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Uk: नदियां बनीं मौत की धारा...  बेगुल में जहर से मछलियों को मारा, जलीय जीव देख लोगों में आक्रोश

अमर उजाला नेटवर्क, ऊधमसिंह नगर Published by: गायत्री जोशी Updated Mon, 29 Dec 2025 02:15 PM IST
सार

रुद्रपुर के कल्याणी नदी में ज़हर डालकर मछलियों को मारने की घटना की गूंज अभी थमी भी नहीं कि अब बेगुल नदी में भी इसी तरह का दूसरा मामला सामने आया है।

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An incident has come to light in Rudrapur where fish were killed by poisoning the Kalyani River
रुद्रपुर में बेगुल नदी के किनारे मरीं मछलियों को पकड़ते लोग। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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रुद्रपुर के कल्याणी नदी में ज़हर डालकर मछलियों को मारने की घटना की गूंज अभी थमी भी नहीं कि अब बेगुल नदी में भी इसी तरह का दूसरा मामला सामने आया है। रविवार शाम बेगुल नदी में जहरीले रसायन डालने से बड़ी संख्या में मछलियां तड़प-तड़प कर मर गईं। नदी की सतह पर और किनारों पर मरींं मछलियों से लोगों में आक्रोश है।

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घटना के बाद देर शाम का दृश्य और भी चौंकाने वाला रहा। मछलियों की मौत के बावजूद नदी किनारे सुरक्षा या निगरानी के कोई इंतजाम नहीं थे। इसी के चलते कई लोग बेखौफ होकर मरी हुईं मछलियों को पकड़ते और घर ले जाते दिखाई दिए। यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है बल्कि जनस्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरे का संकेत है। केमिकल युक्त पानी में मरी मछलियों का सेवन जानलेवा साबित हो सकता है।

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स्थानीय लोगों का आरोप है कि औद्योगिक अपशिष्ट, कीटनाशक या किसी जहरीले रसायन को जानबूझकर नदी में डाला गया है। इससे पहले छठ पर्व के दौरान कल्याणी नदी में भी जहर डालकर भारी तादाद में मछलियों को मारा गया था। उस समय प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने जांच और सख्त कार्रवाई के दावे किए थे लेकिन नतीजा शून्य रहा। दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने से ऐसे तत्वों के हौसले और बढ़ गए हैं।

 पर्यावरण संतुलन बिगड़ने में आखिर किसकी भागीदारी

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार दो नदियों में इस तरह की घटनाएं क्षेत्र के पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद खतरनाक हैं। इससे जलीय जीवजंतु तो खत्म हो ही रहे हैं। साथ ही भूजल, पशुधन और खेती पर भी इसका गंभीर असर पड़ सकता है। सबसे गंभीर सवाल प्रशासन की भूमिका पर खड़ा हो रहा है। न तो समय रहते पानी के नमूने लिए गए और न ही नदी क्षेत्र की पहरेदारी की गई। इसी के चलते लोग मछलियों को घर ले गए। बार-बार हो रही इन घटनाओं के बावजूद ठोस कार्रवाई का अभाव यह दर्शाता है कि प्रशासन की निष्क्रियता पर्यावरण अपराधियों को खुली छूट दे रही है।

बेगुल नदी में केमिकल डालने की सूचना मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। - पंकज उपाध्याय, एडीएम

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