Haridwar Stampede: भगदड़ में बदायूं के दंपती की गई जान, बेटे से बोले थे- गंगा स्नान कर आएंगे; छह लोग हुए घायल
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ में दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गांव उरैना पुख्ता निवासी दंपती की मौत हो गई। इससे उनके परिवार में मातम पसरा है। जिले के छह अन्य श्रद्धालु घायल हुए हैं।

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हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़ में जान गंवाने वाले आठ श्रद्धालुओं में बदायूं के दातागंज क्षेत्र के गांव उरैना पुख्ता के बुजुर्ग रामभरोसे (65) और उनकी पत्नी शांति देवी (60) भी शामिल हैं। रामभरोसे के तीन बेटे हजरतपुर के गांव ग्योती में अपने परिवार के साथ रहते हैं। दंपती अपने छोटे बेटे परशुराम के साथ उरैना पुख्ता गांव में रहते थे।

परशुराम ने बताया कि माता-पिता हरिद्वार के मनसा देवी दर्शन के लिए शनिवार सुबह घर से रवाना हुए थे। पांच दिन पहले ही उन्होंने गांव के लोगों के साथ जाने का मन बनाया था। हादसे में आनंदापुर गांव से साथ गए छन्नु व भूपेंद्र भी घायल हुए। इसके अलावा उरैना पुख्ता के अगरपाल, सुमित, चंद्रपाल व रामप्यारी मामूली चोटिल हुए है। उरैना पुख्ता, आनंदापुर और गौटिया से कुल 25 लोग हरिद्वार साथ गए थे।
महाकुंभ के बाद दंपती अब निकले थे हरिद्वार यात्रा पर
भगदड़ में जान गंवाने वाले रामभरोसे और उनकी पत्नी शांति देवी धार्मिक स्वभाव के थे। रामभरोसे के छह बेटे व तीन बेटियां हैं। तीन बेटों व तीन बेटियों की शादी हो चुकी है। साथ ही एक नाती भी शादी हो चुकी है। उनके बेटे परशुराम ने बताया कि माता पिता अक्सर धार्मिक तीर्थ स्थल व यात्राओं पर जाया करते थे।
इस साल हुए महाकुंभ में ही उनके माता पिता गए थे। पांच दिन पहले गांव के लोगों से पिता रामभरोसे की मनसा देवी दर्शन के लिए जाने की बात तय हुई तो उन्होंने घर पर बताया। इस पर पत्नी शांति देवी तैयार हो गईं। इसके बाद शनिवार सुबह वे दोनों हरिद्वार के लिए रवाना हो गए।
बेटे से बोले थे- गंगा स्नान करके आएंगे
दंपती अपने बेटे को बताकर गए थे कि वह मनसा देवी मंदिर के बाद हरिद्वार गंगा स्नान करने जाएंगे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी यह तीर्थस्थल दर्शन जिंदगी का आखिरी होगा। बता दें कि श्रद्धालुओं के नीचे दबने से रामभरोसे व उनकी पत्नी शांति की मौत हो गई थी। वहीं, आनंदापुर गांव के छन्नु व भूपेंद्र घायल हो गए। इसके अलावा उरैना पुख्ता के अगरपाल, सुमित, चंद्रपाल व रामप्यारी मामूली चोटिल हुए हैं।
घटना की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया। रामभरोसे के परिवार में चीख पुकार मच गई। उनके चार बेटे हरिद्वार के लिए तुरंत ही रवाना हो गए। उनके साथ घायल व चोटिल श्रद्धालुओं के परिवार के लोग भी रवाना हुए है। देर शाम तक ग्रामीण दंपती के शवों का आने का इंतजार उनके घर के दरवाजे पर बैठकर करते रहे।