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पीठासीन अधिकारियों की लापरवाही की सजा भुगतेंगे मतगणना कार्मिक
अमर उजाला ब्यूरो, प्रतापगढ़
Published by: विनोद सिंह
Updated Tue, 21 May 2019 12:33 AM IST
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ईवीएम-वीवीपैट (फाइल फोटो)
- फोटो : PTI
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पीठासीन अधिकारियों के लापरवाही की सजा मतगणना कार्मिकों को भुगतना होगा। अधिकांश पीठासीन अधिकारियों के सीआरसी नहीं करने से अब मतों की गणना 17 (ग) रजिस्टर से मिलान करके करना होगा। रजिस्टर में जितने मतदाताओं ने मत डाला है, उसी की संख्या का आधार मानकर ईवीएम से वोट गिना जाएगा। अगर इसके बाद भी गुत्थी न सुलझी तो वीवीपैट की पर्ची मतों की गणना होगी।
जिले में 12 मई को हुए मतदान में अधिकांश पीठासीन अधिकारियों ने व्यापक स्तर पर लापरवाही की है। मतदान के पहले सभी पीठासीन अधिकारियों को 50-50 मतों का माकपोल और आठ-आठ मतों की टेस्टिंग करने को कहा गया था। अधिकांश पीठासीन अधिकारियों ने माकपोल तो कराया मगर सीआरसी (कंट्रोल, रिजल्ट, क्लीयर) की बटन नहीं दबाई। इससे टेस्टिंग और माकपोल के मत ईवीएम में जुड़ गए। कुछ पीठासीन अधिकारियों ने सुधार करते हुए वीवीपैट से माकपोल और टेस्टिंग की पर्ची को अलग कर प्लास्टिक के बाक्स में पैक कर काले लिफाफे में रख दिया।
जबकि अधिकांश लोगों ने यह काम भी नहीं किया। पीठासीन अधिकारियों यह लापरवाही अब सामने आने पर मतगणना कार्मिकों की मुसीबत बढ़ गई है। अब ईवीएम के साथ ही पीठासीन अधिकारी का 17 (ग) रजिस्टर भी आएगा। जिसमें यह लिखा होता है कि कितने महिला और पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया है। ईवीएम और रजिस्टर के मत अगर नहीं मिलते हैं, तो माकपोल और टेस्टिंग के मतों को हटाने के बाद ही गणना की जाएगी। इससे मतगणना कार्मिकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
साथियों से शेयर कर रहे हैं गलती
मतदान के दिन गलती करने वाले पीठासीन अधिकारी अब अपने दोस्तों से शेयर करके बचाव का रास्ता खोज रहे हैं। हालांकि इस बात से जिला प्रशासन भी अनभिज्ञ नहीं है। डीएम ने प्रशिक्षण के पहले दिन ही पीठासीन अधिकारियों की इस गलती का एहसास करा चुके हैं। उन्होंने 17 (ग) रजिस्टर से ही मिलान करने के बाद ही गणना करने को कहा है।
ऐसे लोगों पर हो सकती है कार्रवाई
मतदान के दिन पीठासीन अधिकारी भले ही इसे मामूली चूक बता रहे हैं, मगर जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। अगर यह समस्या आम हुई, तो ऐेसे पीठासीन अफसरों पर गाज गिर सकती है।
मतगणना में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कुछ पीठासीन अधिकारियों ने ऐसी गलती किया होगा। इसलिए 17 (ग) रजिस्टर से यह स्पष्ट हो जाएगा कि जो मत ईवीएम में हैं, वह सही हैं या गलत। अगर माकपोल के मत रहेंगे, तो उन्हें हटाकर मतों की गणना की जाएगी। शत्रोहन वैश्य, उपजिला निर्वाचन अधिकारी
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जिले में 12 मई को हुए मतदान में अधिकांश पीठासीन अधिकारियों ने व्यापक स्तर पर लापरवाही की है। मतदान के पहले सभी पीठासीन अधिकारियों को 50-50 मतों का माकपोल और आठ-आठ मतों की टेस्टिंग करने को कहा गया था। अधिकांश पीठासीन अधिकारियों ने माकपोल तो कराया मगर सीआरसी (कंट्रोल, रिजल्ट, क्लीयर) की बटन नहीं दबाई। इससे टेस्टिंग और माकपोल के मत ईवीएम में जुड़ गए। कुछ पीठासीन अधिकारियों ने सुधार करते हुए वीवीपैट से माकपोल और टेस्टिंग की पर्ची को अलग कर प्लास्टिक के बाक्स में पैक कर काले लिफाफे में रख दिया।
जबकि अधिकांश लोगों ने यह काम भी नहीं किया। पीठासीन अधिकारियों यह लापरवाही अब सामने आने पर मतगणना कार्मिकों की मुसीबत बढ़ गई है। अब ईवीएम के साथ ही पीठासीन अधिकारी का 17 (ग) रजिस्टर भी आएगा। जिसमें यह लिखा होता है कि कितने महिला और पुरुष मतदाताओं ने मतदान किया है। ईवीएम और रजिस्टर के मत अगर नहीं मिलते हैं, तो माकपोल और टेस्टिंग के मतों को हटाने के बाद ही गणना की जाएगी। इससे मतगणना कार्मिकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
साथियों से शेयर कर रहे हैं गलती
मतदान के दिन गलती करने वाले पीठासीन अधिकारी अब अपने दोस्तों से शेयर करके बचाव का रास्ता खोज रहे हैं। हालांकि इस बात से जिला प्रशासन भी अनभिज्ञ नहीं है। डीएम ने प्रशिक्षण के पहले दिन ही पीठासीन अधिकारियों की इस गलती का एहसास करा चुके हैं। उन्होंने 17 (ग) रजिस्टर से ही मिलान करने के बाद ही गणना करने को कहा है।
ऐसे लोगों पर हो सकती है कार्रवाई
मतदान के दिन पीठासीन अधिकारी भले ही इसे मामूली चूक बता रहे हैं, मगर जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। अगर यह समस्या आम हुई, तो ऐेसे पीठासीन अफसरों पर गाज गिर सकती है।
मतगणना में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कुछ पीठासीन अधिकारियों ने ऐसी गलती किया होगा। इसलिए 17 (ग) रजिस्टर से यह स्पष्ट हो जाएगा कि जो मत ईवीएम में हैं, वह सही हैं या गलत। अगर माकपोल के मत रहेंगे, तो उन्हें हटाकर मतों की गणना की जाएगी। शत्रोहन वैश्य, उपजिला निर्वाचन अधिकारी