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UP: कंपनी का हेलमेट पहने होने के बाद भी क्यों जा रही जान...एसपी ट्रैफिक ने बताई ये वजह, इस बात का रखें ध्यान

संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Wed, 07 May 2025 12:10 PM IST
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सार

सड़क पर दोपहिया वाहन चालक यदि हेलमेट पहने हुए हैं, फिर भी दुर्घटना में मौत हो रही है। चाहे फिर हेलमेट कंपनी का ही क्यों न हो। मथुरा के एसपी ट्रैफिक ने बताया कि किस वजह से ये लोग जान गवां रहे हैं।
 

Why people dying even after wearing company's helmet SP Traffic told this reason
हेलमेट - फोटो : Adobe Stock
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सस्ते हेलमेट ही लोगों की जान बचाने में नाकाम साबित नहीं हो रहे, बल्कि कंपनी के महंगे हेलमेट भी दोपहिया वाहन चालकों की जान नहीं बचा पा रहे हैं। इसका कारण दोपहिया वाहन चालकों की लापरवाही है। बाइक और स्कूटी सवार कंपनी के महंगे हेलमेट खरीदने के बाद पहनते तो हैं, लेकिन उसका लॉक नहीं लगाते हैं। लॉक न लगे होने के चलते दुर्घटना के बाद हेलमेट सिर से निकल जाता है और वाहन चालक के सिर में गंभीर चोट लगती है।
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अमर उजाला द्वारा हेलमेट को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। लोग सस्ते हेलमेट के चक्कर में अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं। वहीं जिले में ऐसे लोगों की संख्या भी बहुतायत में है जो कंपनी का हेलमेट खरीदते हैं और उसका प्रयोग भी करते हैं, लेकिन हेलमेट का लॉक नहीं लगाते। बस यह छोटी सी लापरवाही दुर्घटना में उनकी जान जाने का कारण बन जाती है।
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के स्पष्ट आदेश हैं कि हेलमेट पहनने में नियम का पालन न करने वाले वाहन चालकों का भी चालान होगा, लेकिन, पुलिस इस ओर ध्यान नहीं देती है। परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस चेकिंग के दौरान दोपहिया वाहन चालक के सिर पर केवल हेलमेट देखती है। चेकिंग करने वाली टीम कभी भी यह नहीं देखती कि हेलमेट किस कंपनी का है और हेलमेट को ठीक तरह से पहना गया है या नहीं।

 

पुलिस सूत्रों का कहना है कि चेकिंग के दौरान बिना हेलमेट पहने बाइक और स्कूटी सवारों को रोकना ही मुश्किल काम होता है। बिना हेलमेट पहने एक वाहन चालक को रोकते हैं तो दूसरा पुलिस को देखकर अपना रास्ता ही बदल लेता है। ऐसे में हेलमेट किस कंपनी का और हेलमेट ठीक तरह से पहना है या नहीं इस बात पर ध्यान ही नहीं जाता है।

 

एसपी ट्रैफिक मनोज कुमार यादव ने बताया कि पहले तो लोगों को यह समझना होगा कि हेलमेट पुलिस कार्रवाई से बचने के के लिए नहीं होता है, बल्कि उनकी जान बचाने के लिए होता। चेकिंग में इस बात का ध्यान नहीं दे पाते हैं, लेकिन अब चेकिंग में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि वाहन चालक ने किस तरह का हेलमेट पहन रखा है और हेलमेट का लॉक लगा है या नहीं। इसके लिए अधीनस्थों को भी निर्देशित किया जाएगा।
 
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