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ईवीएम और रजिस्टर के मतों में अंतर होने पर वीवीपैट की पर्ची से होगी गणना
अमर उजाला ब्यूरो, प्रतापगढ़
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 22 May 2019 11:46 PM IST
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ईवीएम-वीवीपैट (फाइल फोटो)
- फोटो : PTI
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ईवीएम और पीठासीन अधिकारियों के रजिस्टर के मतों में अंतर आने पर वीवीपैट की पर्ची से मतों की गणना की जाएगी। चुनाव आयोग ने स्पष्ट शब्दों कहा है कि जिस बूथ पर इस तरह की कोई समस्या आती है वहां वीवीपैट की पर्ची से मतों की गणना की जाएगी। वीवीपैट की पर्ची में माकपोल और टेस्टिंग के मतों को हटाकर गणना की जाएगी।
जिले में छह और 12 मई को हुए मतदान में अधिकांश पीठासीन अधिकारियों ने व्यापक स्तर पर लापरवाही की है। मतदान के पहले सभी पीठासीन अधिकारियों को 50-50 मतों का माकपोल और सात-सात मतों की टेस्टिंग करने को कहा गया था।
अधिकांश पीठासीन अधिकारियों ने माकपोल तो कराया, मगर उसके बाद सीआरसी (कंट्रोल, रिजल्ट, क्लीयर) की बटन नहीं दबाई। इससे टेस्टिंग और माकपोल के मत ईवीएम में जुड़ गए हैं। कुछ पीठासीन अधिकारियों ने सुधार करते हुए वीवीपैट से माकपोल और टेस्टिंग की पर्ची को अलग कर प्लास्टिक के बाक्स में पैक कर काले लिफाफे में रख दिया।
मगर ईवीएम में वह गलती नहीं सुधार पाए। पीठासीन अधिकारियों की यह लापरवाही अब सामने आने पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है। आयोग ने साफ कहा है कि अगर पीठासीन के रजिस्टर और ईवीएम के मतों में अंतर आता है तो वीवीपैट की पर्ची से गणना करने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा।
दरअसल, पीठासीन अधिकारियों ने ईवीएम जमा करते समय 17 (ग) रजिस्टर भी जमा किया है। जिसमें यह लिखा होता है कि कितने महिला और पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया है। इससे मतदान कार्मिक माकपोल और टेस्टिंग के मतों को हटाने के बाद ही गणना करेंगे। फिलहाल ऐसे पीठासीन अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।
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जिले में छह और 12 मई को हुए मतदान में अधिकांश पीठासीन अधिकारियों ने व्यापक स्तर पर लापरवाही की है। मतदान के पहले सभी पीठासीन अधिकारियों को 50-50 मतों का माकपोल और सात-सात मतों की टेस्टिंग करने को कहा गया था।
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अधिकांश पीठासीन अधिकारियों ने माकपोल तो कराया, मगर उसके बाद सीआरसी (कंट्रोल, रिजल्ट, क्लीयर) की बटन नहीं दबाई। इससे टेस्टिंग और माकपोल के मत ईवीएम में जुड़ गए हैं। कुछ पीठासीन अधिकारियों ने सुधार करते हुए वीवीपैट से माकपोल और टेस्टिंग की पर्ची को अलग कर प्लास्टिक के बाक्स में पैक कर काले लिफाफे में रख दिया।
मगर ईवीएम में वह गलती नहीं सुधार पाए। पीठासीन अधिकारियों की यह लापरवाही अब सामने आने पर चुनाव आयोग सख्त हो गया है। आयोग ने साफ कहा है कि अगर पीठासीन के रजिस्टर और ईवीएम के मतों में अंतर आता है तो वीवीपैट की पर्ची से गणना करने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा।
दरअसल, पीठासीन अधिकारियों ने ईवीएम जमा करते समय 17 (ग) रजिस्टर भी जमा किया है। जिसमें यह लिखा होता है कि कितने महिला और पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया है। इससे मतदान कार्मिक माकपोल और टेस्टिंग के मतों को हटाने के बाद ही गणना करेंगे। फिलहाल ऐसे पीठासीन अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।