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Pauri News: वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन, गुलदार को मारने की मांग पर अड़े
संवाद न्यूज एजेंसी, पौड़ी
Updated Mon, 24 Nov 2025 05:44 PM IST
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पौड़ी - श्रीनगर हाईवे के समीप ढांडरी मोटर मार्ग पर धरना देकर प्रदर्शन करते ग्रामीण- संवाद
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फोटो
वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन, गुलदार को मारने की मांग पर अड़े
एसडीओ बोले- गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की मिली है अनुमति, ग्रामीण नहीं माने
डोभाल ढांडरी गांव में लगातार हो रहे गुलदार के हमले
संवाद न्यूज एजेंसी
पौड़ी। जिला मुख्यालय से सटे डोभाल ढांडरी गांव में गुलदार के हमले के बाद ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने तीसरे दिन भी वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन कर धरना दिया। उन्होंने गुलदार को शीघ्र मारने के आदेश जारी करने की मांग उठाई। वन विभाग ने कहा कि गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिल गई है लेकिन ग्रामीण गुलदार को मारने की मांग पर अड़े रहे।
पौड़ी-श्रीनगर हाईवे पर पौड़ी-ढांडरी शहीद कुलदीप सिंह रावत मार्ग पर ग्रामीणों ने तीसरे दिन प्रदर्शन कर धरना दिया। ग्रामीणों ने कहा कि गांव के आसपास कई गुलदार दिखाई दे रहे हैं। बावजूद इसके वन विभाग पिंजरा लगाने और गश्त तक ही सीमित है। चेतावनी दी कि गुलदार को मारने की अनुमति के बाद ही आंदोलन स्थगित किया जाएगा। वहीं वन विभाग की टीम ने धरना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने। बाद में प्रमुख वन्य संरक्षक से गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिली। वन प्रभाग की एसडीओ लक्की शाह ने बताया कि ट्रेंकुलाइज करने के लिए टीम को गांव में तैनात कर दिया गया है। कई जगहों पर ट्रैप कैमरे और मचान बनाकर गुलदार की गतिविधियों को देखा जा रहा है। कहा कि ट्रेंकुलाइज कर गुलदार का मेडिकल ग्रामीणों के समक्ष किया जाएगा लेकिन ग्रामीण गुलदार को मारने की मांग पर डटे रहे। धरना देने वालों में गाैरव चंदोला, अतुल चंदोला, विनाेद दनोसी, कुलदीप सिंह, मनीश खत्री, शैलेंद्र सिंह, सचिन नेगी, प्रदीप रावत, सानू, अमित, शुभम आदि मौजूद रहे।
डाक बंगला मोहल्ले में सुनाई दी गुलदार की दहाड़
श्रीनगर। डाक बंगला मोहल्ले में गुलदार की दहशत बढ़ती जा रही है। सोमवार को दिन में भी गुलदार की दहाड़ सुनाई दी। लोगों ने बताया कि गुलदार एक बछिया को उठा ले गया और एक गाय को बुरी तरह घायल कर दिया। घटना के बाद से पूरे मोहल्ले में खौफ है। लोगों ने घटना के 24 घंटे बाद भी वन विभाग की टीम के मौके पर नहीं पहुंचने का आरोप लगाया।
डॉ. हेमेंद्र भट्ट ने बताया कि मुझे रोज ऑफिस जाने के लिए चौरास जाना होता है। पत्नी भी नौकरी पर चली जाती हैं। बच्चा स्कूल से पहले अकेले घर आ जाता था लेकिन अब डर के कारण उसे साथ ही ला रहे हैं। घटना के बाद बच्चे के ठहरने की किसी परिचित के यहां व्यवस्था करनी पड़ी है। इसी तरह समीर ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों से मोहल्ले में दो गुलदारों का जोड़ा घूम रहा है। रात भर दहाड़ भी सुनाई देती है। बच्चों को अकेले बाहर भेजने की हिम्मत नहीं हो रही। वन क्षेत्राधिकारी (रेंजर) दिनेश चंद्र नौटियाल ने बताया कि हमारी सात-सात लोगों की टीम है। कोटी-नयालगढ़ क्षेत्र में भी टीम तैनात है इसलिए वहीं की टीम को डाक बंगला भेजा गया था। टीम ने लोगों को जागरूक किया और वापस लौट आई क्योंकि कोटी-नयालगढ़ की निगरानी भी जरूरी है। संवाद
