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Pratapgarh News: समिति के हैं सदस्य या बनी है फार्मर आईडी तभी मिलेगी खाद
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जिले के उन्हीं किसानों को साधन सहकारी समिति से खाद जो समिति के सदस्य हैं या उनके पास फार्मर आईडी है। इसके अतिरिक्त किसी को भी खाद नहीं दी जाएगी। डीएम के इस आदेश के बाद किसानों की परेशानी और बढ़ है।
डीएम के आदेश के बाद दस्तावेज न होने की दशा में हजारों किसानों को निजी दुकानों के खाद खरीदनी पड़ सकती है। हालांकि जिले में किसानों की संख्या के सापेक्ष सदस्यता और फार्मर आईडी 50 फीसदी से भी कम हुई है।
डीएम शिव सहाय अवस्थी के अनुमोदन पर ओडिशा के पारादीप से आई 3,764 मीट्रिक टन फास्फेटिक खाद (डीएपी, एनपीके) की रैक का आवंटन 172 समितियों के लिए कर दिया गया है। इसके पूर्व समितियों पर उपलब्ध 12,900 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया जा रहा है। जिन समितियों के प्वाइंट ऑफ सेल मशीन (पीओएस) पर 7.5 मीट्रिक टन खाद की उपलब्धता दिख रही है।
समितियों को एक हेक्टेयर भूमि वाले किसानों को सात बोरी यूरिया और पांच बोरी डीएपी देने के निर्देश शासन से मिले हैं। अधिक खाद का भंडारण करने वाले किसानों के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है। समिति के सचिवों को किसानों की भूमि का ब्योरा दर्ज करने का आदेश दिया गया है। बिक्री केंद्र खुलने की स्थिति भी समिति पर स्पष्ट की जाएगी। एक समिति पर औसतन प्रतिदिन 400 किसानों को खाद वितरित की जा रही है।
14,871 किसान बने सदस्य
जिले के 7,19,383 किसानों की फार्मर आईडी बनाई जानी है। अब तक 2,72,810 किसानों की ही फार्मर आईडी बनाई जा सकी है। वहीं, 35 हजार लक्ष्य के सापेक्ष समिति सदस्यता 14,871 ही हो सकी है। हालांकि 31 अक्तूबर तक सदस्यता अभियान को बढ़ा दिया गया है।
डीएम ने मांगा स्पष्टीकरण
13 अक्तूबर को खाद की किल्लत की खबर प्रकाशित होने के बाद डीएम शिव सहाय अवस्थी ने एआर कोऑपरेटिव देवेंद्र वर्मन से स्पष्टीकरण मांगा है। एआर कोऑपरेटिव ने बताया कि समितियों पर खाद उपलब्ध है। समिति के सचिव गांव-गांव भ्रमण कर किसानों को सदस्य बना रहे हैं। रोस्टर के अनुसार खाद का वितरण किया जा रहा है।
किसानों में हुई मारपीट, पुलिस ने की सख्ती
सदर तहसील क्षेत्र के साधन सहकारी समिति कुसमी में लाइन में लगे किसानों के बीच आगे-पीछे खड़े होने को लेकर विवाद के बाद मारपीट शुरू हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सख्ती करते हुए खाद का वितरण कराया। वहीं, सुखपाल नगर के आशीष ने बताया कई समितियों पर चक्कर लगाने पर भी खाद नहीं मिली। चकवनतोड़ समिति पहुंचे राजू पाल भी खाद न मिलने से मायूस हो गए।

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डीएम के आदेश के बाद दस्तावेज न होने की दशा में हजारों किसानों को निजी दुकानों के खाद खरीदनी पड़ सकती है। हालांकि जिले में किसानों की संख्या के सापेक्ष सदस्यता और फार्मर आईडी 50 फीसदी से भी कम हुई है।
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डीएम शिव सहाय अवस्थी के अनुमोदन पर ओडिशा के पारादीप से आई 3,764 मीट्रिक टन फास्फेटिक खाद (डीएपी, एनपीके) की रैक का आवंटन 172 समितियों के लिए कर दिया गया है। इसके पूर्व समितियों पर उपलब्ध 12,900 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया जा रहा है। जिन समितियों के प्वाइंट ऑफ सेल मशीन (पीओएस) पर 7.5 मीट्रिक टन खाद की उपलब्धता दिख रही है।
समितियों को एक हेक्टेयर भूमि वाले किसानों को सात बोरी यूरिया और पांच बोरी डीएपी देने के निर्देश शासन से मिले हैं। अधिक खाद का भंडारण करने वाले किसानों के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है। समिति के सचिवों को किसानों की भूमि का ब्योरा दर्ज करने का आदेश दिया गया है। बिक्री केंद्र खुलने की स्थिति भी समिति पर स्पष्ट की जाएगी। एक समिति पर औसतन प्रतिदिन 400 किसानों को खाद वितरित की जा रही है।
14,871 किसान बने सदस्य
जिले के 7,19,383 किसानों की फार्मर आईडी बनाई जानी है। अब तक 2,72,810 किसानों की ही फार्मर आईडी बनाई जा सकी है। वहीं, 35 हजार लक्ष्य के सापेक्ष समिति सदस्यता 14,871 ही हो सकी है। हालांकि 31 अक्तूबर तक सदस्यता अभियान को बढ़ा दिया गया है।
डीएम ने मांगा स्पष्टीकरण
13 अक्तूबर को खाद की किल्लत की खबर प्रकाशित होने के बाद डीएम शिव सहाय अवस्थी ने एआर कोऑपरेटिव देवेंद्र वर्मन से स्पष्टीकरण मांगा है। एआर कोऑपरेटिव ने बताया कि समितियों पर खाद उपलब्ध है। समिति के सचिव गांव-गांव भ्रमण कर किसानों को सदस्य बना रहे हैं। रोस्टर के अनुसार खाद का वितरण किया जा रहा है।
किसानों में हुई मारपीट, पुलिस ने की सख्ती
सदर तहसील क्षेत्र के साधन सहकारी समिति कुसमी में लाइन में लगे किसानों के बीच आगे-पीछे खड़े होने को लेकर विवाद के बाद मारपीट शुरू हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सख्ती करते हुए खाद का वितरण कराया। वहीं, सुखपाल नगर के आशीष ने बताया कई समितियों पर चक्कर लगाने पर भी खाद नहीं मिली। चकवनतोड़ समिति पहुंचे राजू पाल भी खाद न मिलने से मायूस हो गए।