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Uttarakhand Road Accident: मुवानी में खाई में गिरा डंपर, हेल्पर की मौत; चालक गंभीर रूप से घायल

अमर उजाला नेटवर्क, पिथौरागढ़ Published by: हीरा मेहरा Updated Tue, 09 Dec 2025 05:06 PM IST
सार

मुवानी में स्टोन क्रशर से हॉटमिक्स प्लांट के लिए सामग्री ले जा रहा डंपर खाई में गिर गया। घटना में हेल्पर की मौत हो गई जबकि चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को जिला अस्पताल रेफर किया गया।

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Helper dies after dumper falls into ditch in Muwani
दुर्घटना। (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मुवानी में स्टोन क्रशर से हॉटमिक्स प्लांट के लिए सामग्री ले जा रहा डंपर खाई में गिर गया। घटना में हेल्पर की मौत हो गई जबकि चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को जिला अस्पताल रेफर किया गया। जहां उसका इलाज चल रहा है। हेल्पर की मौत से परिजनों में कोहराम है।

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जानकारी के मुताबिक बीते सोमवार देर शाम डंपर यूके 05 सीए 1081 भंडारी गांव में लगे स्टोन क्रशर से हॉटमिक्स प्लांट के लिए सामग्री ले जा रहा था। इसी बीच मारकूना के पास अनियंत्रित होकर 100 मीटर गहरी खाई में गिर गया। घटना में चालक मुनड़ी निवासी डिगर राम (32) पुत्र शेर राम और हेल्पर कमतोली निवासी सचिन पाठक (24) पुत्र हरीश पाठक गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और दोनों घायलों को पीएचसी मुवानी पहुंचाया। इलाज के दौरान हेल्पर सचिन पाठक की मौत हो गई। पीएचसी के डॉ. मनमोहन माहरा ने बताया कि चालक की गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक चालक का इलाज चल रहा है। फिलहाल हालत खतरे से बाहर है। सीओ गोविंद बल्लभ जोशी ने कहा कि फिलहाल घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है। कारणों का पता लगाया जा रहा है।

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नौ महीने के भीतर तीनों बेटों की हुई मौत, अकेले रह गए मां-बाप
होनी को कोई नहीं टाल सकता। ऐसा ही हुआ कमतोली के हरीश पाठक के साथ। इनके साथ एक के बाद एक ऐसी कई भयानक घटनाएं घटीं कि नौ महीने के भीतर ही घर के सभी चिराग बुझ गए। हरीश और उनकी पत्नी को समय ऐसे गहरे जख्म दे गया इनका जीवन भर भरना नामुमकिन है। दोनों पति-पत्नी ने नौ महीने के भीतर अपने तीनों बेटे खो दिए। तीनों बेटों की असमय मौत से मां बदहवास है तो पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

 

करीब नौ महीने पहले तक कमतोली के हरीश पाठक पत्नी और तीन जवान बेटों के साथ खुशहाल जीवन जी रहे थे। मजदूरी कर पत्नी के साथ ही तीन बेटों का पालन पोषण कर रहे थे। उम्मीद थी जवान बेटों के रोजगार करने से अब उन्हें मजदूरी नहीं करनी होगी। करीब नौ महीने पहले 18 वर्ष का उनका छोटा बेटा अचानक बीमार हुआ और कुछ दिन बाद ही उसकी मौत हो गई। हरीश पाठक और उनकी पत्नी इस सदमे से उबर पाते, ठीक छोटे बेटे की मौत के तीन महीने बाद ही 22 साल का मझला बेटा भी उन्हें हमेशा के लिए छोड़कर इस दुनिया से चला गया।

माता-पिता को एक साथ दो बेटों की मौत ने झकझोर दिया। किसी तरह दोनों बड़े बेटे सचिन के सहारे जीवन जी रहे थे। एक घटना ने उनसे उनके बुढ़ापे का सहारा भी छीन लिया। डंपर दुर्घटना में तीसरा बेटा भी असमय काल के गाल में समा गया और घर के सभी चिराग बुझ गए। हरीश पाठक के साथ घटी इन घटनाओं से हर कोई स्तब्ध है। नौ महीने के भीतर तीनों बेटों को खो चुके गुमसुम माता-पिता को देखकर ग्रामीण भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं।

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