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Udham Singh Nagar News: ई-रिक्शा चलाने के लिए नगर निगम से लेना होगा लाइसेंस
संवाद न्यूज एजेंसी, ऊधम सिंह नगर
Updated Sat, 13 Sep 2025 01:12 AM IST
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नगर निगम काशीपुर ने बॉयलाज लागू कर लगाया 25 रुपये दैनिक और 1000 रुपये वार्षिक शुल्क
काशीपुर। नगर निगम क्षेत्र में ई-रिक्शा चलाने वालों को आरटीओ के अतिरिक्त नगर निगम से भी लाइसेंस लेना होगा। साथ ही वार्षिक लाइसेंस शुल्क 1000 रुपये और दैनिक 25 रुपये शुल्क देना होगा। इसके अलावा ई-रिक्शा चालक न तो एल्कोहल वाले द्रव्य और निषेध द्रव्य का सेवन करेगा और न ही ई-रिक्शा में बैठने वाली सवारी को करने देगा।
इस बात की जानकारी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने दी है। उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत राजकीय मुद्रणालय से उत्तराखंड गजट की प्रतियां प्राप्त कर जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि नगर निगम से लाइसेंस प्राप्त किए बगैर कोई ई-रिक्शा नहीं चलाया जा सकता है। इस उपविधि में लाइसेंसधारी और सवारी किसी निषेध द्रव्य का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। एल्कोहल का सेवन नहीं कर सकता है। इस प्रतिबंध के कारण न केवल ई-रिक्शा चलाने वाले के नशा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है बल्कि ई-रिक्शा की सवारी पर भी ऐसे व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
चालक को नहीं होनी चाहिए संक्रामक बीमारी
लाइसेंस की नियम व शर्तों में ई-रिक्शा सुदृढ़ एवं चालू अवस्था में होना, ई-रिक्शा चालक की आयु 18 से 60 वर्ष, चालक का किसी भी संक्रामक बीमारी से ग्रस्त न होना, यातायात विभाग की ओर से चिह्नित मार्ग पर ही ई-रिक्शा चलाना, ऐसा न करने पर रिक्शा जब्तीकरण की कार्रवाई करना, आरटीओ से चालक का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना, अनधिकृत पकड़े जाने पर ई-रिक्शा चालक पर 25 रुपये प्रति दिवस के अतिरिक्त 25 रुपये प्रति दिवस का अर्थदंड देना होगा। सभी ई-रिक्शा चालकों के पास वैध पहचान पत्र होना अनिवार्य है।
पांच हजार रुपये अतिरिक्त अर्थदंड का प्रावधान
उपविधि में प्रावधान है कि लाइसेंस अधिकारी की ओर से लाइसेंस को निलंबित या रद्द करने या अन्य इस उपविधि से संबंधित आदेश के विरुद्ध आदेश की तिथि से 15 दिन के अंदर प्रतिवेदन नगर आयुक्त के नाम प्रेषित किया जा सकता है। उपविधि का उल्लंघन करने पर अर्थदंड लिया जा सकता है।

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काशीपुर। नगर निगम क्षेत्र में ई-रिक्शा चलाने वालों को आरटीओ के अतिरिक्त नगर निगम से भी लाइसेंस लेना होगा। साथ ही वार्षिक लाइसेंस शुल्क 1000 रुपये और दैनिक 25 रुपये शुल्क देना होगा। इसके अलावा ई-रिक्शा चालक न तो एल्कोहल वाले द्रव्य और निषेध द्रव्य का सेवन करेगा और न ही ई-रिक्शा में बैठने वाली सवारी को करने देगा।
इस बात की जानकारी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने दी है। उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत राजकीय मुद्रणालय से उत्तराखंड गजट की प्रतियां प्राप्त कर जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि नगर निगम से लाइसेंस प्राप्त किए बगैर कोई ई-रिक्शा नहीं चलाया जा सकता है। इस उपविधि में लाइसेंसधारी और सवारी किसी निषेध द्रव्य का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। एल्कोहल का सेवन नहीं कर सकता है। इस प्रतिबंध के कारण न केवल ई-रिक्शा चलाने वाले के नशा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है बल्कि ई-रिक्शा की सवारी पर भी ऐसे व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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चालक को नहीं होनी चाहिए संक्रामक बीमारी
लाइसेंस की नियम व शर्तों में ई-रिक्शा सुदृढ़ एवं चालू अवस्था में होना, ई-रिक्शा चालक की आयु 18 से 60 वर्ष, चालक का किसी भी संक्रामक बीमारी से ग्रस्त न होना, यातायात विभाग की ओर से चिह्नित मार्ग पर ही ई-रिक्शा चलाना, ऐसा न करने पर रिक्शा जब्तीकरण की कार्रवाई करना, आरटीओ से चालक का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना, अनधिकृत पकड़े जाने पर ई-रिक्शा चालक पर 25 रुपये प्रति दिवस के अतिरिक्त 25 रुपये प्रति दिवस का अर्थदंड देना होगा। सभी ई-रिक्शा चालकों के पास वैध पहचान पत्र होना अनिवार्य है।
पांच हजार रुपये अतिरिक्त अर्थदंड का प्रावधान
उपविधि में प्रावधान है कि लाइसेंस अधिकारी की ओर से लाइसेंस को निलंबित या रद्द करने या अन्य इस उपविधि से संबंधित आदेश के विरुद्ध आदेश की तिथि से 15 दिन के अंदर प्रतिवेदन नगर आयुक्त के नाम प्रेषित किया जा सकता है। उपविधि का उल्लंघन करने पर अर्थदंड लिया जा सकता है।