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Pithoragarh News: पूर्व सैनिक पर्यावरण बटालियनों को शिफ्ट करने के विरोध में सड़कों पर उतरे
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Sat, 13 Dec 2025 11:07 PM IST
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-पिथौरागढ़ में कलक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन करते पूर्व सैनिक। संवाद
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पिथौरागढ़। दो पर्यावरण बटालियन को अन्य राज्य शिफ्ट करने के विरोध में पूर्व सैनिक सड़कों पर उतरे। पूर्व सैनिकों ने इसका विरोध करते हुए नगर में आक्रोश रैली निकाली और एडीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। कहा कि पर्यावरणीय और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिले से पर्यावरण बटालियन को शिफ्ट करना गंभीर है और यह पूर्व सैनिकों के हितों की अनदेखी भी है।
जिले भर के पूर्व सैनिक संगठन के जिलाध्यक्ष मयूख भट्ट के नेतृत्व में टकाना रामलीला मैदान में एकत्र हुए और प्रदर्शन करते हुए नगर में आक्रोश रैली निकाली। पूर्व सैनिकों ने कहा कि राज्य के पहले थल सेनाध्यक्ष जनरल बीसी जोशी ने वर्ष 1994 में 130 पर्यावरण बटालियन का गठन किया, जो जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए सराहनीय कार्य कर रही है।
वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी ने प्रदेश सरकार पोषित दो कंपनियों का गठन किया। सेवानिवृृत्ति के बाद बटालियन और कंपनी में शामिल जिले के पूर्व सैनिकों की कार्यक्षमता और अनुभवों का सदुपयोग होने से जिले के प्राकृतिक संसाधन संरक्षित हुए। वीरान पहाड़ियां हरी-भरी हुईं। इससे जिले के साथ ही प्रदेश का पर्यावरण सुधरा। पर्यावरण बटालियन में तैनाती के बाद पूर्व सैनिक रोजगार से जुड़े और इससे पलायन भी रुका।
अब पर्यावरणीय, भूकंप और दैवीय आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिले में स्थापित दो पर्यावरण बटालियन को राजस्थान में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है, जो गलत है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय ने यह आदेश पारित कर सीमांत जिले के आम नागरिकों के साथ ही पूर्व सैनिकों के हितों को दरकिनार किया है। पूर्व सैनिकों ने कहा कि यदि पर्यावरण बटालियन शिफ्ट हुईं तो वे सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने एडीएम योगेंद्र सिंह के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर इस आदेश को रद्द कर पर्यावरण बटालियन को यहां से शिफ्ट न करने की मांग की। रैली में विक्रम सिंह, गोपाल सिंह, गणेश भट्ट, आनंद सिंह, नारायण दत्त, दलीप सिंह, जीत सिंह, डीडी जोशी, लक्ष्मण सिंह, सुंदर सिंह, ललित सिंह, एसडी कांडपाल, आरडी जोशी सहित कई पूर्व सैनिक शामिल रहे।
कृषि, पशुपालन को बढ़ावा देने में बटालियन का महत्वपूर्ण योगदान
पूर्व सैनिकों ने कहा कि पर्यावरण बटालियन प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वहीं कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने में भी बटालियन की भूमिका महत्वपूर्ण है। अब तक पर्यावरण बटालियन ने जिले के हजारों हेक्टेयर भूमि पर जंगल विकसित किया है। इसके जरिये पशुपालकों को हरा चारा उपलब्ध हो रहा है।
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जिले भर के पूर्व सैनिक संगठन के जिलाध्यक्ष मयूख भट्ट के नेतृत्व में टकाना रामलीला मैदान में एकत्र हुए और प्रदर्शन करते हुए नगर में आक्रोश रैली निकाली। पूर्व सैनिकों ने कहा कि राज्य के पहले थल सेनाध्यक्ष जनरल बीसी जोशी ने वर्ष 1994 में 130 पर्यावरण बटालियन का गठन किया, जो जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए सराहनीय कार्य कर रही है।
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वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी ने प्रदेश सरकार पोषित दो कंपनियों का गठन किया। सेवानिवृृत्ति के बाद बटालियन और कंपनी में शामिल जिले के पूर्व सैनिकों की कार्यक्षमता और अनुभवों का सदुपयोग होने से जिले के प्राकृतिक संसाधन संरक्षित हुए। वीरान पहाड़ियां हरी-भरी हुईं। इससे जिले के साथ ही प्रदेश का पर्यावरण सुधरा। पर्यावरण बटालियन में तैनाती के बाद पूर्व सैनिक रोजगार से जुड़े और इससे पलायन भी रुका।
अब पर्यावरणीय, भूकंप और दैवीय आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जिले में स्थापित दो पर्यावरण बटालियन को राजस्थान में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है, जो गलत है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय ने यह आदेश पारित कर सीमांत जिले के आम नागरिकों के साथ ही पूर्व सैनिकों के हितों को दरकिनार किया है। पूर्व सैनिकों ने कहा कि यदि पर्यावरण बटालियन शिफ्ट हुईं तो वे सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने एडीएम योगेंद्र सिंह के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर इस आदेश को रद्द कर पर्यावरण बटालियन को यहां से शिफ्ट न करने की मांग की। रैली में विक्रम सिंह, गोपाल सिंह, गणेश भट्ट, आनंद सिंह, नारायण दत्त, दलीप सिंह, जीत सिंह, डीडी जोशी, लक्ष्मण सिंह, सुंदर सिंह, ललित सिंह, एसडी कांडपाल, आरडी जोशी सहित कई पूर्व सैनिक शामिल रहे।
कृषि, पशुपालन को बढ़ावा देने में बटालियन का महत्वपूर्ण योगदान
पूर्व सैनिकों ने कहा कि पर्यावरण बटालियन प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वहीं कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने में भी बटालियन की भूमिका महत्वपूर्ण है। अब तक पर्यावरण बटालियन ने जिले के हजारों हेक्टेयर भूमि पर जंगल विकसित किया है। इसके जरिये पशुपालकों को हरा चारा उपलब्ध हो रहा है।

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