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UK News: सांसें उखड़ रही थीं, डॉक्टरों ने बताया फिट, घर पहुंचकर मौत; लोग बोले- एडमिट कर लेते तो बच जाता बिट्टू

अमर उजाला नेटवर्क, अल्मोड़ा Published by: हीरा मेहरा Updated Fri, 19 Sep 2025 04:40 PM IST
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सार

अल्मोड़ा जिले में 33 वर्षीय बिट्टू कुमार की स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही के कारण मौत हो गई। सांस लेने में तकलीफ होने के बावजूद बेस अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती किए बिना फिट बताकर घर भेज दिया। अगले दिन उनकी मौत हो गई। 

man died after doctors sent him home without treatment in almora
प्रतीकात्मक तस्वीर
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विस्तार
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पहाड़ में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली और सिस्टम की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। सांस लेने और चलने में दिक्कत के बावजूद 33 वर्षीय युवक को बेस अस्पताल ने भर्ती नहीं किया। डॉक्टरों ने उसे फिट बताकर बिना इलाज किए घर भेज दिया। दूसरे दिन सुबह उसने दम तोड़ दिया। साथियों का कहना है कि समय पर इलाज मिलता तो उनकी जान बच सकती थी। लमगड़ा ब्लॉक के सिरसोला गांव निवासी बिट्टू कुमार अल्मोड़ा के दुगालखोला में किराए पर रहते थे। वह एक सरकारी विभाग में कॉट्रैक्ट की गाड़ी चलाकर गुजर-बसर करते थे। माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी। ऐसे में वह अकेले जिंदगी का संघर्ष कर रहे थे।

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जब बीमारी के चलते उनकी हालत बिगड़ने लगी तो परिचित मदद को आगे आए। वह सांस नहीं ले पा रहे थे और चलना भी मुश्किल था। बुधवार दोपहर 2:30 बजे बद्रीश कुमार और गंगा थापा उनको लेकर बेस अस्पताल पहुंचे। लोगों का आरोप है कि इलाज करने में अस्पताल स्टाफ और डॉक्टरों ने गंभीरता नहीं दिखाई। काफी मिन्नतों के बाद एक्स-रे कराया गया लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें स्वस्थ बताकर 3:15 बजे घर भेज दिया। बृहस्पतिवार की सुबह दस बजे उसने दम तोड़ दिया। तीमारदारों का कहना है कि अगर डॉक्टर उस वक्त ऑक्सीजन लगा देते या हायर सेंटर रेफर कर देते तो बिट्टू की जान बच सकती थी।
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दोषी चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) के केंद्रीय महासचिव एडवोकेट नारायण राम ने कहा कि बिट्टू की मौत अस्पताल की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने कहा कि जब मरीज सांस नहीं ले पा रहा था तब भी चिकित्सकों ने इलाज की जगह उसे घर भेज दिया। यह सीधी-सीधी लापरवाही है। मृतक के परिजनों को मुआवजा मिले और दोषी चिकित्सकों पर कार्रवाई हो।

पहले भी उजागर हुई लापरवाही: यह पहला मामला नहीं है। छह सितंबर को गैराड़ में मजदूरी कर रहे नीरज की मौत भी समय पर एंबुलेंस न मिलने के कारण हुई थी। उस समय भी बेस अस्पताल सवालों के घेरे में था।

किन कारणों से अस्पताल से बिट्टू कर्नाटक को घर भेज दिया इसका पता लगाया जा रहा है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। -प्रो. सीपी भैसोड़ा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा

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