Pratapgarh : बहन के आने पर समाज कल्याण अधिकारी के शव का हुआ अंतिम संस्कार, मासूम बेटे ने दी मुखाग्नि
आजमगढ़ के जिला समाज कल्याण अधिकारी आशीष सिंह ने पत्नी से विवाद के बाद बृहस्पतिवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। शुक्रवार को मुरादाबाद से बहन के पहुंचने पर परिजन गमगीन माहौल में श्रृंग्वेरपुर घाट पर अंतिम संस्कार को रवाना हुए।

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आजमगढ़ के जिला समाज कल्याण अधिकारी आशीष सिंह ने पत्नी से विवाद के बाद बृहस्पतिवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। शुक्रवार को मुरादाबाद से बहन के पहुंचने पर परिजन गमगीन माहौल में श्रृंग्वेरपुर घाट पर अंतिम संस्कार को रवाना हुए। घर पर मौजूद लोगों की आंखों से आंसू बहता रहा। घाट पर बड़े भाई दीपक सिंह ने उनके चार साल के बेटे को गोद में लेकर मुखाग्नि दी तो हर किसी की आंखें नम हो गई।

नगर कोतवाली के पूरे केशवराय निवासी रामबहादुर सिंह के 40 वर्षीय बेटे आशीष सिंह आजमगढ़ में समाज कल्याण अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। पत्नी समता सिंह पति से विवाद के चलते अपने चार साल के बेटे को लेकर मायके सुल्तानपुर चली गई थी। शनिवार को वह अवकाश लेकर घर आए थे। बृहस्पतिवार को ड्यूटी पर जाने के लिए निकल रहे थे। तभी पत्नी का फोन आ गया।
कहासुनी के बीच उन्होंने कमरे में जाकर फांसी लगाकर जान दे दी। जानकारी पर पत्नी समता बेटे नमन और अपने परिजनों साथ पहुंची, लेकिन ससुराल वालों ने बेटे नमन को लेकर उसे वापस कर दिया, जो अपने किसी रिश्तेदार के घर चली गई। मुरादाबाद में रहने वाली आशीष की बड़ी बहन के आने के बाद शुक्रवार को अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाया गया। वहां आशीष के भाई दीपक ने नमन को गोद में लेकर मुखाग्नि दी।