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Hamirpur News: हैंडओवर के दो साल गुजरे, नहीं मिले प्रशिक्षक
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Thu, 08 May 2025 11:50 PM IST
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हमीरपुर। बिना प्रशिक्षक के खेल प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं। हैंडओवर के दो साल बाद भी कोच की नियुक्ति न होने से खिलाडि़यों को लाखों लागत से बने मिनी स्टेडियम का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में खेल प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं। ओपेन जिम जहां धूल फांक रही है। वहीं, प्ले ग्राउंड में कंकरीट बिछी होने के कारण खिलाड़ियों के फिसलने का भी अंदेशा रहता है। पूरे मैदान में घास फूस खड़ी है। जिसकी साफ सफाई तक नहीं होती है।
वर्ष 2018-19 में जनपद मुख्यालय से मात्र छह किलोमीटर दूर स्थित टिकरौली गांव में मिनी स्टेडियम बनाने की सौगात शासन से मिली थी। 449.48 लाख की लागत से तैयार मिनी स्टेडियम को कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल ने दिसंबर 2022 में युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग को हैंडओवर कर दिया था। दो साल से अधिक समय गुजरने के बाद भी विभाग यहां पर कोच की नियुक्ति नहीं कर सका है। इससे खेल प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं। युवा खिलाड़ी अकेले ही खेल प्रतिभा निखारने को मजबूर हैं। लाखों लागत की लगी ओपेन जिम दो साल से धूल फांक रही हैं। स्टेडियम में बना दौड़ ग्राउंड में कंकरीट बिछी है। इससे खिलाड़ियों को फिसलने का भी अंदेशा रहता है। पूरे मैदान में घास-फूस खड़ी है। जिसकी साफ सफाई तक नहीं कराई गई है।
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प्रशिक्षक की नहीं हुई नियुक्ति
टिकरौली गांव निवासी युवक सत्यम सिंह का कहना है कि सरकार ने स्टेडियम का निर्माण तो करा दिया है, लेकिन अभी तक प्रशिक्षक की नियुक्ति नहीं हो सकी है। जिससे खिलाड़ी अकेले ही खेलकूद करते हैं। कहा कि कोच की तैनाती की जानी बहुत जरूरी है।
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बिना गुरु के ज्ञान कहां
गांव निवासी राजू पाल का कहना है कि पिछले जनवरी 2023 में होमगार्डों की तैनाती की गई थी। तबसे अभी तक कोई कोच नहीं आया है। खिलाड़ी सुबह-शाम अभ्यास करते हैं, लेकिन बिना गुरु के ज्ञान कहां मिलता है। जिससे खेल प्रतिभा में निखार नहीं आ पा रहा है।
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कोच के नियुक्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जिसकी डिमांड भी भेजी गई है। विभाग ने तीन पीआरडी जवानों को तैनात किया है। स्टेडियम में सांग ट्रैक बैडमिंटन, रैफेट, ओपन जिम, वॉलीबाल, कबड्डी, कुश्ती सहित आदि खेलों की सुविधा है। बाढ़ आने के दौरान मिट्टी बह गई थी। इसके चलते कंकरीट निकल आई है। - राहुल सिद्धार्थ, जिला युवा कल्याण अधिकारी।
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वर्ष 2018-19 में जनपद मुख्यालय से मात्र छह किलोमीटर दूर स्थित टिकरौली गांव में मिनी स्टेडियम बनाने की सौगात शासन से मिली थी। 449.48 लाख की लागत से तैयार मिनी स्टेडियम को कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल ने दिसंबर 2022 में युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग को हैंडओवर कर दिया था। दो साल से अधिक समय गुजरने के बाद भी विभाग यहां पर कोच की नियुक्ति नहीं कर सका है। इससे खेल प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं। युवा खिलाड़ी अकेले ही खेल प्रतिभा निखारने को मजबूर हैं। लाखों लागत की लगी ओपेन जिम दो साल से धूल फांक रही हैं। स्टेडियम में बना दौड़ ग्राउंड में कंकरीट बिछी है। इससे खिलाड़ियों को फिसलने का भी अंदेशा रहता है। पूरे मैदान में घास-फूस खड़ी है। जिसकी साफ सफाई तक नहीं कराई गई है।
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प्रशिक्षक की नहीं हुई नियुक्ति
टिकरौली गांव निवासी युवक सत्यम सिंह का कहना है कि सरकार ने स्टेडियम का निर्माण तो करा दिया है, लेकिन अभी तक प्रशिक्षक की नियुक्ति नहीं हो सकी है। जिससे खिलाड़ी अकेले ही खेलकूद करते हैं। कहा कि कोच की तैनाती की जानी बहुत जरूरी है।
बिना गुरु के ज्ञान कहां
गांव निवासी राजू पाल का कहना है कि पिछले जनवरी 2023 में होमगार्डों की तैनाती की गई थी। तबसे अभी तक कोई कोच नहीं आया है। खिलाड़ी सुबह-शाम अभ्यास करते हैं, लेकिन बिना गुरु के ज्ञान कहां मिलता है। जिससे खेल प्रतिभा में निखार नहीं आ पा रहा है।
कोच के नियुक्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जिसकी डिमांड भी भेजी गई है। विभाग ने तीन पीआरडी जवानों को तैनात किया है। स्टेडियम में सांग ट्रैक बैडमिंटन, रैफेट, ओपन जिम, वॉलीबाल, कबड्डी, कुश्ती सहित आदि खेलों की सुविधा है। बाढ़ आने के दौरान मिट्टी बह गई थी। इसके चलते कंकरीट निकल आई है। - राहुल सिद्धार्थ, जिला युवा कल्याण अधिकारी।