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Gonda News: सायरन बजते ही लेट गए, खतरा देख मजबूत इमारत में छिपे
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Wed, 07 May 2025 11:42 PM IST
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मॉकड्रिल करते लोग।

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गोंडा। भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी को देखते हुए बुधवार को शहीदे आजम सरदार भगत सिंह (टॉमसन) इंटर काॅलेज परिसर में सिविल डिफेंस के लिए मॉकड्रिल किया गया। एनसीसी कैडेट, स्वयंसेवक, स्काउट गाइड, स्कूली बच्चे समेत तमाम लोगों ने रिहर्सल किया। जैसे ही सायरन बजा तो लोग जमीन पर लेट गए और हाथों से दोनों कान बंद कर लिए।
लोगों को हवाई हमलों से बचाव, ब्लैक आउट के दौरान सुरक्षा, आपातस्थिति में प्राथमिक चिकित्सा और गोली लगने व हमले के दौरान बचाव की ट्रेनिंग की दी गई। देवीपाटन रेंज आईजी अमित पाठक, डीएम नेहा शर्मा, एसपी विनीत जायसवाल, सीडीओ अंकिता जैन, एडीएम आलोक कुमार, एएसपी (पश्चिमी) राधेश्याम राय, मनोज कुमार रावत के अलावा सिविल डिफेंस से भूपेंद्र आर्या, आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव और डीआईओएस डॉ. रामचंद्र समेत अन्य अफसर मौजूद रहे।
दो मिनट बजा पहली बार सायरन
मॉकड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली का परीक्षण शाम 6:00 से 6:02 बजे तक सायरन बजाकर पूर्व चेतावनी जारी की गई व पूरे नगर में मॉक सायरन सिस्टम के माध्यम से नागरिकों को सूचित किया गया। बंकर में सुरक्षित प्रवेश एवं सतर्कता का अभ्यास 6:02 से 6:10 बजे हुआ। जिसमें एनसीसी कैडेट्स एवं सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों को बंकर में सुरक्षित प्रवेश कराया गया।
प्राथमिक बचाव की दी गई जानकारी
हवाई हमला एवं गोलाबारी का काल्पनिक प्रदर्शन 6:10 से 6:15 बजे तक ध्वनि प्रभावों द्वारा रॉकेट हमले व बम गिरने की स्थिति के माध्यम से अनुकरण किया गया। समाप्ति की घोषणा 6:15 से 6:18 बजे तक सायरन के माध्यम से दी गई। सीएफओ राम सुमेर त्रिपाठी और प्रभारी अग्निशमन अधिकारी नीतेश शुक्ल की अगुवाई में आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण व राहत कार्य 6:18 से 6:45 बजे तक अग्निशमन विभाग की ओर से मॉक आग बुझाने का प्रदर्शन किया गया और नागरिकों को अग्निकांड की स्थिति में प्राथमिक बचाव उपायों की जानकारी दी गई।
दूसरी बार बजा तो शुरू हो गया राहत बचाव कार्य
प्राथमिक चिकित्सा एवं घायल नागरिकों का उपचार 6:45 से 7:00 बजे तक स्वास्थ्य विभाग एवं स्वयंसेवकों की ओर से घायल नागरिकों को प्राथमिक उपचार व एम्बुलेंस सहायता प्रदान कर की गई। बिजली बंद (ब्लैकआउट) अभ्यास व रात के समय निर्धारित अवधि में बिजली बंद कर नागरिकों को अंधकार में रहने का अभ्यास कराया गया ताकि शत्रु को लक्ष्य निर्धारित करना कठिन हो। संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा व अस्पताल, थाना, संचार केंद्रों पर विशेष सुरक्षा उपाय एवं नकली छावनियां स्थापित की गईं।
आपात स्थिति से निपटने के लिए है जरूरी
आईजी अमित पाठक ने बताया कि यह मॉकड्रिल न केवल प्रशासनिक दक्षता और विभागीय समन्वय का परीक्षण था, बल्कि इसने जनमानस में आपदा के प्रति गंभीरता और सतर्कता का भाव भी जागृत किया। युद्ध या किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी अत्यंत आवश्यक है।
