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Pithoragarh News: युधिष्ठर के राजसूय यज्ञ के लिए मायासुर ने बनाया मायावी महल
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Mon, 29 Dec 2025 01:12 AM IST
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गंगोलीहाट (पिथौरागढ़)। चहज के पांडव मंदिर में आयोजित 22 दिवसीय जागर में जगरिया इंद्र सिंह भंडारी, पूरन सिंह भंडारी ने महाभारत की कथा सुनाई। उन्होंने राजसूय यज्ञ की कथा का बखान किया। कहा कि पांडवों को राजसूय या अश्वमेध यज्ञ के लिए धन और संसाधनों की आवश्यकता थी। मारुत राजा के यज्ञ के बचे हुए सोने का उपयोग करते हुए पांडवों ने अपना खजाना भरा और यज्ञ किया।
कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के बाद, देश में शांति स्थापित करने के लिए युधिष्ठिर ने अश्वमेध यज्ञ किया। युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के लिए, विश्वकर्मा के पुत्र मायासुर ने एक अद्भुत मायावी सभा (महल) बनाया, जिसमें लगे सोने के खंभे पांडवों के धन और शक्ति का प्रतीक थे। प्राचीन काल में मारुत नामक राजा के किए यज्ञ से बचा हुआ सोना पांडवों के काम आया। कथा सुनने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पांडव मंदिर पहुंच रहे हैं। कथा के बाद कीर्तन मंडली भजन-कीर्तन कर रही हैं। इस दौरान लक्ष्मण सिंह, जागर कमेटी अध्यक्ष षष्ठी बल्लभ जोशी, व्यवस्थापक प्रकाश चंद्र जोशी, नवीन जोशी, दिनेश जोशी, टिकेंद्र महर, रागिनी महर, कंचन जोशी, रजत जोशी, भूपेश जोशी, डॉ. संतोष प्रसाद सहित अनेक श्रोता मौजूद रहे। संवाद
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कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के बाद, देश में शांति स्थापित करने के लिए युधिष्ठिर ने अश्वमेध यज्ञ किया। युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के लिए, विश्वकर्मा के पुत्र मायासुर ने एक अद्भुत मायावी सभा (महल) बनाया, जिसमें लगे सोने के खंभे पांडवों के धन और शक्ति का प्रतीक थे। प्राचीन काल में मारुत नामक राजा के किए यज्ञ से बचा हुआ सोना पांडवों के काम आया। कथा सुनने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पांडव मंदिर पहुंच रहे हैं। कथा के बाद कीर्तन मंडली भजन-कीर्तन कर रही हैं। इस दौरान लक्ष्मण सिंह, जागर कमेटी अध्यक्ष षष्ठी बल्लभ जोशी, व्यवस्थापक प्रकाश चंद्र जोशी, नवीन जोशी, दिनेश जोशी, टिकेंद्र महर, रागिनी महर, कंचन जोशी, रजत जोशी, भूपेश जोशी, डॉ. संतोष प्रसाद सहित अनेक श्रोता मौजूद रहे। संवाद
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