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उत्तर भारत में झांसी की हवा सबसे स्वच्छ: तेज हवा से 24 घंटे में ही बारूदी धुएं का सफाया, एक्यूआई घटकर हुआ 30
संवाद न्यूज एजेंसी, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Thu, 23 Oct 2025 02:57 PM IST
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सार
झांसी की हवा उत्तर भारत में सबसे अच्छी पाई गई। उडुपी समेत दक्षिण भारत के सात शहरों में हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 30 से नीचे दर्ज किया गया।

झांसी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
उत्तर भारत के शहरों में बुधवार को झांसी की हवा सबसे स्वच्छ दर्ज की गई। दिवाली पर जमकर हुई आतिशबाजी से महानगर की वायु गुणवत्ता बिगड़ गई थी। अगले दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 189 दर्ज किया गया, हालांकि तेज रफ्तार हवा चलने से 24 घंटे में ही बारूदी धुएं के गुबार का सफाया हो गया और एक्यूआई घटकर 30 पर आ गया। अब झांसी उत्तर भारत का वह शहर बन गया है, जहां सुकूनभरी सांसें ली जा सकती हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सायं चार बजे जारी एक्यूआई संबंधी बुलेटिन के मुताबिक देश में दिल्ली की हवा सबसे अधिक खराब रही, जहां एक्यूआई 353 दर्ज किया गया जबकि झांसी की हवा उत्तर भारत में सबसे अच्छी पाई गई। उडुपी समेत दक्षिण भारत के सात शहरों में हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 30 से नीचे दर्ज किया गया। यूं तो झांसी का एक्यूआई 70-80 के बीच ही रहता है लेकिन दिवाली की रात आतिशबाजी के बाद हवा भारी हो गई। वायु प्रदूषण तीन गुना बढ़ गया। पटाखों के धुएं और प्रदूषण ने शहर को स्मॉग (धुएं और कोहरे का मिश्रण) की परतों में लपेट लिया। बुधवार सुबह भी शहर के कई इलाकों में दृश्यता कम रही, जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि शाम तक तेज रफ्तार से वायु प्रदूषण काफी हद तक दूर हो गया।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी इमरान अली का कहना है कि हवा चलने के बाद झांसी की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गुणवत्ता में सुधार से बच्चे, बुजुर्ग, अस्थमा और हृदय रोगियों को राहत मिली है।

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सायं चार बजे जारी एक्यूआई संबंधी बुलेटिन के मुताबिक देश में दिल्ली की हवा सबसे अधिक खराब रही, जहां एक्यूआई 353 दर्ज किया गया जबकि झांसी की हवा उत्तर भारत में सबसे अच्छी पाई गई। उडुपी समेत दक्षिण भारत के सात शहरों में हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 30 से नीचे दर्ज किया गया। यूं तो झांसी का एक्यूआई 70-80 के बीच ही रहता है लेकिन दिवाली की रात आतिशबाजी के बाद हवा भारी हो गई। वायु प्रदूषण तीन गुना बढ़ गया। पटाखों के धुएं और प्रदूषण ने शहर को स्मॉग (धुएं और कोहरे का मिश्रण) की परतों में लपेट लिया। बुधवार सुबह भी शहर के कई इलाकों में दृश्यता कम रही, जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि शाम तक तेज रफ्तार से वायु प्रदूषण काफी हद तक दूर हो गया।
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी इमरान अली का कहना है कि हवा चलने के बाद झांसी की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गुणवत्ता में सुधार से बच्चे, बुजुर्ग, अस्थमा और हृदय रोगियों को राहत मिली है।