शांत रहे, अफवाहों से बचें
एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि ऐसी स्थिति में शांत रहें और अफवाहों से बचें, केवल अधिकृत स्रोतों से प्राप्त सूचना पर ही विश्वास करें। सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं न फैलाएं। सुरक्षित स्थानों की जानकारी रखें व अपने घरों के आसपास के बंकर या सुरक्षित स्थानों को पहचानें। साथ ही खिड़कियों व दरवाजों से दूर रहें, आंतरिक कमरों में आश्रय लें। आपातकालीन किट तैयार रखें व पानी, सूखा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, टॉर्च, बैटरी, पहचान पत्र, नकदी, दस्तावेजों की प्रतियां रखें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें व किसी भी आपदा की स्थिति में संयम रखें और बचाव टीमों के साथ सहयोग करें।
गोला-बारूद से घायल हुए 15 नागरिक, छह रेफर
गोंडा। हमले से बचाव को लेकर पूर्वाभ्यास में दुश्मन की ओर से किए गए हवाई हमले में 15 लोग घायल हो गए। दूसरी बार हूटर बजते ही राहत व बचाव कार्य शुरू हो गए। आननफानन एंबुलेंस के माध्यम से घायलों को चिकित्सा शिविर में पहुंचाया गया, जहां स्वास्थ्यकर्मियों ने उपचार शुरू कर दिया। यह दृश्य बुधवार को शाम 6:45 मिनट बजे शहर के टॉमसन मैदान में जिला प्रशासन की ओर से आयोजित मॉकड्रिल का रहा। पूर्वाभ्यास में दिखाया गया कि घायलों को राहत शिविर में ले जाया गया, जहां डॉ. फारुख सगीर, डॉ. शर्मिला यादव, डॉ. मनीष गोस्वामी, डॉ. जीएम चिश्ती की ओर से प्राथमिक उपचार शुरू किया गया। अधिकांश मरीज जलने और गोली के घाव वाले थे। गंभीर सात मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। आठ मरीजों को शिविर में प्राथमिक उपचार दिया गया। फार्मासिस्ट अवधेश तिवारी, अब्दुल खालिक, विनोद वर्मा कामता प्रसाद आदि स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से 10 मिनट के भीतर ही सभी घायलों को उपचार मुहैया कराया गया।
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लोगों को हवाई हमलों से बचाव, ब्लैक आउट के दौरान सुरक्षा, आपातस्थिति में प्राथमिक चिकित्सा और गोली लगने व हमले के दौरान बचाव की ट्रेनिंग की दी गई। देवीपाटन रेंज आईजी अमित पाठक, डीएम नेहा शर्मा, एसपी विनीत जायसवाल, सीडीओ अंकिता जैन, एडीएम आलोक कुमार, एएसपी (पश्चिमी) राधेश्याम राय, मनोज कुमार रावत के अलावा सिविल डिफेंस से भूपेंद्र आर्या, आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव और डीआईओएस डॉ. रामचंद्र समेत अन्य अफसर मौजूद रहे।
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दो मिनट बजा पहली बार सायरन
मॉकड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली का परीक्षण शाम 6:00 से 6:02 बजे तक सायरन बजाकर पूर्व चेतावनी जारी की गई व पूरे नगर में मॉक सायरन सिस्टम के माध्यम से नागरिकों को सूचित किया गया। बंकर में सुरक्षित प्रवेश एवं सतर्कता का अभ्यास 6:02 से 6:10 बजे हुआ। जिसमें एनसीसी कैडेट्स एवं सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों को बंकर में सुरक्षित प्रवेश कराया गया।
प्राथमिक बचाव की दी गई जानकारी
