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मृत बच्चों के परिजनों समेत गोविंदनगर के लोगों ने थाने में काटा हंगामा
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सार
बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले में परिजनों समेत स्थानीय लोगों ने कोटद्वार कोतवाली में हंगामा किया।पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।आक्रोशित परिजनों ने कहा कि पुलिया से 200 मीटर नीचे पत्थरों पर गिरने पर स्कूूटी सही सलामत कैसे हो सकती है।

विस्तार
बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले में परिजनों समेत स्थानीय लोगों ने कोटद्वार कोतवाली में हंगामा किया। परिजनों ने जल्द इंसाफ न मिलने पर कोतवाली में आत्मदाह की चेतावनी दी। परिवार वालों ने पुलिस से मामले में तत्काल कार्रवाई करने की मांग की।
बुधवार शाम को गोविंदनगर निवासी अधिवक्ता अरविंद वर्मा के साथ बच्चों के परिजन और स्थानीय नागरिक कोटद्वार कोतवाली में पहुंचे। उन्होंने पुलिस से उनके बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले में अब तक हुई कार्रवाई पर जानकारी मांगी। पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
मामले को देख रहे उपनिरीक्षक सूरत शर्मा ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हादसे की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच की जाएगी। इसमें मृतक बच्चों के परिजनों की राय भी ली जाएगी। उपनिरीक्षक के ‘हादसा’ शब्द पर एतराज जताते हुए परिजन भड़क गए। उन्होंने कहा कि उनके बच्चों की हत्या हुई है और पुलिस उसे हादसा बता रही है। आक्रोशित परिजनों ने कहा कि पुलिया से 200 मीटर नीचे पत्थरों पर गिरने पर स्कूूटी सही सलामत कैसे हो सकती है। तीनों बच्चों का सिर कुचलकर मारा गया है। स्कूटी की नंबर प्लेट पर कपड़ा बांधना हत्या की ओर इशारा कर रहा है लेकिन पुलिस इसे हादसे का रूप देना चाहती है।
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थाने में स्कूटी को क्षतिग्रस्त देख आग बबूला हुए परिजन
कोटद्वार। पुलिस से नाराज मृत बच्चों के परिजन थाने में खड़ी स्कूटी को देखने के लिए गए। वहां पर स्कूटी की टूटी-फूटी हालत देखकर परिजन आग बबूला हो गए। उन्होंने पुलिस पर हत्या के साक्ष्य मिटने का आरोप लगाया और हंगामा खड़ा कर दिया। कहा कि घटना के मौके पर और क्रेन के स्कूटी को सड़क पर निकालने तक स्कूटी का आगे का हिस्सा बिल्कुल सलामत था। स्कूटी के पीछे की लाल बत्ती ही टूटी थी लेकिन अब स्कूटी के आगे और पीछे के हिस्से को तोड़ दिया गया है। उसे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दुर्घटनाग्रस्त दिखाया जा रहा है। परिजनों ने पुलिस पर हत्यारों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है। कहा कि पुलिस की मंशा उनको न्याय दिलाने की नहीं लग रही है। चेताया कि अगर उन्हें शीघ्र न्याय नहीं मिला तो वे कोतवाली में आत्मदाह कर देंगे। करीब एक घंटे तक चले हंगामे के बाद किसी प्रकार अधिवक्ता अरविंद वर्मा और पुलिस अधिकारियों ने टूटी हुई स्कूटी को जांच में शामिल नहीं करने और मामले में त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाकर मामला शांत कराया। कोतवाल विजय सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही अगली कार्रवाई शुरू हो सकेगी।
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बुधवार शाम को गोविंदनगर निवासी अधिवक्ता अरविंद वर्मा के साथ बच्चों के परिजन और स्थानीय नागरिक कोटद्वार कोतवाली में पहुंचे। उन्होंने पुलिस से उनके बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले में अब तक हुई कार्रवाई पर जानकारी मांगी। पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
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मामले को देख रहे उपनिरीक्षक सूरत शर्मा ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हादसे की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच की जाएगी। इसमें मृतक बच्चों के परिजनों की राय भी ली जाएगी। उपनिरीक्षक के ‘हादसा’ शब्द पर एतराज जताते हुए परिजन भड़क गए। उन्होंने कहा कि उनके बच्चों की हत्या हुई है और पुलिस उसे हादसा बता रही है। आक्रोशित परिजनों ने कहा कि पुलिया से 200 मीटर नीचे पत्थरों पर गिरने पर स्कूूटी सही सलामत कैसे हो सकती है। तीनों बच्चों का सिर कुचलकर मारा गया है। स्कूटी की नंबर प्लेट पर कपड़ा बांधना हत्या की ओर इशारा कर रहा है लेकिन पुलिस इसे हादसे का रूप देना चाहती है।
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थाने में स्कूटी को क्षतिग्रस्त देख आग बबूला हुए परिजन
कोटद्वार। पुलिस से नाराज मृत बच्चों के परिजन थाने में खड़ी स्कूटी को देखने के लिए गए। वहां पर स्कूटी की टूटी-फूटी हालत देखकर परिजन आग बबूला हो गए। उन्होंने पुलिस पर हत्या के साक्ष्य मिटने का आरोप लगाया और हंगामा खड़ा कर दिया। कहा कि घटना के मौके पर और क्रेन के स्कूटी को सड़क पर निकालने तक स्कूटी का आगे का हिस्सा बिल्कुल सलामत था। स्कूटी के पीछे की लाल बत्ती ही टूटी थी लेकिन अब स्कूटी के आगे और पीछे के हिस्से को तोड़ दिया गया है। उसे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दुर्घटनाग्रस्त दिखाया जा रहा है। परिजनों ने पुलिस पर हत्यारों के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है। कहा कि पुलिस की मंशा उनको न्याय दिलाने की नहीं लग रही है। चेताया कि अगर उन्हें शीघ्र न्याय नहीं मिला तो वे कोतवाली में आत्मदाह कर देंगे। करीब एक घंटे तक चले हंगामे के बाद किसी प्रकार अधिवक्ता अरविंद वर्मा और पुलिस अधिकारियों ने टूटी हुई स्कूटी को जांच में शामिल नहीं करने और मामले में त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाकर मामला शांत कराया। कोतवाल विजय सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद ही अगली कार्रवाई शुरू हो सकेगी।
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