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पिंजरे के आस-पास नहीं फटक रहा गुलदार
श्रीनगर। कोटी व नयालगढ़ में गुलदार को पकड़ने के लिए लगाए गए तीन पिंजरों के आस-पास भी गुलदार नहीं फटक रहा है। नयालगढ़ के सुरजीत सिंह बिष्ट का कहना है कि क्षेत्र में पिंजरे तो लगे हैं लेकिन गुलदार पिंजरे में कैद नहीं हो रहा है। वन क्षेत्राधिकारी दिनेश चंद्र नौटियाल का कहना है कि टीम की ओर से क्षेत्र में गुलदार की बराबर निगरानी की जा रही है। ट्रैप कैमरों में भी गुलदार की गतिविधि नजर नहीं आई है। संवाद
गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने लगाया पिंजरे
गोर्थी कांडा में फ्लैगमार्च कर ग्रामीणों को किया जागरूक
संवाद न्यूज एजेंसी
देवप्रयाग। विकास खंड के गोर्थी कांडा गांव में गुलदार की लगातार सक्रियता और ग्रामीणों पर हमले की कोशिश की घटनाओं के बाद वन विभाग ने गांव में दो पिंजरे लगा दिए हैं। साथ ही फ्लैगमार्च भी किया। वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह रावत ने बताया कि रेंज स्तर पर दिन-रात गश्त और जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
गोर्ती कांडा में दो पिंजरे लगाए गए हैं जबकि भदनी और अन्य स्थानों पर विभाग ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। फॉक्स लाइट, कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं। साथ ही वन्यजीवों को भगाने के लिए पटाखे भी फोड़े जा रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारियों ने फ्लैग मार्च भी निकाला। फ्लैग मार्च के दौरान, विभाग ने ग्रामीणों के साथ गोष्ठी भी की। उन्होंने शीतकाल में वन्यजीवों से बचाव के लिए विशेष सुरक्षा बरतने का अनुरोध किया गया। उन्होंने ग्रामीण से अपने घरों के आस-पास की झाड़ियों को काटकर साफ़-सफाई रखने और पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था रखने, बच्चों को अकेले न भेजने की भी सलाह दी गई। रोजमर्रा के कामों के लिए भी समूह में ही जाएं। गुलदार, भालू या जंगली जानवर दिखाई देने पर सूचना हेल्पलाइन नंबर -1926 (टोल फ्री) पर दें। इस अभियान में उप वन क्षेत्राधिकारी सीताराम डबराल, वन दरोगा सुरेंद्र दत्त सेमवाल, सत्येंद्र सिंह, वन आरक्षी शीतल सिंह, संदीप पंवार और प्रकाश सिंह आदि मौजूद थे।
जंगली जानवरों की धमक से लोगों ने घूमना किया बंद
कर्णप्रयाग। गांवों और कस्बों के आस पास लगातार धमक रहे गुलदार और भालू की वजह से नगरों में भी भय का माहौल है। खास तौर से सुबह की सैर करने वालों ने अब सुबह जाना ही बंद कर दिया है या फिर घूमने की दूरी भी घटा दी है।
नगर के बदरीनाथ हाईवे, नैनीताल हाईवे, स्टेट हाईवे नौटी, कपीरी सहित अन्य सड़कों पर अलसुबह अधिक संख्या में लोग सैर करने निकलते हैं लेकिन कुछ दिनों से जंगली जानवरों की घटनाएं होने पर यहां लोगों ने सुबह की सैर पर जाना ही बंद कर दिया है। प्रतीष मोहन ने कहा कि उन्होंने बीते एक सप्ताह से घूमने की दूरी कम कर दी है। वहीं उमेश खंडूड़ी, सूरज रावत ने बताया कि सुबह की सैर आबादी तक ही सिमट गई है। जेपी थपलियाल, दीपक नेगी ने कहा कि सुबह के बजाए शाम को अंधेरे से पहले कुछ दूरी तक पैदल चल रहे हैं। वहीं आटागाड़ रेंज के रेंजर आरके निराला ने कहा कि हालांकि कर्णप्रयाग के आस पास ऐसी कोई घटना नहीं हुई लेकिन आबादी से दूर सैर करना खतरा हो सकता है। संवाद
