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Sirmour: शामलात भूमि पर मालिकों को नजर अंदाज कर जारी की जा रही मुआवजा राशि, बांध प्रभावितों ने लगाए आरोप
रेणुका बांध निर्माण के दौरान प्रभावित हो रहे स्थानीय लोगों ने नाहन शुक्रवार को नाहन में पत्रकारवार्ता के दौरान कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि शामलात भूमि पर मालिकों को नजर अंदाज कर मुआवजा राशि वितरित की जा रही है। पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए दुर्गा राम ने कहा कि मौजा मोहतु में उनकी शामलात भूमि है। इस भूमि के कुछ हिस्से पर जो मुस्तर मालिक हैं उनको मुआवजा राशि न देकर ऐसे लोगों को राशि दी जा रही है जो मालिक ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले सामने आने के बाद उन्होंने सरकार के संज्ञान में भी लिया है और इस मामले में जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त सिरमौर को भी पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज करवाई गई है। उन्होंने कहा कि उनकी जमीन बांध प्रबंधन ने धारा 17/4 के तहत अधिग्रहित की है। बांध प्रबंधक ने उन्हें जो मुआवजा राशि चेक के रूप में दी है वह पर्याप्त नहीं है। राशि किस जमीन के लिए कितनी दी जा रही है, इसको लेकर भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जमीन का मूल्य कितना दिया गया है, पेड़-पौधों का मूल्य क्या है और उनके घर आदि का क्या मूल्य दिया गया है आदि बारे कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाध प्रबंधक ने सामाजिक आकलन सही रूप से नहीं किया है। इसके कारण भाई-भाई में लड़ाइयां शुरू हो गई हैं। चार भाई का मुश्ताक मकान खलियान आदि का मुआवजा एक भाई को दिया गया। इसके कारण तीन भाई वंचित रह गए। उन्हें भूमिहीन श्रेणी में भी नहीं लिया गया केवल मुख्य प्रभावित परिवार श्रेणी में लिया गया। उन्होंने मांग की कि इसका मालिकाना हक के अनुसार बटवारा किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी हल चलती उपजाऊ जमीन रेणुका डैम के डूब क्षेत्र में आ गई है और न के बराबर बंजर व जंगल झाडी वाली जमीन बचती है जिसमें खेती करना संभव नहीं है। कुछ आबादी खेत खलियान आदि डूब क्षेत्र में है मुख्य घर बच गए है जो कि खतरे के निशान पर है। बांध बनने के बाद इन घरों में रहना संभव नहीं है। क्योंकि यहां पर घरों के लिए कभी भी खतरा मंडरा सकता है। इसके कारण उनकी आजीविका पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी। इसलिए पूर्ण विस्थापित श्रेणी में लिया और भूमि प्रदान की जाए ताकि आजीविका जारी रहे। इस अवसर पर प्रेम दत्त, तुलानंद, संदीप, मेला राम आदि मौजूद रहे।
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