UP Crime: दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कठोर कैद, 40 हजार रुपये लगा जुर्माना; पढ़ें- पूरा मामला
Sonbhadra News: सोनभद्र जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए गए आरोपी को 20 साल की कैद की सजा सुनाई गई। साथ ही उस पर 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
विस्तार
सोनभद्र जिले में करीब डेढ़ वर्ष पूर्व 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने एवं गर्भवती किए जाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई की। दोषसिद्ध पाकर दोषी रतेश कुमार को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। उस पर 40 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 30 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। वहीं चार अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया।
क्या है पूरा मामला
अभियोजन पक्ष के मुताबिक विंढमगंज थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने विंढमगंज थाने में 28 अप्रैल 2024 को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग लड़की 9 दिसंबर 2023 को शाम 8 बजे अचानक पेट दर्द होने पर दवा इलाज के लिए डॉक्टर के पास जा रही थी, तभी रौतम कुमार पुत्र अमरनाथ निवासी जोरुखाड़ , थाना विंढमगंज, जिला सोनभद्र अपने चार अन्य साथियों के साथ पहुंचा और अपहरण करके बेटी को अपने घर ले गया। बेटी को बेरहमी से मारा-पीटा और गाली देते हुए कहा कि तुम्हारे पेट में उसका बच्चा पल रहा है। उसकी सफाई करवा दो नहीं तो जान से मारकर फेंक देंगे।
शिकायत की थी कि किसी तरह बेटी अपनी जान बचाकर घर वापस आई। रौतम उसकी बेटी के साथ करीब 4 साल पहले से शारिरिक शोषण कर रहा था। 8 मार्च 2024 को शिवरात्रि पर शाम 4 बजे बेटी शिव मंदिर पूजा करने गई थी तो वहां भी रौतम मारपीट करने लगा। वहां मौजूद लोगों ने बीच बचाव किया। जाते समय शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। बेटी को करीब 5 माह का गर्भ है। आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की और पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, नौ गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रौतम कुमार (21) को 20 वर्ष की कठोर कैद एवं 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 30 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। वहीं चार अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया।