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Pratapgarh News: डेंगू ने बदला अपना रूप, बुखार और सिरदर्द के बिना पॉजिटिव आ रही रिपोर्ट
संवाद न्यूज एजेंसी, प्रतापगढ़
Updated Sun, 29 Oct 2023 08:50 PM IST
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जिले में पहली बार डेंगू का नया रूप सामने आया है। जिसमें मरीज को न तो सिरदर्द हुआ न ही बुखार आया फिर भी वह डेंगू पॉजिटिव पाए गए। उनकी प्लेटलेट्स में कमी आई है। खून जांच में इसकी पुष्टि भी की गई। इसी वजह से उन्हें अस्पतालों में भर्ती होना पड़ा। मेडिकल कॉलेज से लेकर निजी अस्पतालों में इन दिनों मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
डॉ. सोने लाल पटेल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का कहना है कि उनके यहां भी इस तरह के मरीज आए हैं, जिसके बाद एक अध्ययन में ये साबित हो चुका है कि डेंगू यानि एडीज मच्छर के वायरस और स्ट्रेन में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि ये बदलाव जानलेवा नहीं है, लेकिन चिंताजनक जरूर हैं। अभी तक डेंगू से पहले इंसान को बुखार की परेशानी होती है। कहा यह भी जाता है कि डेंगू के मरीज को 100 डिग्री तापमान बना रहता है। शरीर लाल हो जाती थी। चकत्ते पड़ जाते थे। पैरासिटामॉल और ग्लूकोज के जरिये मरीज का उपचार भी किया जाता है।
शहर के मां शक्ति हॉस्पिटल में कुछ असाधारण केस ऐसे भी आए हैं, जिनको बुखार नहीं हुआ फिर भी वह डेंगू का शिकार हो गए। कुछ समय पहले ऐसा ही एक मामला राजगढ़ के बबुरहा गांव के 20 वर्षीय सौरभ सरोज में देखने को मिला। जिसे किसी तरह का बुखार नहीं आया, उसे लगातार उल्टी हो रही थी। प्लेटलेट्स भी घटकर 20 हजार पहुंच गया। जांच में उसकी रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई।
वहीं, मेडिकल कॉलेज के डॉ. आरपी चौबे बताते हैं कि इन दिनों इसी तरह के मरीज आ रहे हैं। मरीजों में डेंगू की पहचान होना मुश्किल है। थकान और कमजोरी के चलते जब मरीज अस्पताल पहुंचता है, तो जांच में बीमारी की पुष्टि हो रही है। उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स में कमी देखी जाए तो बुखार न होने पर भी मरीज की डेंगू जांच की जानी चाहिए। शनिवार तक जिले में 252 डेंगू पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। जबकि तीन मरीजों की जान भी जा चुकी है।

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डॉ. सोने लाल पटेल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का कहना है कि उनके यहां भी इस तरह के मरीज आए हैं, जिसके बाद एक अध्ययन में ये साबित हो चुका है कि डेंगू यानि एडीज मच्छर के वायरस और स्ट्रेन में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि ये बदलाव जानलेवा नहीं है, लेकिन चिंताजनक जरूर हैं। अभी तक डेंगू से पहले इंसान को बुखार की परेशानी होती है। कहा यह भी जाता है कि डेंगू के मरीज को 100 डिग्री तापमान बना रहता है। शरीर लाल हो जाती थी। चकत्ते पड़ जाते थे। पैरासिटामॉल और ग्लूकोज के जरिये मरीज का उपचार भी किया जाता है।
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शहर के मां शक्ति हॉस्पिटल में कुछ असाधारण केस ऐसे भी आए हैं, जिनको बुखार नहीं हुआ फिर भी वह डेंगू का शिकार हो गए। कुछ समय पहले ऐसा ही एक मामला राजगढ़ के बबुरहा गांव के 20 वर्षीय सौरभ सरोज में देखने को मिला। जिसे किसी तरह का बुखार नहीं आया, उसे लगातार उल्टी हो रही थी। प्लेटलेट्स भी घटकर 20 हजार पहुंच गया। जांच में उसकी रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव आई।
वहीं, मेडिकल कॉलेज के डॉ. आरपी चौबे बताते हैं कि इन दिनों इसी तरह के मरीज आ रहे हैं। मरीजों में डेंगू की पहचान होना मुश्किल है। थकान और कमजोरी के चलते जब मरीज अस्पताल पहुंचता है, तो जांच में बीमारी की पुष्टि हो रही है। उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स में कमी देखी जाए तो बुखार न होने पर भी मरीज की डेंगू जांच की जानी चाहिए। शनिवार तक जिले में 252 डेंगू पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। जबकि तीन मरीजों की जान भी जा चुकी है।