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Rampur News: आप नेता को धमकाने में अब्दुल्ला आजम बरी
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रामपुर। आम आदमी पार्टी के नेता फैसल लाला को धमकाने के मामले में आजम खां के पुत्र व समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम और आजम खां के तत्कालीन मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू को कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन चेयरमैन सलीम कासिम भी आरोपी थे लेकिन सुनवाई के दौरान उनका निधन हो गया था।
मारपीट व धमकाने का यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है। आप के प्रदेश प्रवक्ता फैसल खां लाला ने गंज थाने में एक तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम, मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू और जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन सलीम कासिम पर धमकाने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने मामले की तफ्तीश करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से पांच गवाहों को पेश किया गया। बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि आरोपियों को राजनीतिक रंजिश के आधार पर फंसाया गया है। अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित नहीं कर पाया है, इसलिए बरी किया जाए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने इस मामले में आरोपी बनाए गए सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम व फसाहत अली खां शानू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
कोर्ट ने पुलिस की विवेचना पर उठाए सवाल
आप नेता फैसल लाला को धमकाने के मामले में कोर्ट ने आरोपियों को बरी तो कर दिया लेकिन कोर्ट ने पुलिस की विवेचना पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने माना है कि इस मामले की विवेचना ठीक ढंग से नहीं की है। कोर्ट ने विवेचक रहे तत्कालीन गंज थाना प्रभारी रामवीर सिंह और नरेंद्र त्यागी के खिलाफ पुलिस महानिदेशक को लिखने के साथ ही कोर्ट के फैसले की काॅपी भी भेजने का आदेश एसपी को दिया है।
हाईकोर्ट जाएंगेः फैसल लाला
आप के प्रदेश प्रवक्ता फैसल खान लाला का कहना है कि धमकाने और सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियां करने के मामले में अब्दुला आजम को कोर्ट ने दोष मुक्त किया है। इस मामले में वह लीगल एडवाइजरों के पैनल से सलाह ले रहे हैं। फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
दो मामलों में सजा, दो में हो चुके हैं बरी
रामपुर। सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम पर कुल 43 मामले दर्ज हुए थे, जिसमें एक केस मुरादाबाद के छजलैट थाने में भी दर्ज हुआ था। इस मामले में मुरादाबाद की कोर्ट से अब्दुल्ला आजम को तीन साल की सजा सुनाई गई थी, जबकि रामपुर कोर्ट दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में अब्दुल्ला आजम खां को सजा सुना चुकी है। इस मामले में वह हाईकोर्ट से जमानत पर चल रहे हैं। इसी तरह पड़ोसी के साथ मारपीट के मामले में कोर्ट उन्हें बरी कर चुकी है। शुक्रवार को आप नेता को धमकाने के मामले में भी अब्दुल्ला को कोर्ट ने बरी कर दिया। इस तरह अब उनके खिलाफ 39 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। शानू खां लंबे समय तक आजम खां के मीडिया प्रभारी रहे। आजम खां के साथ उनके खिलाफ भी कई मामले दर्ज हुए। उन्हें दो बार गुंडा एक्ट में जिला बदर भी किया गया लेकिन बाद में वह सपा छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। संवाद

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मारपीट व धमकाने का यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है। आप के प्रदेश प्रवक्ता फैसल खां लाला ने गंज थाने में एक तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम, मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू और जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन सलीम कासिम पर धमकाने का आरोप लगाया था।
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पुलिस ने मामले की तफ्तीश करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से पांच गवाहों को पेश किया गया। बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि आरोपियों को राजनीतिक रंजिश के आधार पर फंसाया गया है। अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित नहीं कर पाया है, इसलिए बरी किया जाए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने इस मामले में आरोपी बनाए गए सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम व फसाहत अली खां शानू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
कोर्ट ने पुलिस की विवेचना पर उठाए सवाल
आप नेता फैसल लाला को धमकाने के मामले में कोर्ट ने आरोपियों को बरी तो कर दिया लेकिन कोर्ट ने पुलिस की विवेचना पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने माना है कि इस मामले की विवेचना ठीक ढंग से नहीं की है। कोर्ट ने विवेचक रहे तत्कालीन गंज थाना प्रभारी रामवीर सिंह और नरेंद्र त्यागी के खिलाफ पुलिस महानिदेशक को लिखने के साथ ही कोर्ट के फैसले की काॅपी भी भेजने का आदेश एसपी को दिया है।
हाईकोर्ट जाएंगेः फैसल लाला
आप के प्रदेश प्रवक्ता फैसल खान लाला का कहना है कि धमकाने और सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियां करने के मामले में अब्दुला आजम को कोर्ट ने दोष मुक्त किया है। इस मामले में वह लीगल एडवाइजरों के पैनल से सलाह ले रहे हैं। फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
दो मामलों में सजा, दो में हो चुके हैं बरी
रामपुर। सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम पर कुल 43 मामले दर्ज हुए थे, जिसमें एक केस मुरादाबाद के छजलैट थाने में भी दर्ज हुआ था। इस मामले में मुरादाबाद की कोर्ट से अब्दुल्ला आजम को तीन साल की सजा सुनाई गई थी, जबकि रामपुर कोर्ट दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में अब्दुल्ला आजम खां को सजा सुना चुकी है। इस मामले में वह हाईकोर्ट से जमानत पर चल रहे हैं। इसी तरह पड़ोसी के साथ मारपीट के मामले में कोर्ट उन्हें बरी कर चुकी है। शुक्रवार को आप नेता को धमकाने के मामले में भी अब्दुल्ला को कोर्ट ने बरी कर दिया। इस तरह अब उनके खिलाफ 39 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। शानू खां लंबे समय तक आजम खां के मीडिया प्रभारी रहे। आजम खां के साथ उनके खिलाफ भी कई मामले दर्ज हुए। उन्हें दो बार गुंडा एक्ट में जिला बदर भी किया गया लेकिन बाद में वह सपा छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। संवाद