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Maharajganj News: धरातल से सोशल मीडिया तक स्कूल विलय का विरोध
संवाद न्यूज एजेंसी, महाराजगंज
Updated Tue, 08 Jul 2025 01:00 AM IST
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महराजगंज। 50 से कम नामांकन वाले 114 स्कूल जनपद में जहां दूसरे स्कूलों में मर्ज हो चुके हैं। वहीं 200 से अधिक स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी है।
इसकी खिलाफत उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ व विपक्षी पार्टियां जहां धरातल पर करती दिख रही हैं। वहीं सोशल प्लेटफार्म पर सरकारी स्कूल के विलय से संबंधित पोस्ट की जैसे बाढ़ आ गई है। यूजर अपने-अपने तर्क व शब्द गढ़कर बेसिक शिक्षा विभाग पर निशाना साध रहे हैं। इनमें कुछ ऐसे पोस्ट व संदेश भी हैं जो चंद घंटों में ही वायरल होकर अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रही है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ मंगलवार को बेसिक शिक्षा कार्यालय में स्कूलों के विलय को लेकर धरना-प्रदर्शन करेगा। संगठन जिलाध्यक्ष केशव मणि त्रिपाठी व बैजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ पदाधिकारियों के निर्देशन में शुरुआती दिन से ही विलय का विरोध कर रहा है।
वहीं सोशल प्लेटफार्म के एक्स हैंडल, इंस्टाग्राम व फेसबुक स्कूल विलय को लेकर संदेश से भरे पड़े हैं। प्लेटफार्म पर विभागीय अधिकारी जहां स्कूल मर्ज होने के फायदे गिना रहे वहीं आम यूजर और शिक्षक विलय से उत्पन्न होने वाले हालात अपने पोस्ट से बयां कर रहे हैं। ऐसे ही एक यूजर अज्जू सिंह हैं, जिनके एफबी अकाउंट में पता जिला मुख्यालय लिखा है।
इनका एक पोस्ट महज दो घंटे में सर्वाधिक वायरल हुआ। पोस्ट में एक तरफ जहां दो छोटे बच्चे हमारा स्कूल न बंद करो की गुहार लगा रहे वहीं दूसरी तरफ एक पुरुष व महिला हमारी नौकरी न छीनो का बैनर दिखा रहे। दोनों के बीच प्राथमिक स्कूल लिखे एक भवन में ताला जड़ा है।
पोस्ट में शामिल लोगो के हावभाव के साथ कम शब्दों में बड़ा संदेश दिया गया है। यह महज दो घंटे में 75 हजार से अधिक लोगों को पसंद आ चुका है। बल्कि 3983 लोगों ने इस पोस्ट को साझा किया है। 30 हजार से अधिक लोगों ने इसपर कमेंट किया है। इस पोस्ट पर पहला कमेंट उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ महराजगंज के संयुक्त मंत्री अखिलेश पाठक है जिन्होंने लिखा था कि बंद करनी थी मधुशाला और बंद कर रहे पाठशाला।
सोशल प्लेटफार्म एफबी का यह पोस्ट व संदेश वाट्सएप तक अपनी उपस्थिति पूरे दिन तमाम ग्रुप व व्यक्तिगत नंबरों पर उपस्थिति दर्ज कराता दिखा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष बैजनाथ सिंह ने कहा कि स्कूल मर्ज करना कोई विकल्प नहीं है। इससे अशिक्षा, ड्राप आउट का दायरा न सिर्फ बढ़ेगा, बल्कि रसोइया व अनुदेशक जैसे पद पर कार्यरत बेरोजगार होंगे।
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इसकी खिलाफत उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ व विपक्षी पार्टियां जहां धरातल पर करती दिख रही हैं। वहीं सोशल प्लेटफार्म पर सरकारी स्कूल के विलय से संबंधित पोस्ट की जैसे बाढ़ आ गई है। यूजर अपने-अपने तर्क व शब्द गढ़कर बेसिक शिक्षा विभाग पर निशाना साध रहे हैं। इनमें कुछ ऐसे पोस्ट व संदेश भी हैं जो चंद घंटों में ही वायरल होकर अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रही है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ मंगलवार को बेसिक शिक्षा कार्यालय में स्कूलों के विलय को लेकर धरना-प्रदर्शन करेगा। संगठन जिलाध्यक्ष केशव मणि त्रिपाठी व बैजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ पदाधिकारियों के निर्देशन में शुरुआती दिन से ही विलय का विरोध कर रहा है।
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वहीं सोशल प्लेटफार्म के एक्स हैंडल, इंस्टाग्राम व फेसबुक स्कूल विलय को लेकर संदेश से भरे पड़े हैं। प्लेटफार्म पर विभागीय अधिकारी जहां स्कूल मर्ज होने के फायदे गिना रहे वहीं आम यूजर और शिक्षक विलय से उत्पन्न होने वाले हालात अपने पोस्ट से बयां कर रहे हैं। ऐसे ही एक यूजर अज्जू सिंह हैं, जिनके एफबी अकाउंट में पता जिला मुख्यालय लिखा है।
इनका एक पोस्ट महज दो घंटे में सर्वाधिक वायरल हुआ। पोस्ट में एक तरफ जहां दो छोटे बच्चे हमारा स्कूल न बंद करो की गुहार लगा रहे वहीं दूसरी तरफ एक पुरुष व महिला हमारी नौकरी न छीनो का बैनर दिखा रहे। दोनों के बीच प्राथमिक स्कूल लिखे एक भवन में ताला जड़ा है।
पोस्ट में शामिल लोगो के हावभाव के साथ कम शब्दों में बड़ा संदेश दिया गया है। यह महज दो घंटे में 75 हजार से अधिक लोगों को पसंद आ चुका है। बल्कि 3983 लोगों ने इस पोस्ट को साझा किया है। 30 हजार से अधिक लोगों ने इसपर कमेंट किया है। इस पोस्ट पर पहला कमेंट उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ महराजगंज के संयुक्त मंत्री अखिलेश पाठक है जिन्होंने लिखा था कि बंद करनी थी मधुशाला और बंद कर रहे पाठशाला।
सोशल प्लेटफार्म एफबी का यह पोस्ट व संदेश वाट्सएप तक अपनी उपस्थिति पूरे दिन तमाम ग्रुप व व्यक्तिगत नंबरों पर उपस्थिति दर्ज कराता दिखा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष बैजनाथ सिंह ने कहा कि स्कूल मर्ज करना कोई विकल्प नहीं है। इससे अशिक्षा, ड्राप आउट का दायरा न सिर्फ बढ़ेगा, बल्कि रसोइया व अनुदेशक जैसे पद पर कार्यरत बेरोजगार होंगे।