UP: मुरादाबाद के दो हजार शिक्षकों पर लटकी टीईटी की तलवार, अब परीक्षा की चुनौती, सभी से भरवाए जा रहे फार्म
मुरादाबाद में बेसिक शिक्षा परिषद के करीब दो हजार शिक्षकों की नौकरी पर टीईटी का संकट है। इनमें कई 45 वर्ष से अधिक उम्र और मृतक आश्रित शिक्षक भी शामिल हैं। शिक्षक संगठन इसे नियुक्ति समय की शर्तों के खिलाफ बताते हुए सरकार और कोर्ट में पक्ष रखने की तैयारी कर रहे हैं।

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मुरादाबाद जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के करीब 5500 शिक्षक हैं। इनमें 2011 से पहले नियुक्त हुए करीब दो हजार शिक्षकों की नौकरी पर टीईटी की तलवार लटक गई है। इनमें कई ऐसे हैं जिनकी उम्र 45 वर्ष से अधिक है और कुछ मृतक आश्रित भी हैं। परीक्षा की तैयारी करना और उसे पास करना इनके लिए चुनौती बन गया है।

आठ ब्लॉकों में संचालित करीब 600 स्कूलों में यह शिक्षक कार्यरत हैं। जिले शिक्षक संगठन इस मुद्दे को एकजुट हो गए हैं और अपना पक्ष सरकार व कोर्ट के सामने रखने की तैयारी कर रहे हैं। मंगलवार को शिक्षा भवन दांग में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की एक बैठक भी हुई। इसमें तय किया गया कि सभी शिक्षक संगठन द्वार जारी एक गूगल फार्म भरेंगे।
इस फार्म में अपनी नियुक्ति से संबंधित विवरण भरेंगे जिससे संगठन के पास एक सटीक आंकड़ा आ सकेगा कि दो हजार से कितने अधिक शिक्षक टीईटी के दायरे में आएंगे। वक्ताओं ने कहा कि अगर नियुक्ति के समय टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) जरूरी नहीं था तो अब इसे अनिवार्य करने पर पुनर्विचार होना चाहिए।
हालांकि सरकार पर राहत देने का दबाव बनाने के साथ-साथ शिक्षक संघ ने कानूनी विकल्प भी तलाशने शुरू कर दिए हैं और वकीलों से विचार विमर्श चल रहा है। शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षकों की कई श्रेणियां है जो टीईटी के लिए आवेदन ही नहीं कर सकते। जैसे मृतक आश्रित शिक्षक जिन्हें प्रशिक्षण से छूट दी गई थी वो अब टीईटी आवेदन नहीं कर सकते।
टीईटी और सीटीईटी के लिए आयु सीमा तय है। इस सीमा को पार कर चुके शिक्षक भी टीईटी देंगे या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है। इंटरमीडिएट के बाद नौकरी पाने वाले और बीएड व बीपीएड उत्तीर्ण शिक्षक भी टीईटी के लिए आवेदन नहीं कर सकते क्योंकि टीईटी के लिए स्नातक के साथ बीटीसी या डीएलएड होनी चाहिए। इसके लिए टीईटी की नियमावली में संशोधन करना पड़ सकता है।
बुधवार तक और स्पष्ट हो जाएगी शिक्षकों की संख्या
प्राथमिक शिक्षक संघ के महानगर अध्यक्ष राकेश कौशिक का कहना है कि बुधवार शाम तक सभी शिक्षकों के गूगल फार्म प्राप्त हो जाएंगे। इसके लिए बुधवार को दोपहर दो बजे कंपोजिट विद्यालय गंज में बैठक भी होगी। इससे संख्या में और स्पष्टता आ जाएगी कि आंकड़ा दो हजार से कितना ऊपर है। इसके बाद सभी नियम-कानूनों की जानकारी अधिवक्ताओं से की जाएगी और ब्योरा संगठन के प्रांतीय नेतृत्व को भेजा जाएगा।
16 को करेंगे धरना प्रदर्शन, देंगे ज्ञापन
ब्लॉक स्तरीय कार्य समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षकों के लिए पीईटी अनिवार्य मुद्दे पर 16 सितंबर को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही डीएम को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन भी दिया जाएगा। संगठन के मंडलीय मंत्री सर्वेश शर्मा और महानगर मंत्री उस्मान आरिफ ने कहा कि 50 वर्षीय शिक्षक जिनका अनुभव ही शिक्षण के लिए पर्याप्त है, उन्हें परीक्षा देने में जटिलता का सामना करना पड़ेगा। बैठक में अनिल कुमार, विनीत कुमार गुप्ता, अनुराधा, गीता, रेनू, वसीम अब्बास, रोहित त्यागी समेत तमाम शिक्षक शामिल हुए।
शिक्षकों के सभी व्हाट्सएप ग्रुपों में गूगल फार्म डाल दिया गया है। बुधवार को होने वाली बैठक में चीजें और स्पष्ट हो जाएंगी। इसमें सभी ब्लॉक से शिक्षक प्रतिभाग करेंगे। - राकेश कौशिक, महानगर अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ
इस मुद्दे पर शिक्षक कानूनी तौर पर अपना पक्ष रखेंगे। जनप्रतिनिधियों से मिलेंगे और तय प्रक्रिया के तहत माननीय न्यायालय के सामने भी अपनी अपील रखेंगे। वर्षों से सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी सरल नहीं है। - सर्वेश शर्मा, मंडलीय मंत्री, प्राथमिक शिक्षक संघ
जिले में ऐसे कितने शिक्षक हैं जिनकी नियुक्ति 2011 से पहले हुई है, ऐसा डाटा विभाग से नहीं मांगा गया है। शिक्षक संगठन अपने स्तर पर क्या कर रहे हैं इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। - विमलेश कुमार, बीएसए