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मातृ भाषा पर होना चाहिए गर्व : डाॅ. मिश्र
संवाद न्यूज एजेंसी, हरिद्वार
Updated Thu, 11 Dec 2025 06:39 PM IST
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भारतीय भाषा उत्सव का हुआ आयोजन
संवाद न्यूज एजेंसी
हरिद्वार। श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन हुआ। इसमें संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित 22 भाषाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार व प्रयोग में जन साधारण को प्रेरित किया। महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. निरंजन मिश्र ने कहा कि मातृ भाषा पर गर्व होना चाहिए। मातृ भाषा का सम्मान करेंगे, तभी दूसरी भाषाओं का भी सम्मान कर पाएंगे। भारत की समस्त भाषाएं परस्पर समाज को जोड़ने का कार्य करती हैं। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डाॅ. रवींद्र कुमार ने कहा कि भारतीय भाषाएं सांस्कृतिक विविधता राष्टिय एकता, साहित्य, इतिहास व सामाजिक सौहार्द का महत्वपूर्ण अंग है। ये भाषाएं भारतीय जनमानस को मूल परम्पराओं और रीतियों से भावनात्मक जोड़ती हैं। इस दौरान बहुभाषी, भाषाविशारद, पंचभाषा प्रवीण आदि सम्मानों की घोषणा भी की गई। इस मौके पर डा. सुमंत कुमार, डा.कृष्ण चंद्र, डाॅ. आशिमा श्रवण, डाॅ. आलोक सेमवाल, डाॅ. प्रमेश बिजल्वाण, शिवदेव आर्य, आदित्यप्रकाश सुतार, एम. नरेश भट्ट, विवेक शुक्ला, डा. अंकुल कर्णवाल, मनोज गिरि आदि मौजूद रहे।
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हरिद्वार। श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन हुआ। इसमें संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित 22 भाषाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार व प्रयोग में जन साधारण को प्रेरित किया। महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. निरंजन मिश्र ने कहा कि मातृ भाषा पर गर्व होना चाहिए। मातृ भाषा का सम्मान करेंगे, तभी दूसरी भाषाओं का भी सम्मान कर पाएंगे। भारत की समस्त भाषाएं परस्पर समाज को जोड़ने का कार्य करती हैं। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डाॅ. रवींद्र कुमार ने कहा कि भारतीय भाषाएं सांस्कृतिक विविधता राष्टिय एकता, साहित्य, इतिहास व सामाजिक सौहार्द का महत्वपूर्ण अंग है। ये भाषाएं भारतीय जनमानस को मूल परम्पराओं और रीतियों से भावनात्मक जोड़ती हैं। इस दौरान बहुभाषी, भाषाविशारद, पंचभाषा प्रवीण आदि सम्मानों की घोषणा भी की गई। इस मौके पर डा. सुमंत कुमार, डा.कृष्ण चंद्र, डाॅ. आशिमा श्रवण, डाॅ. आलोक सेमवाल, डाॅ. प्रमेश बिजल्वाण, शिवदेव आर्य, आदित्यप्रकाश सुतार, एम. नरेश भट्ट, विवेक शुक्ला, डा. अंकुल कर्णवाल, मनोज गिरि आदि मौजूद रहे।