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Pithoragarh News: लाडली से दरिंदगी करने वाले के बरी होने से परिजन आहत
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Sat, 13 Sep 2025 10:17 PM IST
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पिथौरागढ़ नगर निगम कार्यालय में आयोजित बैठक में मौजूद विभिन्न संगठन के लोग। संवाद
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पिथौरागढ़। वर्ष 2014 में देश भर में चर्चित रहा हल्द्वानी में पिथौरागढ़ ही छह साल की मासूम की दरिंदगी के बाद हत्या (लाडली/नन्ही परी हत्याकांड) का मामला फिर सुर्खियों में है। मामले के दोषी अख्तर अली को हाईकोर्ट से फांसी की सजा सुनाई गई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां से उसे बरी कर दिया गया है। इससे लाडली के परिजन और कई संगठन आहत हैं। परिजनों का कहना है कि ये कैसा न्याय है। उन्हें मामले के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने की भनक तक नहीं लगने दी गई। बगैर उनकी गवाही के ही दोषी को बरी कर दिया गया है। इसकी भी जानकारी उन्हें समाचार पत्रों से मिली।
शनिवार को लाडली के परिजनों ने पत्रकारों से वार्ता कर अपना दर्द साझा किया। बच्ची के पिता और ताऊ ने कहा कि 20 नवंबर 2014 को उनकी छह साल की मासूम लाडली के साथ काठगोदाम के शीशमहल क्षेत्र में एक विवाह समारोह के दौरान दरिंदगी की गई और बाद में उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। मामले में आरोपी अख्तर अली को गिरफ्तार किया गया। सभी साक्ष्यों और डीएनए जांच के बाद दोषी करार देते हुए हाईकोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई। तब उन्हें लगा कि बिटिया को न्याय मिल गया।
बच्ची के पिता ने बताया कि बीते दिनों समाचार-पत्रों से उन्हें मालूम चला कि सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को बरी कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें मामले के सुप्रीम कोर्ट जाने की भनक तक नहीं लगने दी गई। न तो उन्हें इसकी जानकारी दी गई और न ही गवाही के लिए बुलाया गया। सरकारी वकीलों ने इस केस को लड़ा होगा। ऐसे में उन्हें इस पूरे घटनाक्रम की सूचना देने की जिम्मेदारी सरकार की बनती है। स्पष्ट है कि सरकार और उसके नियुक्त किए वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की ठोस पैरवी नहीं की। परिजनों ने कहा कि न्याय व्यवस्था और सरकार से उनका भरोसा उठ गया है। परिजनों ने कहा कि ऐसा किसी बच्ची, महिला और परिजनों के साथ न हो, इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
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दोषी को बरी करने के विरोध में रखा मौन, आज निकालेंगे जुलूस
सिमलगैर बाजार में सीमांत यूथ मोर्चा, उत्तराखंड छात्र मोर्चा, नगर यूथ कमेटी सहित अन्य संगठन के लोगों ने लाडली हत्याकांड के दोषी को बरी करने के विरोध में मौन रहकर आक्रोश जताया। मौन विरोध में पार्षद सुशील खत्री, सीयूमो के जिला अध्यक्ष जनार्दन पंत, उत्तराखंड छात्र मोर्चा के संयोजक योगेश खर्कवाल, नगर यूथ कमेटी के संयोजक राहुल खत्री, ध्रुव धामी, बहादुर सिंह, पप्पू बिष्ट, नीरज कुमार आदि शामिल रहे। शनिवार शाम विभिन्न सामाजिक संगठनों ने नगर निगम कार्यालय में बैठक की। लोगों ने कहा कि पीड़िता और उसके परिजनों को न्याय नहीं मिला तो वे सड़कों पर उतरेंगे। तय किया गया कि रविवार को नगर के रामलीला मैदान से डीएम कैंप कार्यालय तक मौन जुलूस निकाला जाएगा। डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा जाएगा। बैठक में व्यापार संघ, पूर्व सैनिक संगठन, सीमांत यूथ मोर्चा, उत्तराखंड छात्र मोर्चा, नगर यूथ कमेटी, नगर निगम के पार्षद सहित विभिन्न संगठन के लोग शामिल रहे।
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यह था मामला