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वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन, गुलदार को मारने की मांग पर अड़े
एसडीओ बोले- गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की मिली है अनुमति, ग्रामीण नहीं माने
डोभाल ढांडरी गांव में लगातार हो रहे गुलदार के हमले
संवाद न्यूज एजेंसी
पौड़ी। जिला मुख्यालय से सटे डोभाल ढांडरी गांव में गुलदार के हमले के बाद ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने तीसरे दिन भी वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन कर धरना दिया। उन्होंने गुलदार को शीघ्र मारने के आदेश जारी करने की मांग उठाई। वन विभाग ने कहा कि गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिल गई है लेकिन ग्रामीण गुलदार को मारने की मांग पर अड़े रहे।
पौड़ी-श्रीनगर हाईवे पर पौड़ी-ढांडरी शहीद कुलदीप सिंह रावत मार्ग पर ग्रामीणों ने तीसरे दिन प्रदर्शन कर धरना दिया। ग्रामीणों ने कहा कि गांव के आसपास कई गुलदार दिखाई दे रहे हैं। बावजूद इसके वन विभाग पिंजरा लगाने और गश्त तक ही सीमित है। चेतावनी दी कि गुलदार को मारने की अनुमति के बाद ही आंदोलन स्थगित किया जाएगा। वहीं वन विभाग की टीम ने धरना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने। बाद में प्रमुख वन्य संरक्षक से गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिली। वन प्रभाग की एसडीओ लक्की शाह ने बताया कि ट्रेंकुलाइज करने के लिए टीम को गांव में तैनात कर दिया गया है। कई जगहों पर ट्रैप कैमरे और मचान बनाकर गुलदार की गतिविधियों को देखा जा रहा है। कहा कि ट्रेंकुलाइज कर गुलदार का मेडिकल ग्रामीणों के समक्ष किया जाएगा लेकिन ग्रामीण गुलदार को मारने की मांग पर डटे रहे। धरना देने वालों में गाैरव चंदोला, अतुल चंदोला, विनाेद दनोसी, कुलदीप सिंह, मनीश खत्री, शैलेंद्र सिंह, सचिन नेगी, प्रदीप रावत, सानू, अमित, शुभम आदि मौजूद रहे।
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डाक बंगला मोहल्ले में सुनाई दी गुलदार की दहाड़
श्रीनगर। डाक बंगला मोहल्ले में गुलदार की दहशत बढ़ती जा रही है। सोमवार को दिन में भी गुलदार की दहाड़ सुनाई दी। लोगों ने बताया कि गुलदार एक बछिया को उठा ले गया और एक गाय को बुरी तरह घायल कर दिया। घटना के बाद से पूरे मोहल्ले में खौफ है। लोगों ने घटना के 24 घंटे बाद भी वन विभाग की टीम के मौके पर नहीं पहुंचने का आरोप लगाया।
डॉ. हेमेंद्र भट्ट ने बताया कि मुझे रोज ऑफिस जाने के लिए चौरास जाना होता है। पत्नी भी नौकरी पर चली जाती हैं। बच्चा स्कूल से पहले अकेले घर आ जाता था लेकिन अब डर के कारण उसे साथ ही ला रहे हैं। घटना के बाद बच्चे के ठहरने की किसी परिचित के यहां व्यवस्था करनी पड़ी है। इसी तरह समीर ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों से मोहल्ले में दो गुलदारों का जोड़ा घूम रहा है। रात भर दहाड़ भी सुनाई देती है। बच्चों को अकेले बाहर भेजने की हिम्मत नहीं हो रही। वन क्षेत्राधिकारी (रेंजर) दिनेश चंद्र नौटियाल ने बताया कि हमारी सात-सात लोगों की टीम है। कोटी-नयालगढ़ क्षेत्र में भी टीम तैनात है इसलिए वहीं की टीम को डाक बंगला भेजा गया था। टीम ने लोगों को जागरूक किया और वापस लौट आई क्योंकि कोटी-नयालगढ़ की निगरानी भी जरूरी है। संवाद
