मुरादाबाद में मालिनी अवस्थी: राजा दसरथ जी के घरवा... आज जन्मे ललनवा, लोक गायिका ने ठुमरी सुनाकर लूटी वाहवाही
लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने मुरादाबाद के जिगर मंच पर अपनी शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने ठुमरी, कजरी, सोहर, दादरा सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। जिला कृषि, विकास, औद्योगिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी (अनुगूंज) के तहत मालिनी अवस्थी नाइट का आयोजन किया गया।
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राजा दसरथ जी के घरवा, आज जन्मे ललनवा...। प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने जब सोहर गीत की यह प्रस्तुति दी तो जिगर मंच का परिसर तालियों से गूंज उठा। लोगों का समर्थन मिला तो लोक गायिका ने राग भैरवी में एक और सोहर मांगे ननद रानी कंगना, ललन की बधइया सुनाया।
उन्होंने ठुमरी, कजरी, सोहर, दादरा सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। जिगर मंच पर रविवार को जिला कृषि, विकास, औद्योगिक एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी (अनुगूंज) के तहत मालिनी अवस्थी नाइट का आयोजन किया गया।
मालिनी अवस्थी ने सैयां मिले लरिकैया, मैं क्या करूं, उड़निया मोरी उड़ी उड़ी जाए, तू गंगा की मौज मैं जमना की धारा, हो सके न मिलन ये हमारा तुम्हारा, सारी कमाई गंवाई रसिया, अदालत में दावा करूंगी रसिया, ठाड़े रहियो यूं ही बांके श्याम रे आदि लोकगीतों का एक एक बंद सुनाया।
उन्होंने कहा कि बॉलीवुड फिल्मों में तमाम गानों की धुन हमारे लोकगीतों से ली गई है। उन्होंने लोकगीतों की धन व बॉलीवुड के गीतों की धुन का उदाहरण देकर भी बताया। दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गया रे, मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमना का बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं समेत कई गीतों के उदाहरण भी दिए।
उनकी प्रस्तुति से पहले सोशल फाउंडेशन कांठ की ओर से पराली न जलाने को लेकर जागरूकता परक नाट्य प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि डीएम मानवेंद्र सिंह, विशिष्ट अतिथि एडीएम प्रशासन गुलाब चंद, एडीएम फाइनेंस सत्यम मिश्रा, एडीएम सिटी ज्योति सिंह मौजूद रहीं।
संयुक्त कृषि निदेशक प्रशांत कुमार, जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी, सीएम गुप्ता एक्सपोर्ट्स के निदेशक पुनीत गुप्ता प्रदर्शनी प्रभारी राहुल शर्मा, प्रदर्शनी समिति के सदस्य अभिनव चौहान, राधे श्याम शर्मा, अतुल जौहरी, सुशील शर्मा, परवेज नाजिम, संजीव आकांक्षी, अरुण मोहन शंखधर शामिल रहे।
हिंदी फिल्मों के अक्स में उत्तर प्रदेश की आत्मा
लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि हिंदी फिल्मों के अक्स में उत्तर प्रदेश की आत्मा बसी है। गीतों में पंजाब दिखता है। उड़ें जब जब जुल्फें तेरी, जवां है मोहब्बत, हंसी है फसाना समेत कई गीतों को उत्तर प्रदेश के लोकगीतों से जोड़कर सुनाया।
इस तरह के 20 से ज्यादा उदाहरण उन्होंने प्रस्तुत किए। कहा कि पुराने गीत व पुरानी धुनें 24 कैरेट खरा सोना है। आज पुराने गीतों की धुन ही नए ढंग से पेश की जा रही है। मालिनी ने सुधी श्रोताओं की पसंद के कई गीत भी सुनाए।
सहायक कलाकारों में गिटार पर देवाशीष, की-बोर्ड पर सचिन, तबले पर राजेश मिश्रा, ढोलक पर अमित राज, ऑक्टो पैड पर धर्मेंद्र कुमार रहे।