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58 lakh from entire Bengal, how many voters' names have been deleted from CM Mamata's seat Bhawanipur?
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पूरे बंगाल से 58 लाख, सीएम ममता की सीट भवानीपुर से कटे कितने मतदाताओं के नाम?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Sat, 13 Dec 2025 04:51 AM IST
पश्चिम बंगाल में एसआईआर (स्पेशल समरी रिवीजन) प्रक्रिया के तहत गणना पत्र जमा करने की अंतिम समयसीमा समाप्त हो चुकी है। चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। सबसे चौंकाने वाली संख्या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विधानसभा सीट भवानीपुर से सामने आई है, जहां मतदाता सूची से एक झटके में 44,787 नाम हटाए गए हैं। यह संख्या विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी की सीट नंदीग्राम में हुए डिलीशन की तुलना में चार गुना अधिक है।
चुनाव आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में भवानीपुर विधानसभा में कुल 2,06,295 मतदाता पंजीकृत थे। एसआईआर प्रक्रिया पूरी होने के बाद इनमें से लगभग 21.7% मतदाता सूची से बाहर हो गए। आयोग का कहना है कि सभी नाम हटाने की प्रक्रिया निर्धारित मानकों और सत्यापन नियमों के आधार पर की गई है। इनमें मतदाताओं की मृत्यु, स्थायी रूप से पलायन, पते की गलत या अधूरी जानकारी और फर्जी प्रविष्टियों की पहचान शामिल है।
इसी तरह, बंगाल राजनीति के सबसे चर्चित क्षेत्र नंदीग्राम से भी 10,599 मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। यह वही सीट है जहां 2021 के विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराकर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इस सीट पर मतदाता सूची में सुधार को लेकर लगातार राजनीतिक दबाव और निगरानी बनी रहती है, जिसके बीच यह आंकड़ा सामने आया है।
हालांकि, पूरे बंगाल में जिस विधानसभा क्षेत्र से सबसे अधिक नाम काटे गए हैं, वह उत्तरी कोलकाता की चौरंगी सीट है। यहां से एक रिकॉर्ड 74,553 वोटरों के नाम हटाए गए हैं। इस सीट का प्रतिनिधित्व टीएमसी की नयना बंदोपाध्याय करती हैं। चौरंगी के बाद दूसरे नंबर पर कोलकाता पोर्ट सीट है, जहां से 63,730 नाम काटे गए हैं। यह सीट फिरहाद हाकिम के पास है, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी नेताओं में गिने जाते हैं।
राजधानी कोलकाता की तृणमूल मजबूत सीटों पर इस तरह भारी संख्या में नाम हटाए जाने ने राजनीतिक गलियारों में कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। टॉलीगंज सीट भी इससे अछूती नहीं रही, जहां से 35,309 नाम काटे गए हैं। टॉलीगंज के विधायक और मंत्री अरूप बिस्वास चार बार से लगातार जीतते आ रहे हैं।
भाजपा ने इन आंकड़ों की तुलना करते हुए भवानीपुर में चार गुना अधिक नाम कटने को “राजनीतिक रूप से संवेदनशील” बताया है। वहीं टीएमसी का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया चुनाव आयोग के प्रोटोकॉल के अनुसार की गई है और इसका राजनीतिक रूप से कोई लेना-देना नहीं है।
एसआईआर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब बारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को अंतिम रूप देने की है। सभी जिलों से फीडबैक आने के बाद चुनाव आयोग अंतिम मतदाता सूची जारी करेगा। इसके बाद 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी औपचारिक रूप से तेज हो जाएगी।
राज्य में मतदाता सूची से इतनी बड़ी संख्या में नाम हटाए जाने को लेकर सियासत तेज होने के आसार हैं, खासकर तब जब कई सीटें सीधे सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई हैं।
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