हनुमानगढ़ के टिब्बी क्षेत्र में उस समय हालात तनावपूर्ण हो गए, जब राठीखेड़ा गांव में निर्माणाधीन अनाज आधारित एथनॉल फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। बुधवार शाम सैकड़ों किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालते हुए ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड की फैक्ट्री के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि फैक्ट्री बनने के बाद क्षेत्र में भूजल दोहन बढ़ेगा, खेतों की उर्वरक क्षमता घटेगी और प्रदूषण के कारण फसलों को भारी नुकसान होगा। इसी नाराज़गी के चलते किसानों और पुलिस के बीच सीधी भिड़ंत हो गई।
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने फैक्ट्री की चारदीवारी को तोड़ दिया और मौके पर जमकर हंगामा हुआ। पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन इससे भी भीड़ को काबू करना मुश्किल हो गया। बताया जा रहा है कि उग्र भीड़ ने 16 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, जिनमें पुलिस वाहन भी शामिल थे। घटना से इलाके में दहशत फैल गई और प्रशासन ने अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है।किसानों का कहना है कि प्रशासन ने उनकी बात न सुनकर फैक्ट्री निर्माण की अनुमति दे दी, जबकि गांव के लोग लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि पर्यावरण और किसानों के हितों को देखते हुए इस परियोजना को तत्काल रोका जाए। दूसरी ओर, पुलिस और जिला प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नुकसान करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक परियोजनाओं को लेकर बढ़ते असंतोष को उजागर करती है, जहां पर्यावरण और आजीविका से जुड़े मुद्दे लगातार टकराव का कारण बन रहे हैं।