर्मी खूब सता रही है। उधर, बारिश कम होने से फसलों को भी काफी नुकसान हो रहा है। ऐसे में किसान चिंता में है।

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Weather Update: बिजनौर जिले में गर्मी का सितम जारी है। बारिश न होने से तापमान लगातार बढ़ रहा है। पिछले सालों की तुलना में इस बार अधिकतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। जिसका असर फसलों पर पड़ रहा है। पानी की कमी से धान की फसल में रोग बढ़ रहे हैं। वहीं रोग को समाप्त करने के लिए किसान कीटनाशक दवाई का ज्यादा प्रयोग कर रहे हैं।

जिले में इस साल पिछले सालों के मुकाबले काफी कम बारिश हुई है। वहीं अधिकतम तापमान भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ा हुआ है। पिछले साल सिंतबर माह में अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23.5 डिग्री सेल्सियस था। जबकि इस बार अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस तक है। जिसका असर फसलों पर पड़ रहा है। इससे किसान को भी पैसे की हानि हो रही है।
वहीं बारिश न होने और तापमान बढ़ने से धान की फसल में सफेद पीठवाला फुदका, तनाभेदक आदि रोग लग रहे हैं। जिसे दूर करने के लिए किसान कीटनाशक का प्रयोग कर रहा है। जिसका खर्चा किसान को अपनी जेब से उठाना पड़ रहा है। यहीं कारण है कि बारिश न होने से फसल को नुकसान पहुंच रहा है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी मनोज रावत ने बताया कि कम बारिश होने से जिले में धान की फसल में वायरस, तनाभेदक आदि बीमारी का खतरा है। प्रकोपित कल्ले मुरझाने लगते हैं। जड़ों का विकास रुक जाता है। अगर आंकड़ों की बात करें तो पिछले सालों के मुकाबले इस साल काफी कम वर्षा हुई है।
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जिले में पिछले पांच सालों में कुल वर्षा
वर्ष बारिश एमएम में
2018-19 1212.70
2019-20 1052.60
2020-21 941.20
2021-22 1351.60
2022-23 442
जिले में पिछले पांच सालों में सितंबर माह का अधिकतम और न्यूनतम तापमान
वर्ष अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान
2018 31.8 डिग्री सेल्सियस 23.7 डिग्री सेल्सियस
2019 32.8 24.6
2020 33.9 24.3
2021 32 23.5
2022 37 27
बारिश कम होने और तापमान अधिक बढ़ने से धान की फसल में बीमारी बढ़ रही है। जिसके चलते लगातार धान के प्लांटों का निरीक्षण किया जा रहा है। साथ ही बीमारी व उससे नुकसान का आंकलन के लिए सभी एडीओ को निर्देशित कर दिया है। - मनोज रावत, जिला कृषि रक्षा अधिकारी