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Maharajganj News: देश सुनेगा परसाैनी की गाथा...प्रधान सुनाएंगे विकास की कहानी
संवाद न्यूज एजेंसी, महाराजगंज
Updated Tue, 08 Jul 2025 12:56 AM IST
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महराजगंज। महराजगंज जिले के परसौनी गांव की विकासगाधा संपूर्ण राष्ट्र आत्मसात करेगा। गांव में जलवायु परिवर्तन, पेयजल, तकनीकी सहूलियत, शिक्षा, बाल विकास के कार्यों के लिए ग्राम प्रधान अनिल जोशी को 15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया है।
उनके साथ 50 ग्रामीणों का जत्था भी कार्यक्रम में शामिल होने जाएगा जो गांव को मिले अलग छवि के गवाह बनेंगे।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में ग्राम पंचायतों में अलग और विशेष विकास करने वाले देश के 200 ग्राम प्रधानों को आमंत्रण मिला है। इसमें जनपद के मिठौरा ब्लाॅक अंतर्गत आने वाले परसौनी ग्राम पंचायत के प्रधान अनिल जोशी को भी यह सम्मान प्राप्त हुआ है। डीपीआरओ की तरफ से पुष्टि के बाद प्रधान व साथ जाने वालों की तैयारी शुरू हो गई है। परसौनी प्रधान को विशेष सम्मान मिलने का कारण यहां के ग्रामीण बताते हैं जो प्रधान की यात्रा के सहयात्री बनेंगे। अजय, माखन, अज्जू, करन आदि ग्रामीण कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण, पेयजल उपलब्धता, शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य आदि पर में गांव में विशेष काम हुआ है।
जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर हरियाली के लिए गांव में प्रत्येक वर्ष 100 हरिशंकरी के पौधे लगे। इस बार होने पर ग्राम पंचायत में यह आंकड़ा 500 होगा।
हरा पेड़ गांव काटा जाना है तो विभाग से पहले पंचायत की अनुमति जरूरी है। हर घर नल योजना के जरिये यहां इतना बेहतर कार्य हुआ कि बगल के टीकुर गांव के लोगों ने भी अपने गांव के लिए पाइपलाइन बिछाकर लाभ ले रहे। करीब 800 घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है। जल निकासी का इंतजाम इतना बेहतर किया गया कि हर घर का पानी गांव से दूर गड्ढे तक जाता है।
घरों के सामने या आगे-पीछे कोई ऐसी जगह नहीं जहां बारिश कितनी भी अधिक हो पानी कहीं भी रुक नहीं सकता। गांव का स्कूल सुविधा, सहूलियत, शिक्षा व लुक के कारण निजी स्कूलों को मात दे रहा है। गांव के पंचायत घर से सहज जन सेवा की सुविधा लोगों को मिल रही है, जिससे अभिलेखीय प्रपत्र के आवेदन से लेकर प्राप्ति की सुविधा है।
हर घर शौचालय से परिपूर्ण है, जिससे बाहर जाने की प्रथा पूरी तरह खत्म है। गांव के अमृत सरोवर का उपयोग ग्रामीण मत्स्य पालन के लिए निशुल्क कर रहे हैं।
गांव के सार्वजनिक स्थान ग्राम काली मंदिर, स्कूल, पंचायत भवन, गांव से बाहर जाने व आने वाले मुख्य मार्ग जैसे स्थान कैमरे से लैस हैं और माॅनिटरिंग पंचायत भवन से होती है।
हर माह पंचायत भवन परिसर में स्वास्थ्य शिविर लगाकर चिकित्सक, एएनएम, आशा ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर जरूरी दवा देते हैं। ऐसे इतने कार्य हैं जिसे बताने व दिखाने में लंबा समय खर्च होगा।
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उनके साथ 50 ग्रामीणों का जत्था भी कार्यक्रम में शामिल होने जाएगा जो गांव को मिले अलग छवि के गवाह बनेंगे।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में ग्राम पंचायतों में अलग और विशेष विकास करने वाले देश के 200 ग्राम प्रधानों को आमंत्रण मिला है। इसमें जनपद के मिठौरा ब्लाॅक अंतर्गत आने वाले परसौनी ग्राम पंचायत के प्रधान अनिल जोशी को भी यह सम्मान प्राप्त हुआ है। डीपीआरओ की तरफ से पुष्टि के बाद प्रधान व साथ जाने वालों की तैयारी शुरू हो गई है। परसौनी प्रधान को विशेष सम्मान मिलने का कारण यहां के ग्रामीण बताते हैं जो प्रधान की यात्रा के सहयात्री बनेंगे। अजय, माखन, अज्जू, करन आदि ग्रामीण कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण, पेयजल उपलब्धता, शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य आदि पर में गांव में विशेष काम हुआ है।
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जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर हरियाली के लिए गांव में प्रत्येक वर्ष 100 हरिशंकरी के पौधे लगे। इस बार होने पर ग्राम पंचायत में यह आंकड़ा 500 होगा।
हरा पेड़ गांव काटा जाना है तो विभाग से पहले पंचायत की अनुमति जरूरी है। हर घर नल योजना के जरिये यहां इतना बेहतर कार्य हुआ कि बगल के टीकुर गांव के लोगों ने भी अपने गांव के लिए पाइपलाइन बिछाकर लाभ ले रहे। करीब 800 घरों तक शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है। जल निकासी का इंतजाम इतना बेहतर किया गया कि हर घर का पानी गांव से दूर गड्ढे तक जाता है।
घरों के सामने या आगे-पीछे कोई ऐसी जगह नहीं जहां बारिश कितनी भी अधिक हो पानी कहीं भी रुक नहीं सकता। गांव का स्कूल सुविधा, सहूलियत, शिक्षा व लुक के कारण निजी स्कूलों को मात दे रहा है। गांव के पंचायत घर से सहज जन सेवा की सुविधा लोगों को मिल रही है, जिससे अभिलेखीय प्रपत्र के आवेदन से लेकर प्राप्ति की सुविधा है।
हर घर शौचालय से परिपूर्ण है, जिससे बाहर जाने की प्रथा पूरी तरह खत्म है। गांव के अमृत सरोवर का उपयोग ग्रामीण मत्स्य पालन के लिए निशुल्क कर रहे हैं।
गांव के सार्वजनिक स्थान ग्राम काली मंदिर, स्कूल, पंचायत भवन, गांव से बाहर जाने व आने वाले मुख्य मार्ग जैसे स्थान कैमरे से लैस हैं और माॅनिटरिंग पंचायत भवन से होती है।
हर माह पंचायत भवन परिसर में स्वास्थ्य शिविर लगाकर चिकित्सक, एएनएम, आशा ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर जरूरी दवा देते हैं। ऐसे इतने कार्य हैं जिसे बताने व दिखाने में लंबा समय खर्च होगा।