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Maharajganj News: बगैर आईसीयू व वेंटिलेटर के संचालित हो रहा था निजी अस्पताल
संवाद न्यूज एजेंसी, महाराजगंज
Updated Fri, 09 May 2025 01:12 AM IST
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महराजगंज। निजी अस्पतालों में गड़बड़झाले की पोल खुल चुकी है। विभाग की जांच में निचलौल के उज्जवल हाॅस्पिटल में आईसीयू-वेंटिलेटर के बगैर ही गंभीर मरीज भर्ती किए गए थे। इससे करीब एक माह पहले प्रसूता की मौत हो गई थी।
आरोप है कि बगैर सर्जन के ही ऑपरेशन किया गया था। यह तो एक उदाहरण है। ऐसे तमाम अस्पताल हैं, जहां बेहतर सुविधा नहीं है। जानकारी के अनुसार, निचलौल कस्बे के उज्जवल अस्पताल में मानक के अनुसार सुविधाएं नहीं हैं। जांच में इसकी पुष्टि हुई है।
इसके अलावा अन्य अस्पतालों में भी सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मरीजों की हालत खराब होने पर धन दोहन कर उनको रेफर कर दिया जाता है। उज्जवल हाॅस्पिटल, निचलौल में डॉक्टर व हास्पिटल कर्मी की लापरवाही से प्रसूता की मौत के मामले की जांच तीन सदस्यीय कमेटी ने की।
बीते 21 अप्रैल 2025 को जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट दी। इसके आधार पर उज्जवल हाॅस्पिटल को चेतावनी पत्र जारी किया गया कि हास्पिटल में आईसीयू एवं वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण वह अपने हाॅस्पिटल में हाई रिस्क/अति गंभीर मरीजों की भर्ती न करें। ओटी कक्ष को सुविधाओं से परिपूर्ण कर मरीजों का उपचार करें।
सूत्र बताते हैं कि अस्पताल संचालक की ओर से महराजगंज और मिठौरा में भी अस्पताल खोला गया है। यहां भी वही हाल है, लेकिन शिकायत नहीं होने के कारण जिम्मेदार कार्रवाई नहीं करते हैं। सूत्रों की माने तो जिस अस्पताल को चेतावनी पत्र जारी किया गया है, वहां आदेश को दरकिनार कर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।
बीते दिनों की कार्रवाई का कोई असर नहीं दिख रहा है। विभाग में मजबूत नेटवर्क के कारण कार्रवाई से पहले भनक लगने की बात कही जाती है। सूत्रों की माने तो इस वजह से मरीज भर्ती किए जा रहे हैं कि अगर कोई जांच में आएगा तो उसके पहले ही मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा।
जिले में 106 निजी अस्पताल पंजीकृत : जिले में वर्तमान में 106 निजी अस्पताल 19 पैथोलाॅजी लैब, 12 जनरल एक, 23 डेंटल क्लिनिक, 22 क्लिनिक, 23 एक्स-रे सेंटर और 54 अल्ट्रासाउंड सेंटर पंजीकृत हैं, लेकिन छोटे-बड़े चौराहों, गलियों और मोहल्लों में संचालित हैं। इस अस्पतालों में भी मरीजों के लिए कुछ खास सुविधा नहीं है।
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आरोप है कि बगैर सर्जन के ही ऑपरेशन किया गया था। यह तो एक उदाहरण है। ऐसे तमाम अस्पताल हैं, जहां बेहतर सुविधा नहीं है। जानकारी के अनुसार, निचलौल कस्बे के उज्जवल अस्पताल में मानक के अनुसार सुविधाएं नहीं हैं। जांच में इसकी पुष्टि हुई है।
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इसके अलावा अन्य अस्पतालों में भी सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मरीजों की हालत खराब होने पर धन दोहन कर उनको रेफर कर दिया जाता है। उज्जवल हाॅस्पिटल, निचलौल में डॉक्टर व हास्पिटल कर्मी की लापरवाही से प्रसूता की मौत के मामले की जांच तीन सदस्यीय कमेटी ने की।
बीते 21 अप्रैल 2025 को जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट दी। इसके आधार पर उज्जवल हाॅस्पिटल को चेतावनी पत्र जारी किया गया कि हास्पिटल में आईसीयू एवं वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण वह अपने हाॅस्पिटल में हाई रिस्क/अति गंभीर मरीजों की भर्ती न करें। ओटी कक्ष को सुविधाओं से परिपूर्ण कर मरीजों का उपचार करें।
सूत्र बताते हैं कि अस्पताल संचालक की ओर से महराजगंज और मिठौरा में भी अस्पताल खोला गया है। यहां भी वही हाल है, लेकिन शिकायत नहीं होने के कारण जिम्मेदार कार्रवाई नहीं करते हैं। सूत्रों की माने तो जिस अस्पताल को चेतावनी पत्र जारी किया गया है, वहां आदेश को दरकिनार कर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।
बीते दिनों की कार्रवाई का कोई असर नहीं दिख रहा है। विभाग में मजबूत नेटवर्क के कारण कार्रवाई से पहले भनक लगने की बात कही जाती है। सूत्रों की माने तो इस वजह से मरीज भर्ती किए जा रहे हैं कि अगर कोई जांच में आएगा तो उसके पहले ही मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा।
जिले में 106 निजी अस्पताल पंजीकृत : जिले में वर्तमान में 106 निजी अस्पताल 19 पैथोलाॅजी लैब, 12 जनरल एक, 23 डेंटल क्लिनिक, 22 क्लिनिक, 23 एक्स-रे सेंटर और 54 अल्ट्रासाउंड सेंटर पंजीकृत हैं, लेकिन छोटे-बड़े चौराहों, गलियों और मोहल्लों में संचालित हैं। इस अस्पतालों में भी मरीजों के लिए कुछ खास सुविधा नहीं है।