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Pithoragarh News: जान जोखिम में डाल कर आवाजाही कर रहे हैं हल्दू के ग्रामीण
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Sat, 29 Nov 2025 10:59 PM IST
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हल्दू से इसी गूल के सहारे सौर्या गांव पहुंचते हैं लोग। संवाद
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झूलाघाट(पिथौरागढ़)। काली नदी के समीप बसे सीमांत गांव हल्दू के ग्रामीण अन्य गांवों में जल्द पहुंचने के लिए जान जोखिम में डाल कर आवाजाही कर रहे हैं।
कुछ वर्ष पूर्व हल्दू गांव को सड़क से जोड़ा गया है। ग्रामीण नजदीकी सौर्या एवं भौरा गांव जाने के लिए काली नदी के ऊपर ऊपर खड़ी पहाड़ी पर बने नहर (गूल) के रास्ते से आवाजाही करते हैं। यह गूल इतनी संकरी है कि जरा सा संतुलन बिगड़ने पर सीधे काली नदी में गिरने का भय बना रहता है। बता दें कि हल्दू से भौरा गांव तक पुराना रास्ता भी है। यह रास्ता लंबा होने के चलते ग्रामीण जान जोखिम में डालकर गूल से आना-जाना करते हैं। इसके चलते विगत वर्षों में कुछ लोग खतरनाक रास्ते में दुर्घटना का शिकार भी हो चुके हैं ।
स्कूली बच्चे भी कभी-कभार इसी गूल से आवागमन करते हैं। ग्रामीण भुवन सौन, भवान सिंह, कल्याण सिंह, कैलाश सिंह, शमशेर चंद आदि ने बताया कि रास्ता बेहद खतरनाक है। इसके बाद भी लोग जल्दबाजी में गूल के रास्ते का ही प्रयोग करते हैं। प्रशासन को ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए हल्दू से भौरा गांव तक बने गूल वाले रास्ते को आवाजाही के लिए बंद कर देना चाहिए ताकि बड़ी घटना होने से बचा जा सके।
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स्कूली बच्चे भी कभी-कभार इसी गूल से आवागमन करते हैं। ग्रामीण भुवन सौन, भवान सिंह, कल्याण सिंह, कैलाश सिंह, शमशेर चंद आदि ने बताया कि रास्ता बेहद खतरनाक है। इसके बाद भी लोग जल्दबाजी में गूल के रास्ते का ही प्रयोग करते हैं। प्रशासन को ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए हल्दू से भौरा गांव तक बने गूल वाले रास्ते को आवाजाही के लिए बंद कर देना चाहिए ताकि बड़ी घटना होने से बचा जा सके।
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