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Etah News: अग्निशमन विभाग की एनओसी के बिना चल रहा था करोड़ों का चिकोरी प्लांट
संवाद न्यूज एजेंसी, एटा
Updated Fri, 12 Sep 2025 09:11 PM IST
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सेंथरी औद्योगिक क्षेत्र स्थित चिरोकी प्लांट में लगी आग से खराब हुआ माल। संवाद
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एटा। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से सेंथरी पर औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया है। यहां काफी संख्या में औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं। इनमें से काफी ऐसी हैं जिनमें अग्निशमन विभाग की ओर से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं लिया गया है। इनमें से करोड़ों रुपये का चिकोरी प्लांट भी चल रहा है।
बुधवार को इसमें आग लगी तो संसाधन न होने की वजह से बुझाना मुश्किल हो गया। आग काफी भड़क गई तो दमकल विभाग को सूचना दी गई। टीम 15 घंटे बाद आग पर काबू पा सकी। गोदाम से दीवार काटकर हटाए गए चिकोरी के बोरों में शुक्रवार को भी धुआं निकल रहा था। कंपनी के मालिक चरनजीत सिंह निवासी इंद्रपुरी ने बताया कि लगभग 4 वर्ष से यूपीएसआईडीसी में चिकोरी प्लांट का संचालन कर रहे हैं। मुख्य रूप से रोस्टेड चिकोरी और पाउडर का उत्पादन किया जाता है। बुधवार सुबह लगभग 10 बजे गोदाम में रखे चिकोरी के बोरों के बीच से धुआं निकला।
कर्मचारी की सूचना पर जाकर देखा और पानी डालकर अग्निशमन यंत्र से उसको बुझाने का प्रयास किया गया मगर आग बार-बार लगती रही। रात के लगभग 10 बजे फायर ब्रिगेड को फोन कर बुलाया। टीम ने पूरी रात कड़ी मशक्कत करते हुए बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे आग पर काबू पाया। बताया कि आग लगने से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन है।
प्रभारी अग्निशमन अधिकारी केतन कुमार ने बताया कि जिले में संचालित अधिकांश चिकोरी प्लांट के पास अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं है। जिस कंपनी में बुधवार को आग लगी थी उनके द्वारा भी अग्निशमन अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लिया गया है। अग्निशमन प्रमाणपत्र लिया गया होता तो वहां आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन होते और इतना बड़ा हादसा होने से पहले आग को काबू किया जा सकता था।

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बुधवार को इसमें आग लगी तो संसाधन न होने की वजह से बुझाना मुश्किल हो गया। आग काफी भड़क गई तो दमकल विभाग को सूचना दी गई। टीम 15 घंटे बाद आग पर काबू पा सकी। गोदाम से दीवार काटकर हटाए गए चिकोरी के बोरों में शुक्रवार को भी धुआं निकल रहा था। कंपनी के मालिक चरनजीत सिंह निवासी इंद्रपुरी ने बताया कि लगभग 4 वर्ष से यूपीएसआईडीसी में चिकोरी प्लांट का संचालन कर रहे हैं। मुख्य रूप से रोस्टेड चिकोरी और पाउडर का उत्पादन किया जाता है। बुधवार सुबह लगभग 10 बजे गोदाम में रखे चिकोरी के बोरों के बीच से धुआं निकला।
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कर्मचारी की सूचना पर जाकर देखा और पानी डालकर अग्निशमन यंत्र से उसको बुझाने का प्रयास किया गया मगर आग बार-बार लगती रही। रात के लगभग 10 बजे फायर ब्रिगेड को फोन कर बुलाया। टीम ने पूरी रात कड़ी मशक्कत करते हुए बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे आग पर काबू पाया। बताया कि आग लगने से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन है।
प्रभारी अग्निशमन अधिकारी केतन कुमार ने बताया कि जिले में संचालित अधिकांश चिकोरी प्लांट के पास अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं है। जिस कंपनी में बुधवार को आग लगी थी उनके द्वारा भी अग्निशमन अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं लिया गया है। अग्निशमन प्रमाणपत्र लिया गया होता तो वहां आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन होते और इतना बड़ा हादसा होने से पहले आग को काबू किया जा सकता था।