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Maharajganj News: संवारी जाएगी रोहिन...जीवनदायिनी को नवजीवन देने की कवायद
संवाद न्यूज एजेंसी, महाराजगंज
Updated Tue, 08 Jul 2025 12:52 AM IST
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महराजगंज। नदी पुनर्जीवन योजना से छोटी रोहिन नदी का कायाकल्प होगा। वर्तमान में नदी का वास्तविक स्वरूप ठीक नहीं है। झाड़ियाें के कारण नदी नाले की तरह दिखती है। इसके विस्तार का क्षेत्र नहीं दिखता है।
इसकी विलुप्त हो रही पहचान बनाए रखने के लिए कार्य योजना बन चुकी है। अभी बदहाल दिखने वाली रोहिन नदी आने वाले दिनों में अपने मूल स्वरूप में दिखेगी। 19 किलोमीटर लंबी इस नदी का कायाकल्प होगा। गहरा करने के साथ इसे चौड़ा किया जाएगा। इसके किनारे को हरा भरा बनाए रखने के लिए पौधरोपण किया जाएगा।
नौतनवा तहसील क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली पुरानी रोहिन नदी कजरी गांव के पास कटान होने से नई रोहिन नदी में मिल गई है। पुरानी रोहिन कजरी, दशरथपुर, टेढ़ी, कांधपुर नर्सरी, नवाबी घाट, कर्म टीकर, रिसालपुर, भोतहा, मानिक तलाव, चन्नीपुर, गिदहा, अमहवा, बसंतपुर, रघुनाथपुर होते हुए लगभग 38 किलोमीटर की दूरी सफर करते हुए भगवानपुर, जलालगढ़ के बेतौहा घाट पर नई रोहिन नदी में मिल जाती है।
इस समय पुरानी रोहिन नदी में झाड़ियां, घास-फूस, पेड़-पौधे उग गए हैं। नदी का पानी गंदा हो गया है। बरसात का पानी होने से घासों के सड़ने से बदबू आ रही है।
रघुनाथपुर गांव में पुरानी रोहिन नदी पर में पक्का पुल बना हुआ है, जिससे लोगों का इस क्षेत्र के लोगों का आना जाना लगा रहता है। इधर से होकर आने-जाने पर लोगों को बदबू से परेशानी होती है।
पुल के पास मिले बसंतपुर गांव के दीनानाथ यादव कहने लगे की नदी की सफाई होने से और जल का प्रवाह होने से आसपास के गांवों के लिए सिंचाई की सुविधा के साथ-साथ पशुओं के नहाने लिए भी बेहतर हो जाएगा।
रघुनाथपुर घाट के पास स्थित राम जानकी मंदिर के पुजारी भगवानदास ने बताया कि मंदिर के सामने से गुजरी पुरानी रोहिन नदी में घास-फूस उग गई है। मंदिर में आसपास के गांव के लोग पूजा करने आते हैं।
छठ पर्व में भारी संख्या में महिलाएं छठ घाट पर आती हैं यदि नदी की सफाई कर पानी का प्रवाह होने लगेगा तो घाट की सुंदरता बढ़ जाएगी। कायाकल्प होने के बाद करीब 7000 हेक्टेयर खेत की सिंचाई आसानी से हो सकेगी। दशरथपुर से शुरू होकर जलालगढ़ तक होगा कायाकल्प : पौधरोपण अभियान के तहत लुप्तप्राय नदी छोटी रोहिन को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। नदी पुनर्जीवन योजना के तहत छोटी रोहिन नदी को राजस्व विभाग के अभिलेखों के अनुसार उसके मूल रूप मे लाया जाएगा। यह कार्य मनरेगा के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें 57962 मानव दिवस सृजित होंगे।