हवाई हमला एवं गोलाबारी का काल्पनिक प्रदर्शन 6:10 से 6:15 बजे तक ध्वनि प्रभावों द्वारा रॉकेट हमले व बम गिरने की स्थिति के माध्यम से अनुकरण किया गया। समाप्ति की घोषणा 6:15 से 6:18 बजे तक सायरन के माध्यम से दी गई। सीएफओ राम सुमेर त्रिपाठी और प्रभारी अग्निशमन अधिकारी नीतेश शुक्ल की अगुवाई में आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण व राहत कार्य 6:18 से 6:45 बजे तक अग्निशमन विभाग की ओर से मॉक आग बुझाने का प्रदर्शन किया गया और नागरिकों को अग्निकांड की स्थिति में प्राथमिक बचाव उपायों की जानकारी दी गई।
दूसरी बार बजा तो शुरू हो गया राहत बचाव कार्य
प्राथमिक चिकित्सा एवं घायल नागरिकों का उपचार 6:45 से 7:00 बजे तक स्वास्थ्य विभाग एवं स्वयंसेवकों की ओर से घायल नागरिकों को प्राथमिक उपचार व एम्बुलेंस सहायता प्रदान कर की गई। बिजली बंद (ब्लैकआउट) अभ्यास व रात के समय निर्धारित अवधि में बिजली बंद कर नागरिकों को अंधकार में रहने का अभ्यास कराया गया ताकि शत्रु को लक्ष्य निर्धारित करना कठिन हो। संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा व अस्पताल, थाना, संचार केंद्रों पर विशेष सुरक्षा उपाय एवं नकली छावनियां स्थापित की गईं।
आपात स्थिति से निपटने के लिए है जरूरी
आईजी अमित पाठक ने बताया कि यह मॉकड्रिल न केवल प्रशासनिक दक्षता और विभागीय समन्वय का परीक्षण था, बल्कि इसने जनमानस में आपदा के प्रति गंभीरता और सतर्कता का भाव भी जागृत किया। युद्ध या किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी अत्यंत आवश्यक है।
शांत रहे, अफवाहों से बचें
एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि ऐसी स्थिति में शांत रहें और अफवाहों से बचें, केवल अधिकृत स्रोतों से प्राप्त सूचना पर ही विश्वास करें। सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं न फैलाएं। सुरक्षित स्थानों की जानकारी रखें व अपने घरों के आसपास के बंकर या सुरक्षित स्थानों को पहचानें। साथ ही खिड़कियों व दरवाजों से दूर रहें, आंतरिक कमरों में आश्रय लें। आपातकालीन किट तैयार रखें व पानी, सूखा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, टॉर्च, बैटरी, पहचान पत्र, नकदी, दस्तावेजों की प्रतियां रखें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें व किसी भी आपदा की स्थिति में संयम रखें और बचाव टीमों के साथ सहयोग करें।
गोला-बारूद से घायल हुए 15 नागरिक, छह रेफर
गोंडा। हमले से बचाव को लेकर पूर्वाभ्यास में दुश्मन की ओर से किए गए हवाई हमले में 15 लोग घायल हो गए। दूसरी बार हूटर बजते ही राहत व बचाव कार्य शुरू हो गए। आननफानन एंबुलेंस के माध्यम से घायलों को चिकित्सा शिविर में पहुंचाया गया, जहां स्वास्थ्यकर्मियों ने उपचार शुरू कर दिया। यह दृश्य बुधवार को शाम 6:45 मिनट बजे शहर के टॉमसन मैदान में जिला प्रशासन की ओर से आयोजित मॉकड्रिल का रहा। पूर्वाभ्यास में दिखाया गया कि घायलों को राहत शिविर में ले जाया गया, जहां डॉ. फारुख सगीर, डॉ. शर्मिला यादव, डॉ. मनीष गोस्वामी, डॉ. जीएम चिश्ती की ओर से प्राथमिक उपचार शुरू किया गया। अधिकांश मरीज जलने और गोली के घाव वाले थे। गंभीर सात मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। आठ मरीजों को शिविर में प्राथमिक उपचार दिया गया। फार्मासिस्ट अवधेश तिवारी, अब्दुल खालिक, विनोद वर्मा कामता प्रसाद आदि स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से 10 मिनट के भीतर ही सभी घायलों को उपचार मुहैया कराया गया।