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Etawah: पशुओं को पानी पिलाने गए पशुपालक को खींच ले गया मगरमच्छ, तलाश जारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इटावा Published by: शिखा पांडेय Updated Sat, 26 Apr 2025 08:15 PM IST
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सार

Etawah News: पशुओं को पानी पिलाने गए पशुपालक को मगरमच्छ खींच ले गया। घटना भरेह थाना क्षेत्र के हरपुरा गांव की है।

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चंबल में युवक की तलाश करती सेंचुरी विभाग की टीम - फोटो : अमर उजाला
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भरेह थाना क्षेत्र के हरपुरा गांव में चंबल किनारे पशुओं को पानी पिलाने गए पशुपालक को मगरमच्छ खींच कर ले गया। सूचना पर ग्रामीणों में खलबली मच गई। प्रशासन और सेंचुअरी की टीम ने तलाश शुरू कराई है। रामवीर सिंह निषाद (48) निवासी जगम्मनपुर जालौन छह माह पहले अपने ननिहाल हरपुरा गांव रहने के लिए आया था। शनिवार को वह चंबल नदी किनारे भेड़-बकरियों को पानी पिलाने गया था।

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प्रत्यक्षदशीर् बबलू निषाद के अनुसार, रामवीर नदी किनारे कपड़े और जूते उतारकर भेड़ों को नहला रहा था। तभी अचानक मगरमच्छ ने हमला कर दिया और उसे खींचकर ले गया। बबलू की सूचना पर बड़ी संख्या में गांव के लोग और एसडीएम ब्रह्मानंद कठेरिया, सीओ नागेंद्र राव चौबे, भरेह थानाध्यक्ष प्रीति सेंगर व बिठौली प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र कुमार शर्मा पहुंच गए। लगभग दो घंटे बाद सेंचुअरी रेंजर कोटेश त्यागी भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मोटरबोट की मदद से तलाश शुरू कराई। शाम तक शव का पता नहीं चल सका था। सेंचुअरी रेंजर ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है और जल्द ही शव बरामद करने का प्रयास किया जा रहा है।

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डीएम से दूरभाष की शिकायत
हरपुरा गांव में मगरमच्छ ने करीब 12 बजे पशुपालक पर हमला कर दिया। घटना से कुछ दूरी पर भरेह रेंज से सेंचुअरी विभाग की टीम मौके पर खाली हाथ पहुंच गई। मोटर वोट न होने से शव को नहीं उठाया जा सका। करीब आधा घंटा बाद दोवारा मगरमच्छ उसको नदी में खींच ले गया। करीब डेढ़ घंटा बाद मोटर बोट नहीं पहुंचा। महुआसूडा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ब्रजेंद्र सिंह ने डीएम शुभ्रांत कुमार मिश्र वोट भिजवाने की गुहार लगाई। इसके बाद सहसों वन विश्राम गृह से करीब दो घंटा की देरी से मोटर को पहुंचा और सर्च अभियान शुरू किया।

 

नेस्टिंग के समय हमलावर होते हैं मगरमच्छ
सेंचुअरी रेंजर कोटेश त्यागी ने बताया अप्रैल से जून तक मगरमच्छ घड़ियाल का नेस्टिंग (अंडे देने का समय )का समय होता है। इस समय नेटिंग का समय चल रहा है। प्रजनन के टाइम मगरमच्छ आक्रामक हो जाते हैं। जलीय जीवों को अपने परिवार पर खतरा का संकट रहता है। इसलिए वह हमला कर देते हैं।
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