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Sonebhadra News: सीजन में पहली बार सात डिग्री तापमान, अब तक की सबसे सर्द रात रही
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राबट्सगंज में ठंड से बचाने के लिए बकरियों को कपड़ा पहनाया गया।संवाद
- फोटो : रायबरेली महोत्सव में ड्राई फ्रूटस का स्टॉल लगाए कश्मीर के मो.अल्ताफ।
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सोनभद्र। पूस की सर्द रातों में सर्दी का सितम जारी है। मंगलवार को 0.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ तापमान इस सीजन के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। सोमवार को न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री दर्ज किया गया था। घने कोहरे के साथ दिन की शुरुआत हुई लेकिन दोपहर में खिली धूप ने थोड़ी राहत पहुंचाई। मौसम विभाग ने तापमान में और गिरावट की संभावना जताई है। जिला प्रशासन की ओर से सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
पिछले चार दिनों से तापमान में लगातार गिरावट का क्रम बना हुआ है। रविवार को दिन सबसे ठंडा रहा तो सोमवार को न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री के साथ सीजन की सबसे ठंडी रात बनी। इसके अगले ही दिन मंगलवार को तापमान और नीचे आ गया।
मौसम विज्ञान केंद्र चुर्क के प्रेक्षक राजन सिंह ने बताया कि 7 डिग्री सेल्सियस के साथ इस सीजन में अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है। दिन में धूप खिलने से अधिकतम तापमान 3 डिग्री की वृद्धि के साथ 21.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
सोमवार को यह 18.8 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था। उन्होंने बताया कि जिले में 23 दिसंबर का औसत तापमान 23 और 11 डिग्री है। इस बार दोनों ही तापमान में गिरावट हुई है। इसका असर गलन और शीतलहर के रूप में दिख रहा है।
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ऊनी कपड़े पहनें, सिर और पैर ढककर रखें
कड़ाके की ठंड और शीतलहर को देखते हुए प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। लोगों को सतर्क रहने और ठंड से बचाव के लिए जरूरी उपाय के सुझाव दिए हैं। डीएम बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए समाचार पत्र पढ़ते रहें। पर्याप्त सर्दियों के कपडे़ पहनें।
कपड़ों की कई परतें शरीर को गर्म रखने में अधिक सहायक होती है। आपातकालीन दवाएं स्टोर करें और तैयार रखें, ताकि बाहर कम निकलना पड़े। शीतलहर के दौरान फ्लू, बहती-भरी हुई नाक या नाक से खून जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। यह आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण हो जाती है। इस तरह के लक्षणों के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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हाइपोथर्मिया में यह करें:
पीड़ित व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाएं और उसके गीले कपड़े बदलें। व्यक्ति के शरीर को त्वचा से त्वचा के संपर्क में लाकर गर्म रखें, कंबल, कपड़े, तौलिए या चादर की परतों कों सुखाएं। शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करने के लिए गर्म पेय दें। स्थिति बिगड़ने पर चिकित्सीय सहायता लें।
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यह न करें::
लंबे समय तक ठंडे के संपर्क में रहने से बचें। शराब न पीएं, क्योकि यह शरीर के तापमान को कम करती है और रक्त वाहिकाओं को संकुचित करती हैं। ठंड से प्रभावित अंग की मालिश न करें। इससे अधिक नुकसान हो सकता है। कंपकपी को नजर अंदाज न करें। यह पहला संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है। घर के अंदर शरण लें। प्रभावित व्यक्ति को तब तक कोई तरल पदार्थ न दें जब तक कि पूरी तरह से सचेत न हो जाए।
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पिछले चार दिनों से तापमान में लगातार गिरावट का क्रम बना हुआ है। रविवार को दिन सबसे ठंडा रहा तो सोमवार को न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री के साथ सीजन की सबसे ठंडी रात बनी। इसके अगले ही दिन मंगलवार को तापमान और नीचे आ गया।
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मौसम विज्ञान केंद्र चुर्क के प्रेक्षक राजन सिंह ने बताया कि 7 डिग्री सेल्सियस के साथ इस सीजन में अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है। दिन में धूप खिलने से अधिकतम तापमान 3 डिग्री की वृद्धि के साथ 21.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
सोमवार को यह 18.8 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था। उन्होंने बताया कि जिले में 23 दिसंबर का औसत तापमान 23 और 11 डिग्री है। इस बार दोनों ही तापमान में गिरावट हुई है। इसका असर गलन और शीतलहर के रूप में दिख रहा है।
ऊनी कपड़े पहनें, सिर और पैर ढककर रखें
कड़ाके की ठंड और शीतलहर को देखते हुए प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। लोगों को सतर्क रहने और ठंड से बचाव के लिए जरूरी उपाय के सुझाव दिए हैं। डीएम बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए समाचार पत्र पढ़ते रहें। पर्याप्त सर्दियों के कपडे़ पहनें।
कपड़ों की कई परतें शरीर को गर्म रखने में अधिक सहायक होती है। आपातकालीन दवाएं स्टोर करें और तैयार रखें, ताकि बाहर कम निकलना पड़े। शीतलहर के दौरान फ्लू, बहती-भरी हुई नाक या नाक से खून जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। यह आमतौर पर ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण हो जाती है। इस तरह के लक्षणों के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
हाइपोथर्मिया में यह करें:
पीड़ित व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाएं और उसके गीले कपड़े बदलें। व्यक्ति के शरीर को त्वचा से त्वचा के संपर्क में लाकर गर्म रखें, कंबल, कपड़े, तौलिए या चादर की परतों कों सुखाएं। शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करने के लिए गर्म पेय दें। स्थिति बिगड़ने पर चिकित्सीय सहायता लें।
यह न करें::
लंबे समय तक ठंडे के संपर्क में रहने से बचें। शराब न पीएं, क्योकि यह शरीर के तापमान को कम करती है और रक्त वाहिकाओं को संकुचित करती हैं। ठंड से प्रभावित अंग की मालिश न करें। इससे अधिक नुकसान हो सकता है। कंपकपी को नजर अंदाज न करें। यह पहला संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है। घर के अंदर शरण लें। प्रभावित व्यक्ति को तब तक कोई तरल पदार्थ न दें जब तक कि पूरी तरह से सचेत न हो जाए।
