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Pithoragarh News: अर्थराइटिस की जकड़ में आ रहे युवा

संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़ Updated Mon, 29 Dec 2025 01:13 AM IST
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Young people are falling prey to arthritis
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पिथौरागढ़। सीमांत जिले में कड़ाके की ठंड के बीच अर्थराइटिस (गठिया) रोग गंभीर रूप लेने लगा है। विशेषज्ञों के मुताबिक बदलती जीवनशैली और उचित खानपान के अभाव में युवा भी अर्थराइटिस की जकड़ में फंस रहे हैं। ठंड में यह बीमारी गंभीर रूप ले रही है। जिला अस्पताल में रोजाना अर्थराइटिस से जूझते हुए 80 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। 18 से 25 वर्ष के 10 प्रतिशत से अधिक युवा इनमें शामिल हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक सीमांत जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रात के समय न्यूनतम तापमान एक या दो डिग्री पहुंच रहा है। ऐसे में अर्थराइटिस के मरीजों की संख्या में खासा उछाल आया है। इस बीमारी में शरीर के जोड़ों में सूजन आ जाती है और दर्द बढ़ता है। नसों में दबाव बढ़ना शुरू हो जाता है। साथ ही सूजन, दर्द और अकड़न भी होती है। कई मामलों में यह वंशानुगत भी होता है। जिला अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक इन दिनों रोजाना अर्थराइटिस से जूझते हुए बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। आम तौर परअर्थराइटिस की दिक्कत बुजुर्गों में अधिक होती है। हैरानी की बात है कि युवाओं में भी यह बीमारी घर कर रही है। जीवनशैली में बदलाव, व्यायाम न करना, खानपान में बदलवा, वजन बढ़ना युवाओं में इस बीमारी का प्रमुख कारण है।
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युवाओं मेंअर्थराइटिस के प्रमुख कारण
तला भुना अधिक और पैकेज्ड फूट का उपयोग। व्यायाम न करना। फास्ट फूड का अधिक उपयोग।
बचाव
अर्थराइटिस से बचाव के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है। लोगों को पौष्टिक आहार का उपयोग करना चाहिए। बगैर चिकित्सक की सलाह के दवा का उपयोग करना गंभीर हो सकता है। ठंड से बचाव जरूरी है।
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कोट
तापमान में गिरावट से गठिया, जोड़ों में दर्द के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मरीज को चिकित्सक की सलाह पर ही दवा का सेवन करना चाहिए। युवाओं को इससे बचने के लिए पौष्टिक आहार के साथ ही वजन को नियंत्रित करना जरूरी है। - डॉ. दीपक चनकन्याल, हड्डी रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल, पिथौरागढ़
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