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Budaun News: पुलिस कस्टडी से फरार 50 हजार का इनामी शशांक बजाज गिरफ्तार
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आरोपी शशांक बजाज।
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बदायू। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस कस्टडी से फरार 50 हजार का इनामी अपराधी शशांक बजाज को एसटीएफ नोएडा की टीम ने लुधियाना के साहनेवाल-डेवाल रोड से सोमवार दोपहर पकड़ा है।
एसटीएफ को इनामी व फरार अपराधियों के सक्रिय होकर अपराध करने की सूचना मिल रही थी। इसी के तहत एएसपी राजकुमार मिश्रा और डीएसपी नवेंदु कुमार के पर्यवेक्षण में टीम गठित की गई। टीम लुधियाना में थी, तभी मुखबिर ने शशांक की मौजूदगी की सूचना दी। स्थानीय पुलिस की मदद से घेराबंदी कर शशांक बजाज को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके पास से आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद हुए।
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हत्या और फरारी की कहानी
पीलीभीत के गांव जोगीपुर थाना कोतवाली निवासी 34 वर्षीय शशांक बजाज पुत्र दीपक बजाज ने 2015 में बदायूं के सुभाष चंद शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मेंथा कारोबार को लेकर उसका हुआ विवाद था। अभियुक्त के पिता ने करीब छह लाख रुपये मूल्य का मेंथा बदायूं निवासी सुभाष चंद शर्मा के बेटे दीपू की दुकान पर रखा था। रेट बढ़ने के बाद पैसे मांगने पर विवाद बढ़ा और मारपीट तक नौबत पहुंची। रंजिश में शशांक ने परिजनों के साथ मिलकर 1 मई 2015 को सुभाष चंद शर्मा की हत्या कर दी। इस मामले में बदायूं कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ। हत्या के बाद शशांक और उसके पिता देहरादून भाग गए। वहां पुलिस मुठभेड़ में दोनों गिरफ्तार हुए और जेल भेज दिए गए। वर्ष 2019 में शशांक को बदायूं से पीलीभीत जेल स्थानांतरित किया गया।
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पीलीभीत से हुआ था फरार
कोरोना के दौरान वर्ष 2019-20 में इलाज के लिए शंशाक को पीलीभीत जेल से अस्पताल ले जाया गया तो मौका पाकर वह फरार हो गया। इस मामले में पीलीभीत कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया और उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया। पुलिस रिकार्ड के अनुसार शशांक बजाज का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। उस पर बदायूं, पीलीभीत और उत्तराखंड में पूर्व में भी कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।
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एसटीएफ की बड़ी उपलब्धि
फरार और इनामी अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। शशांक की गिरफ्तारी इस अभियान की बड़ी सफलता मानी जा रही है। अब उसे अदालत में पेश कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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हत्या और फरारी की कहानी
पीलीभीत के गांव जोगीपुर थाना कोतवाली निवासी 34 वर्षीय शशांक बजाज पुत्र दीपक बजाज ने 2015 में बदायूं के सुभाष चंद शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मेंथा कारोबार को लेकर उसका हुआ विवाद था। अभियुक्त के पिता ने करीब छह लाख रुपये मूल्य का मेंथा बदायूं निवासी सुभाष चंद शर्मा के बेटे दीपू की दुकान पर रखा था। रेट बढ़ने के बाद पैसे मांगने पर विवाद बढ़ा और मारपीट तक नौबत पहुंची। रंजिश में शशांक ने परिजनों के साथ मिलकर 1 मई 2015 को सुभाष चंद शर्मा की हत्या कर दी। इस मामले में बदायूं कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ। हत्या के बाद शशांक और उसके पिता देहरादून भाग गए। वहां पुलिस मुठभेड़ में दोनों गिरफ्तार हुए और जेल भेज दिए गए। वर्ष 2019 में शशांक को बदायूं से पीलीभीत जेल स्थानांतरित किया गया।
पीलीभीत से हुआ था फरार
कोरोना के दौरान वर्ष 2019-20 में इलाज के लिए शंशाक को पीलीभीत जेल से अस्पताल ले जाया गया तो मौका पाकर वह फरार हो गया। इस मामले में पीलीभीत कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया और उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया। पुलिस रिकार्ड के अनुसार शशांक बजाज का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। उस पर बदायूं, पीलीभीत और उत्तराखंड में पूर्व में भी कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।
एसटीएफ की बड़ी उपलब्धि
फरार और इनामी अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। शशांक की गिरफ्तारी इस अभियान की बड़ी सफलता मानी जा रही है। अब उसे अदालत में पेश कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।