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UP: याकूतपुर पुलिस चाैकी निर्माण का ठीकरा मिस्त्री के सिर फोड़ा, स्मार्ट सिटी- पुलिस और एमडीए ने झाड़ा पल्ला
अमर उजाला नेटवर्क, मुरादाबाद
Published by: मुरादाबाद ब्यूरो
Updated Fri, 09 May 2025 02:16 AM IST
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सार
मुरादाबाद के याकूतपुर में अवैध रूप से बनाई जा रही पुलिस चौकी का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। स्मार्ट सिटी, पुलिस और एमडीए ने निर्माण की जानकारी से इनकार कर दिया। इसके बाद अब चौकी बनाने वाले राजमिस्त्री इसरार अहमद के खिलाफ एमडीए कोर्ट में मामला दर्ज किया गया है। इसकी सुनवाई 14 मई को होगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट।
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
याकूतपुर में अवैध तरीके से पुलिस चौकी के निर्माण का मामला हाईकोर्ट पहुंचने पर सभी विभागों द्वारा पल्ला झाड़ने के बाद अब इसका ठीकरा राजमिस्त्री के सिर फोड़ दिया है। हाईकोर्ट में स्मार्ट सिटी, पुलिस व एमडीए ने पुलिस चाैकी के निर्माण की जानकारी होने से ही इन्कार कर दिया।
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अब चाैकी का निर्माण करने वाले राजमिस्त्री इसरार अहमद के खिलाफ एमडीए कोर्ट में वाद दायर किया गया है। इसकी सुनवाई 14 मई को होगी। रामपुर रोड के जीरो प्वाइंट पर एकता विहार निवासी सिराज मुस्तफा के प्लाॅट की चहारदीवारी के गेट से दस फिट की दूरी पर पुलिस चौकी का निर्माण कराया जा रहा था।
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जिसका सिराज मुस्तफा और उसके पिता तारिक मुस्तफा ने आपत्ति की। निर्माण रोके जाने के लिए नगर आयुक्त, डीएम, एमडीए वीसी और कमिश्नर को भी प्रार्थनापत्र दिया था। इसके बाद भी सुनवाई न होने पर सिराज मुस्तफा ने राज्य सरकार और एसएसपी समेत सभी को पार्टी बनाते हुए हाईकोर्ट इलाहाबाद में याचिका दायर की।
दो अप्रैल को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एसएसपी मुरादाबाद की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि इस पुलिस चौकी का निर्माण स्मार्ट सिटी योजना के तहत किया जा रहा है। एमडीए के अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि एमडीए को पता नहीं है कि किस आधार पर पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है।
साथ ही कोर्ट को बताया गया कि विकास प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में कोई अनुमति प्रदान नहीं की गई है। इसके बाद कोर्ट ने पुलिस चौकी के निर्माण पर रोक लगाते हुए स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोटिस जारी कर पूछा था कि किस आधार पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज पीडब्ल्यूडी की रोड पर पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है।
इससे संबंधित सभी तथ्य भी कोर्ट में पेश करने को कहा था। इसके बाद एक मई को सुनवाई के दौैरान स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिव्यांशु पटेल ने हाईकोर्ट को बताया था कि संबंधित पुलिस चौकी का निर्माण स्मार्ट सिटी योजना के तहत नहीं किया जा रहा हैै।
अब एमडीए प्रशासन ने प्रभारी प्रवर्तन से जांच कराने के बाद उनसे मिली आख्या के आधार पर इसरार नामक व्यक्ति के विरुद्ध अवैध निर्माण दिखाते हुए प्राधिकरण न्यायालय में वाद दर्ज कर लिया है। साथ ही इसकी सुनवाई के 14 मई की तिथि नियत की है।
मामला संज्ञान में आने के बाद प्रवर्तन दल प्रभारी को मौके पर भेज कर जांच कराई गई थी। उनकी आख्या के आधार पर इसरार अहमद के खिलाफ वाद दायर करते हुए नोटिस जारी किया गया है। सुनवाई 14 मई को होगी। इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी, पुलिस और नगर निगम को भी इस संबंध में पत्र भेजकर जानकारी की जा रही है। - अंजू लता, सचिव, एमडीए
मुझे वाद दायर होने की कोई जानकारी नहीं है। मैं तो सिर्फ राजमिस्त्री हूं। मुझे 700 रुपये प्रतिदिन मजदूरी के मिलते थे। - इसरार अहमद, राजमिस्त्री
मुझे वाद दायर होने की कोई जानकारी नहीं है। मैं तो सिर्फ राजमिस्त्री हूं। मुझे 700 रुपये प्रतिदिन मजदूरी के मिलते थे। - इसरार अहमद, राजमिस्त्री
हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव को जांच के दिए हैं आदेश
हाईकोर्ट में स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिव्यांशु पटेल ने बताया था कि संबंधित पुलिस चौकी का निर्माण स्मार्ट सिटी योजना के तहत नहीं किया जा रहा है। इसके बाद हाईकोर्ट ने एसएसपी और सीईओ के विरोधाभासी बयानों और सभी प्रतिवादियों द्वारा इस निर्माण की जिम्मेदारी न लेने पर प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को जांच करने और हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा था। निर्माण पर रोक बरकरार रखते हुए हाईकोर्ट ने जुलाई के पहले सप्ताह में सुनवाई की तारीख तय की है।