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Jalaun News: न्याय की आस में पथरा गईं आंखें, पूर्व प्रधान की पत्नी बोली- सभी को मिले सजा

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Fri, 12 Sep 2025 12:44 AM IST
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Eyes became stone in the hope of justice, former Pradhan's wife said- everyone should be punished
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उरई। पूर्व प्रधान राजकुमार उर्फ राजा भैया व उनके बड़े भाई रिटायर्ड कानूनगो की गोलियों से भूनकर हुई हत्या के मामले में 31 साल बाद पूर्व विधायक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इस पर पूर्व प्रधान की पत्नी कुंती देवी की आंखें खुशी से झलक उठीं। वह बोलीं कि न्याय की आस में आंखें पथरा गई हैं।
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बेटे व देवरों ने खूब संघर्ष किया। उनके परिवार को जब छोटे सिंह विधायक बना तो उस समय एक करोड़ रुपये का प्रलोभन भी दिया गया, लेकिन उन्होंने लेने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि परिवार सभी आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहा है। अभी एक को तो सजा मिल गई है। बाकियों को और सजा मिल जाए तो कलेजे में ठंडक मिल जाएगी। इस दौरान परिवार के लोगों ने एक-दूसरे को मिष्ठान खिलाकर बधाई दी और खुशी जाहिर की। कहा कि अभी अधूरा न्याय मिला, लेकिन कुछ समय बाद पूरा भी मिल जाएगा।
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ट्रायल के दौरान तीन वादियों की हुई मौत, अब पूर्व प्रधान का बेटा लड़ रहा लड़ाई


उरई। वर्ष 1994 में पूर्व प्रधान व उनके बड़े भाई की गोलियों से दिन दहाड़े 10 लोगों ने हत्या कर दी थी। इससे इलाके में दहशत फैल गई थी।



छोटे भाई रामकुमार ने चुर्खी थाने में तहरीर देकर रुद्र पाल सिंह उर्फ लल्ले गुर्जर समेत 10 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ट्रायल के दौरान वर्ष 2005 में रामकुमार की बीमारी के चलते मौत हो गई। इसके बाद मामले में वादी बनी ज्ञानकुंवर ने मुकदमा लड़ा। 2012 में पूर्व विधायक छोटे सिंह चौहान राज्यपाल के पास पहुंचा और अपना मुकदमा वापस करा दिया था। इसकी भनक जब परिजनों को लगी तो वह भी हाईकोर्ट पहुंचे और न्याय की मांग की।



वर्ष 2015 में वादी ज्ञानकुंवर की भी मौत हो गई। इसके बाद शैलेंद्र श्रीवास्तव ने मुकदमे की पैरवी की लेकिन वर्ष 2024 में उनकी भी मौत हो गई। इसके बाद पूर्व प्रधान राजकुमार के बेटे जयदीप श्रीवास्तव वादी बने और वह हाईकोर्ट पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई।



हाईकोर्ट में देरी होने के चलते वह सुप्रीम पहुंचे और वहां से राज्यपाल के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को खारिज करते हुए पूर्व बसपा विधायक छोटे सिंह चौहान का मुकदमा एमपी-एमएलए कोर्ट में चलाने का आदेश दिया। वर्ष 2024 में कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ और 11 सितंबर को आरोपी सजा सुना दी गई। वादी जयदीप का कहना है कि अभी उन्हें अधूरा न्याय मिला है। सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उनके पिता पांच भाई थे। जगदीश शरण श्रीवास्तव सबसे बड़े थे। उसके बाद परमात्मा शरण श्रीवास्तव, रामशरण, राजकुमार उर्फ राजा भैया व रामकुमार थे।
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