{"_id":"aa0469f8-6a87-11e2-93f9-d4ae52bc57c2","slug":"caller-id-hide-feature-is-closed-in-uttar-pradesh","type":"story","status":"publish","title_hn":"यूपी में फोन कालर नहीं छिपा पाएंगे अपनी पहचान ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
यूपी में फोन कालर नहीं छिपा पाएंगे अपनी पहचान
लखनऊ/ब्यूरो
Updated Wed, 30 Jan 2013 08:20 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
उत्तर प्रदेश सरकार ने मोबाइल फोन कालर की पहचान छुपाने वाली सुविधा बंद कर दी है। यह सुविधा अब सिर्फ पात्र लोगों को ही मिलेगी और सुविधा दिए जाने का आदेश राज्य सरकार ही देगी। इस सुविधा का लगातार हो रहे दुरुपयोग व कई शिकायतों के ऊपर तक पहुंचने के बाद यह फैसला किया गया है।
पिछले दिनों जब ऐसी कई शिकायतें ऊपर तक पहुंची तब आला अफसरों ने मामले की पड़ताल कराई। इसके तहत विभिन्न मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियों के अधिकारियों से उनके यहां से दी गई ऐसी सुविधा वाले लोगों की सूची मांगी गई। साथ ही जिन्हें यह सुविधा मिली, उनके लिए आदेश या अनुरोध करने वाले अधिकारी या व्यक्ति का नाम मांगा गया।
विज्ञापन
विज्ञापन
कंपनियों ने जब अधिकारियों को यह ब्यौरा मुहैया कराया तो काफी चौंकाने वाली बात सामने आईं। कई मामलों में छुटभैये नेताओं, दबंगों और जिला स्तर के अधिकारियों के पत्र पर यह सुविधा दी गई थी। कई अधिकारियों ने अपनी पत्नियों के लिए यह सुविधा हासिल की हुई थी। सामने आया कि ज्यादातर अपात्रों को यह सुविधा हासिल थी, जिससे इसके दुरुपयोग की लगातार संभावना बनी हुई थी।
प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने माना कि ऐसी जानकारियां सामने आने के बाद राज्य सरकार ने फोन कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि सिर्फ पात्रों को ही यह सुविधा दी जाए और जिन अपात्रों को सुविधा हासिल है, उसे वापस ले लिया जाए।
कौन-कौन हैं पात्र?
प्रमुख सचिव गृह के मुताबिक पात्र लोगों में कुछ न्यायाधीश, कुछ मंत्रिगण, राजस्व अभिसूचना, रॉ व ऐसी ही एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों को माना गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे 30 से भी कम लोगों को यह सुविधा दी गई है। बकौल प्रमुख सचिव राज्य में सैकड़ों लोग इस सुविधा को हासिल कर रहे थे, जिसे अब बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि राज्य सरकार ने फोन कंपनियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि अब किसी के भी कहने पर किसी अधिकारी द्वारा अपने स्तर से कंपनी को पत्र भेज देने मात्र पर सुविधा मुहैया न कराई जाए। उन्होंने बताया कि यह सुविधा देने का अधिकार राज्य सरकार के पास है और सरकार द्वारा इसके लिए कहे जाने के बाद ही फोन कंपनियां इसे प्रदान करेंगी।