नदी को पुनर्जीवित करने के लिए नदी की सफाई, उसके किनारों का चौड़ीकरण और उसके किनारों पर वृहद पौधरोपण होगा। छोटी रोहिन नदी कुल 19 किमी लंबी है, जो लक्ष्मीपुर विकास खंड के ग्राम पंचायत टेढ़ी दशरथपुर से होते हुए कजरी, लालपुर, कल्याणपुर, भगवानपुर, बसंतपुर, रघुनाथपुर होते हुए जलालगढ़ में समाप्त होती है।
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इसकी विलुप्त हो रही पहचान बनाए रखने के लिए कार्य योजना बन चुकी है। अभी बदहाल दिखने वाली रोहिन नदी आने वाले दिनों में अपने मूल स्वरूप में दिखेगी। 19 किलोमीटर लंबी इस नदी का कायाकल्प होगा। गहरा करने के साथ इसे चौड़ा किया जाएगा। इसके किनारे को हरा भरा बनाए रखने के लिए पौधरोपण किया जाएगा।
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नौतनवा तहसील क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली पुरानी रोहिन नदी कजरी गांव के पास कटान होने से नई रोहिन नदी में मिल गई है। पुरानी रोहिन कजरी, दशरथपुर, टेढ़ी, कांधपुर नर्सरी, नवाबी घाट, कर्म टीकर, रिसालपुर, भोतहा, मानिक तलाव, चन्नीपुर, गिदहा, अमहवा, बसंतपुर, रघुनाथपुर होते हुए लगभग 38 किलोमीटर की दूरी सफर करते हुए भगवानपुर, जलालगढ़ के बेतौहा घाट पर नई रोहिन नदी में मिल जाती है।
इस समय पुरानी रोहिन नदी में झाड़ियां, घास-फूस, पेड़-पौधे उग गए हैं। नदी का पानी गंदा हो गया है। बरसात का पानी होने से घासों के सड़ने से बदबू आ रही है।
रघुनाथपुर गांव में पुरानी रोहिन नदी पर में पक्का पुल बना हुआ है, जिससे लोगों का इस क्षेत्र के लोगों का आना जाना लगा रहता है। इधर से होकर आने-जाने पर लोगों को बदबू से परेशानी होती है।
पुल के पास मिले बसंतपुर गांव के दीनानाथ यादव कहने लगे की नदी की सफाई होने से और जल का प्रवाह होने से आसपास के गांवों के लिए सिंचाई की सुविधा के साथ-साथ पशुओं के नहाने लिए भी बेहतर हो जाएगा।
रघुनाथपुर घाट के पास स्थित राम जानकी मंदिर के पुजारी भगवानदास ने बताया कि मंदिर के सामने से गुजरी पुरानी रोहिन नदी में घास-फूस उग गई है। मंदिर में आसपास के गांव के लोग पूजा करने आते हैं।
छठ पर्व में भारी संख्या में महिलाएं छठ घाट पर आती हैं यदि नदी की सफाई कर पानी का प्रवाह होने लगेगा तो घाट की सुंदरता बढ़ जाएगी। कायाकल्प होने के बाद करीब 7000 हेक्टेयर खेत की सिंचाई आसानी से हो सकेगी। दशरथपुर से शुरू होकर जलालगढ़ तक होगा कायाकल्प : पौधरोपण अभियान के तहत लुप्तप्राय नदी छोटी रोहिन को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। नदी पुनर्जीवन योजना के तहत छोटी रोहिन नदी को राजस्व विभाग के अभिलेखों के अनुसार उसके मूल रूप मे लाया जाएगा। यह कार्य मनरेगा के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें 57962 मानव दिवस सृजित होंगे।
नदी को पुनर्जीवित करने के लिए नदी की सफाई, उसके किनारों का चौड़ीकरण और उसके किनारों पर वृहद पौधरोपण होगा। छोटी रोहिन नदी कुल 19 किमी लंबी है, जो लक्ष्मीपुर विकास खंड के ग्राम पंचायत टेढ़ी दशरथपुर से होते हुए कजरी, लालपुर, कल्याणपुर, भगवानपुर, बसंतपुर, रघुनाथपुर होते हुए जलालगढ़ में समाप्त होती है।