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53.68 प्रतिशत मतदान से टूटा रिकार्ड, कांटे की लड़ाई में फंसी प्रतापगढ़ सीट
अमर उजाला ब्यूरो, प्रतापगढ़
Published by: विनोद सिंह
Updated Mon, 13 May 2019 11:47 PM IST
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ईवीएम-वीवीपैट (फाइल फोटो)
- फोटो : PTI
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रविवार को हुए चुनाव में बूथों पर झमाझम बरसे वोटों ने पिछले 68 वर्षों के रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया है। 1951 से लगातार हो रहे लोकसभा के चुनाव में जिले के लोगों ने इतनी दिलचस्पी कभी नहीं दिखाई थी। वर्ष 1962 में 52.91 और 1984 में 52.85 प्रतिशत मतदाताओं अपने अधिकार का प्रयोग किया था।
मगर रविवार को 9,10,414 मतदाताओं ने 53.38 प्रतिशत वोटिंग करके नया इतिहास रच दिया है। रविवार को जारी आंकड़ों के बाद सोमवार को जोड़-घटाने के बाद प्रशासन ने जो रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी है, उसमें 1.25 फीसदी मतदान बढ़ गया। इसे बढ़े मतदान के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। प्रतापगढ़ संसदीय सीट कांटे की लड़ाई में फंसी है। सियासी पंडित यहां भाजपा और गठबंधन के बीच सीधी टक्कर मान रहे हैं।
जिले में रविवार को प्रतापगढ़ संसदीय सीट के लिए हुए चुनाव में झमाझम वोटों की बारिश ने पिछले सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं। प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर कुल 17,05,457 मतदाता थे। इनमें 9,13,360 पुरुष और 7,92,068 महिलाएं थीं। 12 मई को 9,10,414 मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया। मतदान करने वालों में 4,60,663 पुरुष और 4,49,551 महिलाएं शामिल हैं।
पुरुषों के मतदान करने का प्रतिशत 58.78 प्रतिशत रहा, जबकि 50.48 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया। जबकि पूर्व के वर्षों में हुए लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बेहद कम रहा है। वर्ष 2014 में 52.12 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था। वर्ष 1962 में 52.91 प्रतिशत मतदान अब तक का सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत था। 1984 के लोकसभा चुनाव में भी 52.85 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था।
मगर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 53.38 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग करके अब तक के रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया है। चुनाव के बाद सियायत के जानकार बढ़े मतदान प्रतिशत को भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन दोनों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं। उनका कहना है कि प्रतापगढ़ सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प है। कांटे की लड़ाई में फंसी इस सीट पर जीत-हार का अंत भी बहुत ज्यादा नहीं होने जा रहा है। फिलहाल, इसका पता तो 23 मई को ही चलेगा।
लोकसभा चुनाव में हुआ मतदान
वर्ष मतदान प्रतिशत
1951 34.10
1957 37.52
1962 52.91
1967 46.90
1971 46.14
1977 46.72
1980 43.68
1984 52.85
1989 46.78
1991 40.30
1996 40.75
1998 49.70
1999 48.42
2004 46.29
2009 44.66
2014 52.12
2019 53.38
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जिले में रविवार को प्रतापगढ़ संसदीय सीट के लिए हुए चुनाव में झमाझम वोटों की बारिश ने पिछले सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं। प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर कुल 17,05,457 मतदाता थे। इनमें 9,13,360 पुरुष और 7,92,068 महिलाएं थीं। 12 मई को 9,10,414 मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया। मतदान करने वालों में 4,60,663 पुरुष और 4,49,551 महिलाएं शामिल हैं।
पुरुषों के मतदान करने का प्रतिशत 58.78 प्रतिशत रहा, जबकि 50.48 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया। जबकि पूर्व के वर्षों में हुए लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बेहद कम रहा है। वर्ष 2014 में 52.12 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था। वर्ष 1962 में 52.91 प्रतिशत मतदान अब तक का सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत था। 1984 के लोकसभा चुनाव में भी 52.85 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था।
मगर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 53.38 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग करके अब तक के रिकार्ड को ध्वस्त कर दिया है। चुनाव के बाद सियायत के जानकार बढ़े मतदान प्रतिशत को भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन दोनों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं। उनका कहना है कि प्रतापगढ़ सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प है। कांटे की लड़ाई में फंसी इस सीट पर जीत-हार का अंत भी बहुत ज्यादा नहीं होने जा रहा है। फिलहाल, इसका पता तो 23 मई को ही चलेगा।
लोकसभा चुनाव में हुआ मतदान
वर्ष मतदान प्रतिशत
1951 34.10
1957 37.52
1962 52.91
1967 46.90
1971 46.14
1977 46.72
1980 43.68
1984 52.85
1989 46.78
1991 40.30
1996 40.75
1998 49.70
1999 48.42
2004 46.29
2009 44.66
2014 52.12
2019 53.38