18 नवंबर 2014 को पिथौरागढ़ जिले की छह साल की मासूम हल्द्वानी के काठगोदाम में विवाह में शामिल होने के लिए परिजनों के साथ आई थी। 20 तारीख को समारोह के दौरान उसके साथ दरिंदगी की गई। खोजबीन के बाद उसका खून से लथपथ शव मिला था। मामला सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में मासूम को इन्साफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतरे। मासूम को लाडली और नन्ही परी का नाम दिया गया। यहां तक की उसके नाम से पिथौरागढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज को पहचान दी गई।

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शनिवार को लाडली के परिजनों ने पत्रकारों से वार्ता कर अपना दर्द साझा किया। बच्ची के पिता और ताऊ ने कहा कि 20 नवंबर 2014 को उनकी छह साल की मासूम लाडली के साथ काठगोदाम के शीशमहल क्षेत्र में एक विवाह समारोह के दौरान दरिंदगी की गई और बाद में उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। मामले में आरोपी अख्तर अली को गिरफ्तार किया गया। सभी साक्ष्यों और डीएनए जांच के बाद दोषी करार देते हुए हाईकोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई। तब उन्हें लगा कि बिटिया को न्याय मिल गया।
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बच्ची के पिता ने बताया कि बीते दिनों समाचार-पत्रों से उन्हें मालूम चला कि सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को बरी कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें मामले के सुप्रीम कोर्ट जाने की भनक तक नहीं लगने दी गई। न तो उन्हें इसकी जानकारी दी गई और न ही गवाही के लिए बुलाया गया। सरकारी वकीलों ने इस केस को लड़ा होगा। ऐसे में उन्हें इस पूरे घटनाक्रम की सूचना देने की जिम्मेदारी सरकार की बनती है। स्पष्ट है कि सरकार और उसके नियुक्त किए वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की ठोस पैरवी नहीं की। परिजनों ने कहा कि न्याय व्यवस्था और सरकार से उनका भरोसा उठ गया है। परिजनों ने कहा कि ऐसा किसी बच्ची, महिला और परिजनों के साथ न हो, इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
दोषी को बरी करने के विरोध में रखा मौन, आज निकालेंगे जुलूस
सिमलगैर बाजार में सीमांत यूथ मोर्चा, उत्तराखंड छात्र मोर्चा, नगर यूथ कमेटी सहित अन्य संगठन के लोगों ने लाडली हत्याकांड के दोषी को बरी करने के विरोध में मौन रहकर आक्रोश जताया। मौन विरोध में पार्षद सुशील खत्री, सीयूमो के जिला अध्यक्ष जनार्दन पंत, उत्तराखंड छात्र मोर्चा के संयोजक योगेश खर्कवाल, नगर यूथ कमेटी के संयोजक राहुल खत्री, ध्रुव धामी, बहादुर सिंह, पप्पू बिष्ट, नीरज कुमार आदि शामिल रहे। शनिवार शाम विभिन्न सामाजिक संगठनों ने नगर निगम कार्यालय में बैठक की। लोगों ने कहा कि पीड़िता और उसके परिजनों को न्याय नहीं मिला तो वे सड़कों पर उतरेंगे। तय किया गया कि रविवार को नगर के रामलीला मैदान से डीएम कैंप कार्यालय तक मौन जुलूस निकाला जाएगा। डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा जाएगा। बैठक में व्यापार संघ, पूर्व सैनिक संगठन, सीमांत यूथ मोर्चा, उत्तराखंड छात्र मोर्चा, नगर यूथ कमेटी, नगर निगम के पार्षद सहित विभिन्न संगठन के लोग शामिल रहे।
यह था मामला
18 नवंबर 2014 को पिथौरागढ़ जिले की छह साल की मासूम हल्द्वानी के काठगोदाम में विवाह में शामिल होने के लिए परिजनों के साथ आई थी। 20 तारीख को समारोह के दौरान उसके साथ दरिंदगी की गई। खोजबीन के बाद उसका खून से लथपथ शव मिला था। मामला सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में मासूम को इन्साफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतरे। मासूम को लाडली और नन्ही परी का नाम दिया गया। यहां तक की उसके नाम से पिथौरागढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज को पहचान दी गई।