पिंजरे के आस-पास नहीं फटक रहा गुलदार
श्रीनगर। कोटी व नयालगढ़ में गुलदार को पकड़ने के लिए लगाए गए तीन पिंजरों के आस-पास भी गुलदार नहीं फटक रहा है। नयालगढ़ के सुरजीत सिंह बिष्ट का कहना है कि क्षेत्र में पिंजरे तो लगे हैं लेकिन गुलदार पिंजरे में कैद नहीं हो रहा है। वन क्षेत्राधिकारी दिनेश चंद्र नौटियाल का कहना है कि टीम की ओर से क्षेत्र में गुलदार की बराबर निगरानी की जा रही है। ट्रैप कैमरों में भी गुलदार की गतिविधि नजर नहीं आई है। संवाद
गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने लगाया पिंजरे
गोर्थी कांडा में फ्लैगमार्च कर ग्रामीणों को किया जागरूक
संवाद न्यूज एजेंसी
देवप्रयाग। विकास खंड के गोर्थी कांडा गांव में गुलदार की लगातार सक्रियता और ग्रामीणों पर हमले की कोशिश की घटनाओं के बाद वन विभाग ने गांव में दो पिंजरे लगा दिए हैं। साथ ही फ्लैगमार्च भी किया। वन क्षेत्राधिकारी मदन सिंह रावत ने बताया कि रेंज स्तर पर दिन-रात गश्त और जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
गोर्ती कांडा में दो पिंजरे लगाए गए हैं जबकि भदनी और अन्य स्थानों पर विभाग ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। फॉक्स लाइट, कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं। साथ ही वन्यजीवों को भगाने के लिए पटाखे भी फोड़े जा रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारियों ने फ्लैग मार्च भी निकाला। फ्लैग मार्च के दौरान, विभाग ने ग्रामीणों के साथ गोष्ठी भी की। उन्होंने शीतकाल में वन्यजीवों से बचाव के लिए विशेष सुरक्षा बरतने का अनुरोध किया गया। उन्होंने ग्रामीण से अपने घरों के आस-पास की झाड़ियों को काटकर साफ़-सफाई रखने और पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था रखने, बच्चों को अकेले न भेजने की भी सलाह दी गई। रोजमर्रा के कामों के लिए भी समूह में ही जाएं। गुलदार, भालू या जंगली जानवर दिखाई देने पर सूचना हेल्पलाइन नंबर -1926 (टोल फ्री) पर दें। इस अभियान में उप वन क्षेत्राधिकारी सीताराम डबराल, वन दरोगा सुरेंद्र दत्त सेमवाल, सत्येंद्र सिंह, वन आरक्षी शीतल सिंह, संदीप पंवार और प्रकाश सिंह आदि मौजूद थे।
जंगली जानवरों की धमक से लोगों ने घूमना किया बंद
कर्णप्रयाग। गांवों और कस्बों के आस पास लगातार धमक रहे गुलदार और भालू की वजह से नगरों में भी भय का माहौल है। खास तौर से सुबह की सैर करने वालों ने अब सुबह जाना ही बंद कर दिया है या फिर घूमने की दूरी भी घटा दी है।
नगर के बदरीनाथ हाईवे, नैनीताल हाईवे, स्टेट हाईवे नौटी, कपीरी सहित अन्य सड़कों पर अलसुबह अधिक संख्या में लोग सैर करने निकलते हैं लेकिन कुछ दिनों से जंगली जानवरों की घटनाएं होने पर यहां लोगों ने सुबह की सैर पर जाना ही बंद कर दिया है। प्रतीष मोहन ने कहा कि उन्होंने बीते एक सप्ताह से घूमने की दूरी कम कर दी है। वहीं उमेश खंडूड़ी, सूरज रावत ने बताया कि सुबह की सैर आबादी तक ही सिमट गई है। जेपी थपलियाल, दीपक नेगी ने कहा कि सुबह के बजाए शाम को अंधेरे से पहले कुछ दूरी तक पैदल चल रहे हैं। वहीं आटागाड़ रेंज के रेंजर आरके निराला ने कहा कि हालांकि कर्णप्रयाग के आस पास ऐसी कोई घटना नहीं हुई लेकिन आबादी से दूर सैर करना खतरा हो सकता है। संवाद