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Pithoragarh News: आठवीं बार साक्षात्कार के बाद भी बेस अस्पताल को मिले सिर्फ दो विशेषज्ञ
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Sat, 13 Dec 2025 11:00 PM IST
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बेस अस्पताल, पिथौरागढ़।
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पिथौरागढ़। सीमांत जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के दावे कर करोड़ों से खोले गए मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित बेस अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती करना पूरे सिस्टम के लिए चुनौती बन गया है। आठवीं बार साक्षात्कार के बाद भी बेस अस्पताल को सिर्फ दो विशेषज्ञ और एक सामान्य चिकित्सक मिले हैं। विशेषज्ञों के 159 पदों के सापेक्ष अब तक यहां सिर्फ तीन की तैनाती हो सकी है। वेतन बढ़ाने के बाद भी विशेषज्ञों के बेस में तैनाती लेने के लिए आगे न आने से कॉलेज प्रबंधन के साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग की दिक्कत बढ़ गई है।
जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावे कर नगर के नजदीक लिंठ्यूड़ा में 65 करोड़ रुपये से बेस अस्पताल खोला गया, जो वर्तमान में मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित हो रहा है। यहां प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में विशेषज्ञों के 159 पद स्वीकृत हैं। संचालन के तीन साल के भीतर यहां विशेषज्ञों की तैनाती के लिए बीते दिनों आठवीं बार साक्षात्कार हुआ लेकिन नतीजा खास नहीं निकला।
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक आठवीं बार हुए साक्षात्कार में सिर्फ दंत रोग और एनाटॉमी विभाग के लिए एक-एक असिस्टेंट प्रोफेसर तैनाती के लिए पहुंचे। वहीं दंत रोग विभाग में एक सीनियर रेजीडेंट मिला है। यहां एक असिस्टेंट प्रोफेसर की पहले तैनाती हुई है। ऐसे में अब तक बेस अस्पताल को सिर्फ तीन विशेषज्ञ ही मिले हैं। बीते दिनों वेतन बढ़ाने के बाद भी प्रदेश के साथ ही सीमांत जिले के मेडिकल कॉलेज में संविदा पर तैनाती लेने के लिए विशेषज्ञों के आगे न आने से इसकी कमी को दूर करना शासन और चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए चुनौती बन गया है।
प्रदेश स्तर पर 142 स्थायी असिस्टेंट प्रोफेसर की हुई तैनाती
चिकित्सा शिक्षा विभाग के मुताबिक बीते दिनों प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के लिए 142 असिस्टेंट प्रोफेसर की तैनाती हुई है। ऐसे में सीमांत जिले में मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित बेस अस्पताल में भी विशेषज्ञों की तैनाती की उम्मीद बढ़ गई है। कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक बेस अस्पताल के हिस्से में 15 विशेषज्ञ आ सकते हैं।
बगैर गुरु के कैसे तैयार होंगे कुशल डॉक्टर
मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित बेस अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती न होने से यहां अब तक मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि यदि विशेषज्ञों के रूप में मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर, असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर की तैनाती नहीं हुई तो बगैर गुरु के यहां कुशल डॉक्टर कैसे तैयार होंगे। बता दें कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2026 से मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने के दावे किए जा रहे हैं।
कोट
मेडिकल कॉलेज और इसके अधीन संचालित बेस अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती के प्रयास हो रहे हैं। साक्षात्कार के बाद कुछ विशेषज्ञ मिले हैं। इनकी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रदेश स्तर पर कुछ विशेषज्ञों की स्थायी नियुक्ति भी हुई है। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के हिस्से में भी विशेषज्ञ आएंगे। बैच शुरू होने से पहले नियुक्ति कर ली जाएगी। - डॉ. एके सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़
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मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक आठवीं बार हुए साक्षात्कार में सिर्फ दंत रोग और एनाटॉमी विभाग के लिए एक-एक असिस्टेंट प्रोफेसर तैनाती के लिए पहुंचे। वहीं दंत रोग विभाग में एक सीनियर रेजीडेंट मिला है। यहां एक असिस्टेंट प्रोफेसर की पहले तैनाती हुई है। ऐसे में अब तक बेस अस्पताल को सिर्फ तीन विशेषज्ञ ही मिले हैं। बीते दिनों वेतन बढ़ाने के बाद भी प्रदेश के साथ ही सीमांत जिले के मेडिकल कॉलेज में संविदा पर तैनाती लेने के लिए विशेषज्ञों के आगे न आने से इसकी कमी को दूर करना शासन और चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए चुनौती बन गया है।
प्रदेश स्तर पर 142 स्थायी असिस्टेंट प्रोफेसर की हुई तैनाती
चिकित्सा शिक्षा विभाग के मुताबिक बीते दिनों प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के लिए 142 असिस्टेंट प्रोफेसर की तैनाती हुई है। ऐसे में सीमांत जिले में मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित बेस अस्पताल में भी विशेषज्ञों की तैनाती की उम्मीद बढ़ गई है। कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक बेस अस्पताल के हिस्से में 15 विशेषज्ञ आ सकते हैं।
बगैर गुरु के कैसे तैयार होंगे कुशल डॉक्टर
मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित बेस अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती न होने से यहां अब तक मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि यदि विशेषज्ञों के रूप में मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर, असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर की तैनाती नहीं हुई तो बगैर गुरु के यहां कुशल डॉक्टर कैसे तैयार होंगे। बता दें कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2026 से मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने के दावे किए जा रहे हैं।
कोट
मेडिकल कॉलेज और इसके अधीन संचालित बेस अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती के प्रयास हो रहे हैं। साक्षात्कार के बाद कुछ विशेषज्ञ मिले हैं। इनकी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रदेश स्तर पर कुछ विशेषज्ञों की स्थायी नियुक्ति भी हुई है। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के हिस्से में भी विशेषज्ञ आएंगे। बैच शुरू होने से पहले नियुक्ति कर ली जाएगी। - डॉ. एके सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़

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